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Indian Railways: मालगाड़ी के डिब्बों में ये चक्का क्यों लगा होता है? कारण जानकर हैरान रह जाएंगे

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Indian Railways: भारतीय रेलवे दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है जो उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एक विशाल नेटवर्क के जरिए फैला हुआ है । अक्सर ही हम रेल में सफर करते हैं विशेषकर तब जब हमें लंबी दूरी की यात्रा करना होता है वहीं हम सबने पटरियों पर चलने वाली एक दूसरी तरह की ट्रेन को भी देखा होगा जिसे मालगाड़ी कहा जाता है । इस रेलगाड़ी से आदमी सफर करते हैं तो वहीं मालगाड़ी तेल,कोयला, नमक आदि सामान ढोने के काम आती है ।

हम सब भी अक्सर मालगाड़ी देखते ही होंगे । वहीं इस माल वाहक ट्रेन के हर डिब्बे के बगल में एक चक्का लगा होता है । क्या आप जानते हैं कि वो चक्का किस काम आता है? अगर नहीं जानते तो आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको इस चक्के की पूरी कहानी बताएंगे साथ ही ये भी कि आखिर रेलवे इस चक्के को हर डिब्बे के बगल में क्यों लगाता है।

मालगाड़ी के हर डिब्बे में लगे होते हैं चक्के

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सवारियां ढोने के इतर माल ढुलाई के लिए प्रयुक्त होने वाली मालगाड़ियों के हर डिब्बे के बगल में एक चक्का लगा होता है । यह गोल चक्का देखने में एक पहिए जैसा ही लगता है पर वास्तव में यह पहिया नहीं होता न ही मालगाड़ी में इसका पहिए के रूप में कोई उपयोग होता है । ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि इसे रेलवे विभाग हर डिब्बे के बगल में लेकिन जमीन से ऊपर लगा देता है ।

बेहद जरूरी है ये चक्का

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जैसा कि आप जानते ही होंगे कि एक रेलगाड़ी में 24 डिब्बे होते हैं वहीं मालगाड़ी में इससे कहीं अधिक यानी करीब 40 से 58 तक डिब्बे होते हैं । हालांकि रेलगाड़ियों में इस चक्के को लगाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वो मालगाड़ियों की अपेक्षा कम भार वहन करती हैं तो वहीं मालगाड़ी माल ढुलाई की वजह से भारी भरकम वजन लेकर चलती है । दरअसल कुछ समय पहले तक मालगाड़ियों में इस चक्के का उपयोग नहीं किया जाता था ।

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इस वजह से लगाया जाता है चक्का

पहले के समय में मालगाड़ियों को भारी वजन लेकर चलने की वजह से किसी ढलान या ऊंचाई वाली जगह पर रुकने में दिक्कत होती थी। चक्का न लगे होने की वजह से ब्रेक के इस्तेमाल से मालगाड़ियों को रोका जाता था पर ऊंचाई या ढलान वाली जगह पर मालगाड़ियों को रुकने में दिक्कत होती थी और किसी भी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता था । मालगाड़ी का इंजन ढलान या ऊंचाई वाली जगह पर डिब्बों को पूरी तरह से रोक नहीं पाता था । ऐसे में रेलवे के इंजीनियरों ने एक जुगाड भिड़ाया और इस समस्या से निदान हेतु हर डिब्बे के बगल में एक चक्का लगा दिया ।

हैंडब्रेक लीवर की तरह चक्के का होता है इस्तेमाल

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Indian Railways, चक्का लगा देने से रेलवे को एक बहुत ही बड़ी समस्या का समाधान मिल गया । हर डिब्बे के बगल में लगा यह चक्का नुमा लीवर एक हैंड ब्रेक की तरह काम करता है । जब भी मालगाड़ी को ढलान या चढ़ाई वाली जगह पर रोकना होता है इस लीवर को घड़ी की दिशा में(क्लॉक वाइज) घुमा दिया जाता है जिससे भारी सामानों से लदी मालगाड़ी सुरक्षित रुक जाती है। यही वजह है कि हर मालगाड़ी के डिब्बे के बगल में ये चक्के लगे होते हैं ।

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