Categories: देश

राजस्थान हाईकोर्ट के जजों को अब नहीं बोला जायेगा “माई लॉर्ड”

Published by

भारतीय संविधान के समानता के अधिकार का सम्मान करने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट की कुल कोर्ट ने 14 जुलाई को ये फैसला लिया कि जजों को “माई लॉर्ड”और “योर ऑनर” कहकर सम्बोधित न करें एक नोटिस जारी कर वकीलों से अनुरोध भी किया | 

 

हालाकि ये फैसला नया नहीं है

  • साल 2006 में बार काऊसिल ऑफ इंडिया ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा था कि “माई लॉर्ड”और “योर ऑनर” जैसे सम्बोधन का उयोग नहीं होना चाहिए क्योंकि ये भारत के गुलाम आतीत के अवशेष है।
  • साल 2001 में  हाईकोर्ट के जस्टिस चदु ने भी वकीलों को इस तरह के सम्बोधन से मना किया था।
  • सुप्रीम कॉर्ट ने भी कहीं थी ये बात न्यायाधीशो ने कहा कि यह वकीलों पर निर्भर करता है कि वह न्यायालय को कैसे स्बोधित करते है। माई लॉर्ड और योर ऑनर के रूप में संबोधित करना अनिवार्य नहीं लेकिन निश्चित ही उन्हें न्यायधीशों के सम्मान और गरिमा का ख्याल रखना चाहिए, स्बोधन के लिए र भी स्वीकार है।

कुल मिला जुला के ये नियम कानून अग्रेज के जमाने की देन है और ये गुलामी का प्रतीक है इसलिए इसको बदलने की जरूरत महसूस हो रहा है

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

Share
Published by

Recent Posts