PIB Fact Check
PIB Fact Check: हाल ही में सोशल मीडिया में एक मैसेज बड़ी तेजी से वायरल किया जा रहा है जिसमे दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार आने वाले नए साल यानी साल 2023 की शुरुआत से 1000 रुपए के नए नोट लाने वाली है साथ ही मैसेज में ये दावा भी किया जा रहा है कि सरकार ₹1000 के नए नोट लाने के साथ ही ₹2000 के नोटों को बंद कर देगी । सोशल मीडिया में यह मैसेज खूब फारवर्ड किया जा रहा है । आइए जानते हैं इस मैसेज की क्या है सच्चाई और क्या सच में केंद्र सरकार 1000 रुपए के नए नोट लाने वाली है।
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सोशल मीडिया में नए साल पर हजार रुपए के नए नोट लाने संबंधी जो मैसेज वायरल किया जा रहा है दरअसल इसके पीछे की वजह केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में दिया गया एक बयान हैं । बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद में एक प्रश्न के उत्तर में जवाब दिया था कि 2018–19 के बाद ₹2000 के नोटों की छपाई के लिए कोई मांग पत्र नहीं दिया गया है। सरकार द्वारा दी गई इस सूचना के बाद ही सोशल मीडिया पर दावा किया जाने लगा कि 2000 रुपए के नए नोटों की छपाई नहीं हो रही क्योंकि सरकार इन्हे वापस लेने वाली है ।
सोशल मीडिया पर वायरल 1000 रुपए के नोटों के नए साल पर लांच होने और 2000 के नोटों के बंद होने पर किया जा रहा दावा फर्जी निकला है । सरकार की भ्रामक खबरों को रोकने हेतु बनाई गई फैक्ट चेकर वेबसाइट पीआईबी इंडिया की तरफ से इस दावे को फर्जी बताया गया है और ऐसी भ्रामक खबरों को वायरल न किए जाने की अपील की गई है ।
हाल ही में पीआईबी इंडिया की तरफ से ट्वीट किया गया है कि सोशल मीडिया पर जिस वायरल वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि 1 जनवरी 2023 से ₹ 1000 रुपए के नए नोट आने वाले हैं और पुराने 2000 के नोट वापस बैंकों में लौट जायेंगे ये दावा पूरी तरह से फर्जी है । पीआईबी इंडिया की तरफ से ट्वीट में अपील की गई है कि इस तरह की भ्रामक खबरों वाले मैसेज पर न तो ध्यान दें और न ही इन्हें फारवर्ड करें ।
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केंद्र सरकार की तरफ से 1000 के नए नोट लाने या पुराने 2000 के नोट वापस लेने की कोई भी योजना नहीं है और न ही इस तरह का कोई बदलाव किया जाना है । बता दें कि वित्त मंत्रालय ने संसद में एक प्रश्न के जवाब में कहा था कि 2018–19 से 2000 के नोटों की प्रेस में छपाई से संबंधित केंद्र सरकार को कोई भी मांगपत्र नहीं दिया गया है । इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में नकली नोटों से संबधित जानकारी दी थी कि वित्त वर्ष 2021–22 में विभिन्न बैंकों में 230971 नकली नोटों की पहचान की गई है ।
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को प्रचलन में शामिल 500 और 1000 के पुराने नोटों को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया था जिसके बाद बड़ी मात्रा में प्रचलन में शामिल ये नोट अवैध हो गए थे । सरकार द्वारा विमुद्रीकरण की इस प्रक्रिया के तहत 2000 के नए नोट लाए गए थे । इसके बाद से ही ये नोट प्रचलन में हैं हालांकि सोशल मीडिया में कई बार 2000 के इस नोट को लेकर भ्रामक खबरें वायरल होती रही हैं । वहीं सरकार ने ऐसी किसी भी खबरों को तवज्जो नहीं देने की अपील की है ।