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Quantum Entanglement: पलक झपकते ही DELHI से NEW YORK… क्या है वो तकनीक, जिसके लिए मिला नोबेल

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क्वाटंम इनटैंगलमेंट बेहद जटिल विषय है

वर्ष 2022 का फिजिक्स का नोबेल प्राइज तीन भौतिक शास्त्री को दिया गया है। ये है, Alain Aspect, John Clauser और Anton Zeilinger । तीनों ने क्वांटम इनटैंगलमेंट पर अलग-अलग EXPERIMENT किए हैं। आइए जानते हैं तीनों ने जिस सब्जेक्ट पर प्रयोग किए, वो क्या है? उससे भविष्य में किस तरह के लाभ होंगे।

फ्रांस के तीन भौतिक शास्त्रीयों को नोबेल प्राइज का पुरस्कार मिला है। इन तीनो के नाम क्रमशः एलेन एसपेक्ट,जॉन क्लॉसर,और एंटन ज़ीलिंग है। यह पुरस्कार इनको Quantum Entanglement को लेकर किए गए एक्सपेरिमेंट के लिए दिया गया है। आइए जानते हैं यह तीनों भौतिक शास्त्री इस एक्सपेरिमेंट को लेकर क्या गुत्थी सुलझा रहे हैं?

तीन भौतिक शास्त्रीयों को मिला NOBEL PRIZE

Quantum Entanglement भौतिक शास्त्री

क्वाटंम इनटैंगलमेंट एक ऐसी जटिल प्रक्रिया है जिसे समझना और समझाना दोनो बेहद कठिन काम है। लेकिन इसको लेकर वैज्ञानिकों का कहना है, इसके माध्यम से हम भविष्य में बड़े-बड़े सुपर फास्ट क्वांटम कंप्यूटर बना सकते हैं। अंतरिक्ष में एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक बिना किसी बाधा के क्वांटम संचार हो सकता है। अंतरिक्ष से भी उर्जा लाई जा सकती है इसके साथ ही 100 जीबी डाटा को कंप्रेस करके 1GB के मेमोरी कार्ड में रख सकते हैं।

अणुओं के रूप में हम कर सकेंगे सेकंडो में हजारों मील की यात्रा

क्वाटंम इनटैंगलमेंट का सबसे बड़ा लाभ भविष्य में जो होगा, वो Teleportation है। इसके अंतर्गत  किसी व्यक्ति को किसी एक जगह से दूसरी जगह अणुओं में बदलकर तेजी से पहुंचाया जा सकता है। फिर वहां उसे पुनः वापस उसी तरह खड़ा किया जा सकता है। यानी अगर हम इस विज्ञान को सही माने तो उदाहरण के तौर पर दिल्ली से न्यूयॉर्क अगर आपको जाना है तो बिना किसी फ्लाइट के आप छोटे तत्व में परिवर्तित होकर मात्र 1 सेकंड में पहुंच सकते हैं।

आइंस्टाइन ने इस विज्ञान का सिद्धांत दिया था

आइंस्टाइन Quantum Entanglement

क्वाटंम इनटैंगलमेंट के सिद्धांत पर सबसे पहले न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण बल की खोज के वक्त ही ध्यान दिया था। लेकिन उसके बाद अलबर्ट आइंस्टीन ने इस पर खोज किया। अपना नया नियम दिया। इसमें उन्होंने बताया कि क्वांटम लेवल पर मौजूद दो या उससे अधिक और एक दूसरे पर डिपेंड कणों का बनना, उनका किसी भी प्रक्रिया के लिए एक साथ सहभागी होना ही क्वांटम इनटैंगलमेंट कहलाता है। लेकिन दोनों को एकदूसरे का पता नहीं होता। दोनों के बारे में स्वतंत्र रूप से कुछ बतलाया नही जा सकता। इसे उलझाव इसलिए कहते हैं, क्योंकि कणों की मोशन, स्थिति, घुमाव और ध्रुवीकरण जैसे भौतिक गुणों की माप एक-दूसरे से जुड़ी होती है. 

इसकी जरूरत आखिर क्यों है?

क्वांटम इनटैंगलमेंट बहुत ही नाजुक स्थिति है। जैसे ही इनके बीच से फोटॉन यानी लाइट निकलती है, ये गायब हो जाते हैं। इनका प्रयोग करने के लिए  यह जानना जरूरी है कि फोटॉन की जोड़ी का इनटैंगलमेंट होता भी है या नहीं। इससे यह लाभ होगा कि भविष्य में एनर्जी और स्टोरेज संबंधीत समस्याओं से छुटाकारा पाया जा सकता है। वह भी एटोमिक लेवल पर जाकर।

क्या वास्तव में क्वांटम इनटैंगलमेंट होता है?

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हमें यह पता है कि किसी भी वस्तु को सिर्फ उसके भौतिक रूप को देखकर या उसे पकड़कर उसके आकार या आयतन को नाप सकते हैं। लेकिन यह बात सही नहीं है। क्वांटम इनटैंगलमेंट को लेकर नील्स बोर और आइंस्टीन में बहुत दिन तक मतभेद चल रहा था। नील्स बोर कहते थे कि इस तरह की कोई चीज होती ही नहीं है, क्योंकि क्वांटम इतने सूक्ष्म हैं कि उनके स्तर पर किसी भी पार्टिकल की सटीक जगह और SWING जैसे गुणों को बिना देखे मेजर नहीं सकते। 

यानी की बिना देखे किसी वस्तु का आयतन कैसे बता सकते हैं। लेकिन आइंस्टीन ने कहा कि अगर किसी वस्तु को हम देख नहीं सकते, इसका मतलब ये नहीं कि वो वास्तव में वह वस्तु है ही नहीं। बाद में आइंस्टीन ने बोरिस पोडोल्सकी और नाथन रोसेन के सहयोग से Quantum Entanglement से जुड़े अपने नियम को सिद्ध कर दिया।

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क्वाटंम इनटैंगलमेंट का फायदा COMPUTING और संचार के क्षेत्र में

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Quantum Entanglement में हमेशा एक शब्द सुनाई देता है, जिसे SPOOKY एक्शन कहते हैं। आइंस्टीन, पोडोलस्की और रोसेन ने आपसी सहयोग से अपने नियम को सिद्ध किया, लेकिन नील्स बोर ने कहा कि एक जैसे भौतिक गुणों वाले दो अलग-अलग कण इस SPACE में उपलब्ध हो ही नहीं सकते। भले ही वह प्रयोग के समय एक पल के लिए अपने गुणों को एक-दूसरे में बदलने   में सक्षम क्यों न हो। दरअसल, दोनों समान कणों के बीच किसी भी तरह का रिलेशन बिना सटीक माध्यम के असंभव है। यह थोड़ा भूतिया यानी SPOOKY होता है।

Quantum Entanglement का क्या फायदा है?

1. भविष्य में क्वांटम COMPUTER बनने वाले हैं। क्वांटम इनटैंगलमेंट के जरिए क्वांटम कंप्यूटर के N-CODING करने की यूनिट्स यानी क्यूबिट्स को आसानी से PROCESS किया जा सकता है।

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2. भविष्य में क्वांटम इनटैंगलमेंट का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम बहुत बड़े DATA को बेहद छोटी सी जगह में भी रख सकते हैं। यानी हम 100 GB की फाइल को 1GB वाले मेमोरी कार्ड में कंप्रेस करके रख सकते हैं। संचार और ट्रैवलिंग आसान होगी।

3. QUANTUM ENTANGLEMEN के चलते अणुओं और परमाणुओं की बनावट में काफी ज्यादा DENSITY होती है। यह सिंपल कंडीशन नहीं होती है। इससे किसी वस्तु का वास्तविक आकार नहीं बिगड़ता। लेकिन, कम जगह पर भी होकर भी  वह अपने अस्तित्व में रहता है।

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