Mutton Biryani Prasadam: आपने मंदिरों में चढ़ने वाले कई प्रसादों के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या कभी आपने मटन बिरयानी के प्रसाद के बारे में सुना है नहीं ना। शायद ही आपको इसके बारे में पता होगा। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां देवी को प्रसाद के रूप में मटन बिरयानी चढ़ाते हैं और बाद में उसे लोगों में बांट देते हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के मदुरै जिले में स्थित है।
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बता दें कि मदुरै के वड़क्कमपट्टी गांव में प्रत्येक वर्ष देवी मुनियांदी के लिए एक फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। हालांकि यहां पर कई सालों से देवी को प्रसन्न करने के लिए मटन बिरयानी को प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। वैसे प्रसाद के बाद से इसे पर्व में शामिल होने वाले हजारों लोगों में बांटा जाता है तथा इस अनोखी परंपरा की शुरुआत वर्ष 1973 में मटन बिरयानी बेचने वाले एक होटल के मालिक गुरु स्वामी नायडू ने की थी।
यह कहा जाता है कि मुनियांदी देवी के नाम पर होटल शुरू करने के बाद से उनका बिजनेस काफी सफल हुआ एवं उसके बाद से उन्होंने देवी को धन्यवाद देने तथा अपने पर दया दृष्टि बनाए रखने के लिए मटन बिरयानी बनाकर भेंट चढ़ाई थी।
इसके बाद से क्षेत्र में मुनियांदी देवी के नाम पर हजारों होटल खुल गए एवं वहां केवल मटन बिरयानी मिलती है और वह होटल भी काफी अच्छे से चलते हैं। अगर इस पर्व की बात करें तो इस सभी होटल मालिक मिलकर 2 दिन के मुनियांदी फेस्टिवल का आयोजन करते हैं एवं इस साल इस फेस्टिवल में 2 क्विंटल चावल, 600 मुर्गों और 100 बकरे की कुर्बानी दी गई थी। जिससे बनी मटन बिरयानी को प्रसाद के रूप में आठ हजार लोगों में बांटा गया था।
तमिलनाडु में पहनावा के लिए कोई भी जोर जबरदस्ती नहीं है। आप जैसा चाहे वैसा वस्त्र पहन सकते हैं। लेकिन अगर बात करें तमिलनाडु के पहनावे की तो तमिलनाडु का पारंपरिक परिधान बहुत ही ज्यादा सुंदर है। खास तौर से औरतों का जिसमें वह बहुत सुंदर कांजीवरम साड़ी और पुरुष के लिए धोती प्रयोग में लिया जाता है। लेकिन आम जनजीवन में लोग साधारण पैंट शर्ट और महिलाएं घर में साधारण साड़ी ही पहनती हैं।
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तमिलनाडु की भाषा तमिल है। जैसे इसका नाम है तमिलनाडु ‘तमिल लोगों के रहने की जगह’ यह माना जाता है कि तमिल भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। यहां पर शहरी लोग उत्तर भारतीयों से संपर्क बनाने के लिए अंग्रेजी भाषा का उपयोग करते हैं तथा हिंदी यहां पर लगभग ना के बराबर बोली जाती हैं। तमिलनाडु से तेलुगु एवं मलयालम कन्नड़ जैसे भाषा बोलने वाले राज्य में सटे हुए हैं। इसलिए यहां पर यह भाषा भी थोड़ी बहुत बोली जाती हैं और यहां पर मुस्लिम उर्दू का प्रयोग करते हैं।
तमिलनाडु का भोजन भारत में सबसे स्वस्थ रखने वाले भोजन में से गिना जाता है क्योंकि यहां पर अधिकतम भांप से बनाए जाने वाले भोजन होते हैं, जैसे इडली। यहां पर चावल एवं उड़द की दाल का प्रयोग अधिक किया जाता है। लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि यहां के लोग मांस का प्रयोग भी ज्यादा करते हैं। इसीलिए यहां पर मांसाहारी लोग ज्यादा रहते हैं।