Personal Finance Tips : फ्यूचर के फाइनेंस गोल को हासिल करने के लिए योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। आपका भविष्य इस बात से तय होता है कि आप कितना बचाते हैं और कितना निवेश करते हैं, न कि आप कितना कमाते हैं।
फ्यूचर में फाइनेंस बैलेंस के लिए के लिए हर किसी को अपनी फाइनेंस प्लानिंग बनाने की आवश्यकता है। आपको अपनी जरूरतों के लिए बचत करने की जरूरत है। हालाँकि, बचत तभी फायदेमंद होगी जब आपके मन में कोई वित्तीय लक्ष्य होगा। अगर आप इन बचतों के लिए कुछ स्मार्ट कदम अपनाएंगे तो आपका काम आसान हो जाएगा।
हम बचत क्यों कर रहे हैं ? आप किसलिए कर रहे हैं? ये तो पता होना ही चाहिए। आम तौर पर हम 3 कारणों से बचत करते हैं। भविष्य की इमरजेंसी, (नौकरी या व्यवसाय बंद होना या अचानक बीमारी), भविष्य के आवश्यक खर्च (बच्चों की शिक्षा और शादी) और सबसे महत्वपूर्ण, रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतें।
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बचत शुरू करने से पहले आपको कितनी और किस प्रकार बचत करनी चाहिए? अपनी मंथली या सालाना इनकम से पैसे कैसे बचाएं? ये सभी बातें समझना बेहद जरूरी है।
अपने निर्धारित खर्चों की एक लिस्ट बनाएं। इसमें आपके जरूरी खर्चे शामिल हैं, जैसे. राशन और घरेलू सामान। इसकी कुल लागत कितनी है? क्या आपके घर या वाहन की कोई किश्त चल रही है? इन सभी खर्चों के बाद जो पैसा आपके हाथ में बचता है, उससे आपकी बचत शुरू हो जाती है।
सभी खर्चों को नोटबुक में लिखने के बाद उसकी समीक्षा करें। बाहर खाने-पीने, मनोरंजन कार्यक्रमों, गैजेट्स पर कितना खर्च होता है? यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि बचत करने के बाद उसे इन सभी पर कम खर्च करें।
अब आप देख सकते हैं कि आप वास्तव में कितनी बचत कर सकते हैं। दरअसल आपको अपनी आय का कम से कम 20 प्रतिशत हिस्सा बचाना चाहिए। यदि आप उतनी बचत नहीं कर सकते, तो अपने खर्चों को दोबारा जांचें। जहां अनावश्यक खर्चे होते हैं उस कम करने की कोशिश करें।
वित्तीय प्रगति के लिए अकेले बचत करना पर्याप्त नहीं है। इसलिए सही जगह इन्वेस्टमेंट करना भी जरूरी है। क्योंकि, महंगाई के दौर में निवेश के जरिए ही आप अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। निवेश आपकी आय बढ़ाने में भी मदद करता है।
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में निवेश एक बेहतरीन विकल्प है। यह कटौती आपकी सैलरी जेब में जाने से पहले की जाती है। यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। इसके दो फायदे हैं, पहला टैक्स बचत और दूसरा अच्छा रिटर्न। दिलचस्प बात यह है कि इसके लिए आपको कुछ और करने की जरूरत नहीं है।
फंड की कमाई और निवेश के साथ-साथ टैक्स बचाकर बचत बढ़ाने के सही विकल्प भी जानना जरूरी है। आपकी समस्या का समाधान है ईएलएसएस। ये एक प्रकार के टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड हैं। जिस पर धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। इसका लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल है।
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इंडियन शेयर बाज़ारविकास की संभावनाओं को देखते हुए डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करना बेहतर माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आपको अपनी टेक होम सैलरी का कम से कम 20 से 30 फीसदी हिस्सा इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। अगर आप होम लोन की ईएमआई चुका रहे हैं तो अपनी सैलरी से काटकर बची हुई रकम का 40 फीसदी हिस्सा निवेश करें।
Personal Finance Tips: आपको हर साल अपनी कंपनी से वार्षिक बोनस मिलता है। इस बोनस राशि का कम से कम 50 फीसदी डेट फंड में निवेश करना जरूरी है। यह आपके लिए इमरजेंसी फंड की तरह काम करेगा। बची हुई बोनस राशि को आप बच्चों की शिक्षा, यात्रा और मनोरंजन पर खर्च कर सकते हैं।