PM Imran Khan: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार इन दिनों गर्दिश के दौर से गुजर रही है। विपक्ष द्वारा लाये जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से पहले प्रधानमंत्री इमरान खान अब पाकिस्तानी जनता के भरोसे हो गए हैं। यही कारण है कि आज राजधानी इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में वह एक बड़ा जलसा (सभा) करने जा रहे हैं। PTI कार्यकर्ताओं की मानें तो इस जलसे में 10 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। इतनी बड़ी भीड़ जुटाकर इमरान खान विपक्ष को यह संदेश देना चाहते हैं कि जनता उनके (सरकार के) साथ है।
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69 वर्षीय इमरान खान के अनुसार पाकिस्तान की जम्हूरियत संकट में है। शनिवार को कमालिया की एक जनसभा में देश को सम्बोधित करते हुए पाकिस्तानी ‘PM’ ने कहा कि 27 मार्च यानि आज रविवार का दिन देश के लिए ऐतिहासिक होगा जहां आवाम इस्लामाबाद के इस जलसे में आकर हमें समर्थन देगी और मुल्क को बर्बाद करने की चाह रखने वालों (उनका इशारा विपक्ष की ओर था) को करारा जवाब देगी।
PM Imran Khan ने आगे कहा कि,” यह लड़ाई सरकार बनाने और गिराने की नहीं है बल्कि इसलिए है कि किसी तरह से इमरान खान को सत्ता से हटा दिया जाए ताकि जो उनकी मैंने भ्रष्टाचार की फाइलें खोल रखी हैं वो बन्द हो जाएं और विपक्ष के बुरे कर्म जनता तक न पहुंच पाएं।”
पाकिस्तान के हालात आज कुछ ऐसे हैं कि सत्तासीन तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी और विपक्ष जिसमें बेनजीर भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP), नवाज शरीफ की पार्टी PML-N और मौलाना फजलुर्रहमान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही जनता का विश्वास जीतना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि इस वक्त पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। दूध, बिजली की कीमतें, तेल, गेंहू, अंडे आदि खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में विपक्ष ने इसे ही मुख्य मुद्दा बना लिया है। वह चाहे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल भुट्टो हों या फजलुर्रहमान सब मिलकर इमरान सरकार पर हमलावर हैं और देश मे बढ़ती महंगाई का जिम्मेदार इमरान सरकार को ही ठहरा रहे हैं।
इमरान सरकार के खिलाफ जनता के आक्रोश को भुनाने के लिए विपक्ष 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था जिस पर स्पीकर असद कैसर ने चर्चा करना मुनासिब नहीं समझा। विपक्ष के बढ़ते हमलों को देखकर आखिरकार स्पीकर असद कैसर असेम्बली में चर्चा के लिए तैयार हुए और 28 मार्च का दिन नियत किया। ज्ञात हो कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने के बाद 3 या 4 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है।
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ज्ञात हो कि 342 सदस्यीय असेम्बली में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी 155 सदस्यों वाली सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 24 सांसद सहयोगी दलों से हैं। विदित हो कि असेम्बली में बहुमत साबित करने के लिए 172 सदस्यों के संख्या बल की जरूरत होती है। सहयोगी दलों के 24 सांसद इस वक्त ‘बागी’ हैं और यही इमरान खान सरकार पर सबसे बड़ा संकट पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि विपक्ष उनके सांसदों को खरीदने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके सांसदों को विपक्षी दल लोक लुभावन प्रस्ताव देकर लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इमरान खान ने उम्मीद जताई कि विपक्षी दल कभी भी अपने नापाक इरादों में कामयाब नहीं होंगे। इमरान ने कहा कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया ही इसलिए है ताकि हम उनके सामने झुक जाएं और उनके खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांच को बंद कर दें। लेकिन उनकी सरकार उनके नापाक इरादों के आगे झुकेगी नहीं।