Petrol Price Hike: आप ने पिछले दिनों यह खबर सुनी थी। कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की आशंका से किस प्रकार पेट्रोल पंपों में लंबी-लंबी लाइनें लग रही है, जिससे लोगों से पूछने से पता चला है, कि उन्हें भय है, कि विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरी होगी। और इसीलिए वे अपनी गाड़ियों की टंकी को फुल करवा रहे हैं।
एक आंकड़े के मुताबिक मार्च में सिर्फ 15 दिन में पेट्रोल डीजल की बिक्री महामारी पूर्व स्तर के पार पहुंच गई है। दाम के बढ़ने के भय से उपभोक्ता व डीलर वाहनों की टंकियों को फुल करवा रहे हैं। इसके पीछे हरदीप पुरी जी का बयान भी लोगों की आशंकाओं को हवा देने का काम कर रहा है। और फल स्वरुप 34.4% पेट्रोल हुआ 17.3% ज्यादा डीजल भी बेचा गया है। तो चलिए अब हम आपको बताते हैं, कि आखिर ऐसा कैसे हुआ।
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आपको जानकर हैरानी होगी। कि 90 फ़ीसदी बाजार पर नियंत्रण रखने वाली तेल कंपनियों ने 1 मार्च से 15 मार्च के बीच 12.3 लाख टन पेट्रोल बेंच दिया है, पिछले साल के मुकाबले यह 18% अधिक है। जबकि 2019 के मुकाबले यह 24.4% अधिक है।
इतना ही नहीं इन कंपनियों ने 35.3 लाख टन डीजल भी बेच डाला है। जो कि पिछले साल के मुकाबले 23.7% अधिक है।
आपको बता दें, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा था। कि लोगों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से पहले गाड़ियों के टैंक पूरी तरह भरवा लेना चाहिए। जिसके बाद तत्काल पेट्रोल व डीजल की बिक्री में 20% बढ़ोतरी दर्ज कर ली गई।
आपको बता दें, 2019 के मुकाबले 1 मार्च से 15 मार्च के बीच पेट्रोल 24.4% तथा डीजल 17.3% ज्यादा बिक गया। इसके पीछे लोगों कहना है , कि जब हमें मालूम है। कि कल तेल के दाम बढ़ने वाले हैं। तो हम आज क्यों ना अपनी गाड़ियों की टंकी फुल करवा ले।
बता दे, आंकड़ों के अनुसार 2020 में 1 मार्च से 15 मार्च के बीच जितना पेट्रोल व डीजल बिका था। उसके मुकाबले 2022 में 1 से 15 मार्च के बीच 33.5% डीजल व 24.3% पेट्रोल अधिक बिका है। जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
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विमान ईंधन आधार एविएशन टर्बाइन फ्यूल की कीमतों में अब तक की 18 प्रतिशत सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जो कि अपने आप में रिकॉर्ड है, इसके पीछे का कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में वृद्धि है।