Omicron Variant भारत के साथ ही पूरी दुनिया में Omicron ने कहर ढाया है। भारत में कोरोना के प्रत्येक रोज लाखों की संख्या में नए कैसे सामने आ रहे हैं। हालांकि Omicron का खतरा लगातार बना रहा हैं। देश में Omicron के मामले 10 हजार से भी ज्यादा हो चुके हैं। विशेषज्ञों का यह मानना है कि Omicron का पता केवल जिनोम सीक्वेंसिंग लगाया जा सकता है तथा जिनोम सीक्वेंसिंग भारत में आवश्यकता के मुताबिक नहीं हो पा रही है। इसी कारण यह हो सकता है कि Omicron से संक्रमित मरीजों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो।
इस पोस्ट में
Omicron Variant को विशेषज्ञों ने डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम खतरनाक बताया है। लेकिन फिर भी इस वेरिएंट की बारे में अधिक जानकारी जुटाने के लिए लगातार शोध किए जा रहे हैं। जापानी शोधकर्ताओं ने अपने एक हालिया शोध में यह पाया है कि Omicron प्लास्टिक की सतहों तथा मानव त्वचा पर कोरोनावायरस के पुराने वेरिएंट की तुलना में ज्यादा समय तक जीवित रह सकता है।
स्टडी के अनुसार Omicron इंसान की त्वचा पर 21 घंटे हालांकि प्लास्टिक की सतह पर 8 दिन तक जिंदा रह सकता है। जापान के वैज्ञानिकों ने कोरोनावायरस के सारे वेरिएंट्स कि पर्यावरण स्थिरता की जांच की। वैज्ञानिकों ने यह पाया कि बुखार वेरिएंट के मुकाबले अल्फा, डेल्टा, Omicron और बीटा वेरिएंट त्वचा तथा प्लास्टिक पर दोगुने से भी अधिक समय तक जिंदा रह सकते हैं।
घोर आश्चर्य यहाँ के मुस्लिम तो बोल रहे हैं की योगी जी सुपर मुख्यमंत्री हैं
फिलहाल शोधकर्ताओं ने यह कहा कि इस वेरिएंट के पर्यावरण स्थिरता काफी परेशान करने वाली है, क्योंकि ये संपर्क के जरिए ही फैलने के खतरे को बढ़ाता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह पाया है कि Omicron Variant अन्य वेरिएंट के मुकाबले सबसे ज्यादा समय तक पर्यावरण में मौजूद रहता है तथा इसी कारण से इसका प्रसार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि ये वेरिएंट जल्द ही डेल्टा वेरिएंट की जगह भी ले सकता है।
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताई गई विधि तरीको तथा दांव की पुष्टि नहीं करता है। इनको केवल आप सुझाव के रूप में लें। इस प्रकार के किसी भी उपचार, डाइट अथवा दवा पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।