RBI Monetary Policy: एमपीसी की बैठक (RBI MPC Meet 2023) के बाद आम लोगों के लिए बुरी खबर है क्योंकि RBI ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव ना करते हुए 6.50 परसेंट पर बरकरार रखा है। यानी सस्ते लोन के लिए अब भी इंतजार करना पड़ेगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक की MPC (मौद्रिक नीति समिति) की बैठक के बाद नीतिगत निर्णय की घोषणा कर दी गई है। एमपी सी की बैठक के बाद लोगों को राहत देते हुए आरबीआई ने रेपो रेट बरकरार रखा है। यानी कि रेपो रेट 6.50 पर बरकरार है जिसमें कोई भी बदलाव नहीं है। वैसे इस बारे में पहले से ही अंदाजा लगाया जा रहा था कि Repo Rate को लेकर स्थिति यथावत रहती है और ऐलान भी ठीक उसी प्रकार हुआ है।
एमपीसी (मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी) की बैठक 8 अगस्त से शुरू हुई थी जो आज 10 अगस्त को खत्म हुई है। बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने दी है। इस बैठक से पहले बैंक द्वारा तीसरी बार भी नीतिगत दरों को यथावत रखने का अनुमान लगाया जा रहा था।
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सभी 42 इकनॉमिस्ट्स ने ब्लूमबर्ग के एक सर्वे में भी इस बात का अनुमान लगाया था कि आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर बनाए रख सकती है। इसी साल जून में खुदरा महंगाई 4.81 परसेंट रही जो इसका तीन महीने का सबसे हाई लेवल माना जाता है। वहीं गेहूं और चावल के अलावा सब्जियों के दामों में भी भारी उछाल देखने को मिला है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि जुलाई महीने में महंगाई की तरह आरबीआई के टारगेट रेंज को क्रॉस कर चुकी है।
RBI Monetary Policy, रेपो रेट में बदलाव नहीं होने के कारण ईएमआई में कोई भी राहत नहीं मिली है। इसलिए जो लोग लोन में कुछ राहत की आस लगाए हुए थे उन्हें आरबीआई के इस फैसले से कोई भी फायदा नहीं हुआ है। वही बात करें पिछले साल की तो पिछले साल मई महीने में रेपो रेट में 2.5 फ़ीसदी की बढ़ोतरी से लोन महंगी हो गए हैं। देशभर में लोग लोन सस्ता होने की आस लगाए हुए थे लेकिन फिलहाल उन्हें इसमें कोई भी राहत नहीं मिली है। बढ़ती जा रही महंगाई की रोकथाम के लिए मई 2022 के बाद से ही रेपो रेट में कई बार बढ़ोतरी की गई है।
इसी वजह से नीतिगत दर रेपो इसी साल (फरवरी 2023 में) भी 6.5 परसेंट तक पहुंच चुकी थी और बाद में आरबीआई ने अप्रैल और जून में इसे यथावत रखा था।