Petrol Price Hike: रूस और यूक्रेन संकट से तो आप वाकिफ होंगी ही, रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए आक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों का असर सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं है बल्कि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है,जाहिर सी बात है भारत भी इसके प्रभाव से बच नहीं पाएगा और यही वजह है कि आने वाले दिनों में भारत में महंगाई आसमान छूने वाली है सबसे ज्यादा संकट पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर होगा।
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आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की रूस यूक्रेन संकट की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में 22 गुना बढ़ोतरी हो गई है, जहां पर कच्चा तेल पहले $5 प्रति बैरल मिलता था तो वहीं अब $110 प्रति बैरल की कीमत से मिल रहा है, जाहिर सी बात है इसका असर दुनिया के अलग-अलग देशों पर पड़ने वाला है।
चूँकि भारत के कुछ राज्यों में अभी चुनाव चल रहा है अतः चुनाव के मद्देनजर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर काफी नियंत्रण किया गया है, परंतु यह नियंत्रण ज्यादा समय तक जारी नहीं रह सकेगा,अनुमान है कि देश में अगले सप्ताह से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ सकते हैं,जिससे मुश्किलें और भी बढ़ जायेंगी।
आपको पता है कि भारत पहले ही महंगाई की मार से बेहाल है ऐसे में पेट्रोल डीजल की बढ़ी हुई कीमतें आम जनमानस को और कष्ट में डाल देंगे।
विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद संभव है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की जाए।जहां तक विश्लेषक अनुमान लगा पा रहे हैं तो उनका यह कहना है कि तेल कंपनियां तेल पर 10% अथवा ₹9 प्रति लीटर की मात्रा से कीमतें बढ़ा सकती है, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ₹9 प्रति लीटर की बढ़ी हुई कीमत साधारण जनता के लिए कितना भारी बोझ साबित हो सकती है।
आपको पता होगा कि पिछले लगभग 118 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई इजाफा नहीं हुआ है, नवंबर में क्रूड तेल 85.1% के करीब था पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर नियंत्रण रखने का एक बड़ा कारण देश में होने वाले विधानसभा चुनाव थे और अब अनुमान है कि जैसे ही यह चुनाव संपन्न होता है पुनः पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी और यह बढ़ोतरी ₹9 प्रति लीटर तक हो सकती है।
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Petrol Price Hike आपको बता दें कि कच्चे तेल में तेजी से सरकारी रिफाइनरी कंपनियों जैसे इंडियन आयल भारत पेट्रोलियम हिंदुस्तान पेट्रोलियम आदि को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर लगातार घाटा हो रहा है, आंकड़े बताते हैं कि इन कंपनियों को 5.7 रुपे का प्रति लीटर घाटा हो रहा है ऐसे में विधानसभा चुनाव के समाप्त होते ही यह कंपनियां तेल की कीमत बढ़ा सकती है वैसे तो यह खबर सामान्य जनता के लिए सुखद नहीं है फिर भी यह सत्य है कि एक बार फिर से महंगाई भारत में अपना डेरा डालने वाली है।