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क्या आप दुनिया के खतरनाक वायरस के बारे में जानते हैं?

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दुनिया भर में कोरोनावायरस का ख्वाब मंडरा रहा है दुनिया भर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या करीब अब तक 100000 लोग इस वायरस के चलते अपनी जान भी गवां चुके हैं चीन के बाद यूरोप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, विश्व स्वास्थ संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि किसी बीमारी ने दुनिया भर में इतनी अधिक दहशत फैलाई हो हैजा प्लेग चिकन पॉक्स मानव इतिहास के सबसे बड़े वायरस में शामिल रहे हैं इन बीमारियों ने 30 से 50 करोड़ लोगों की जान ली है जानिए इतिहास की सबसे बड़ी वैश्विक महामारी के बारे में |

1 HlV एड्स साल 2005 से 2012 के दौरान चरम पर था मौत के आंकड़े 3.6 करोड़ हैं

साल 1976 में इसकी शुरुआत अफ्रीका देश कांगो से हुई थी बाद में या पूरी दुनिया में फैल गया साल 1976 के बाद इसने 3.6 करोड़ लोगों की जान ली थी अब करीब 3.1 से लेकर 3.5 करोड़ लोग संक्रमित हैं ज्यादातर लोग अफ्रीका देश के हैं बढ़ती जागरूकता और इलाज की नई प्रणाली के विकास ने एचआईवी को जड़ से खत्म तो नहीं किया मगर इसके रोकथाम के कई इलाज तैयार कर लिए हैं साल 2005 से 2012 के दौरान इसका प्रभाव सबसे अधिक था इस दौरान वार्षिक मौत का आंकड़ा 22 लाख तक था |

2 फ्लू महामारी मौत का आंकड़ा 1000000 कारण इंफ्लूएंजा,

दूसरी श्रेणी की फ्लू महामारी को हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है इसका कारण H3N2 कीटाणु है,जो इंफ्लूएंजा महामारी पैदा करने वाले H2N2 वायरस की एक प्रजाती है इसका पहला मामला 13 जुलाई 1968 में हांगकांग में आया था और 17 दिनों में ये सिंगापुर और वियतनाम तक पहुंच गया था |

महज 3 महीनों में फिलिप्स भारत-ऑस्ट्रेलिया यूरोप और अमेरिका भी इसके शिकार हो गए थे इस बीमारी के शिकार होने वाले सिर्फ पांच फ़ीसदी लोगों की मौत हुई थी मगर इसने तब हांगकांग के 500000 लोग यानी तत्कालीन 15 फ़ीसदी आबादी को मार डाला था |

3 एशियन फ्लू साल 1956 से 1958 मौत का आंकड़ा 2000000 कारण इंफ्लूएंजा

एशियन फ्लू भी ए ग्रेड का एक इन्फुएन्जा है जो H2N2 से फैलता है इसकी शुरुआत साल 1956 में हुई है यह साल 1958 तक जारी रहा यह सिंगापुर हांगकांग और अमेरिका तक फैला विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार इस ने 2000000 लोगों को मारा, इसमें से 69,800 लोग अमेरिका के थे,

4. फ्लू साल 1918, मौत का आंकड़ा 2 से 5 करोड़

साल 1980 से 1920 के दौरान इस जानलेवा इन्फ्लुएंजा ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया दुनिया की आबादी का एक बटा तीन हिस्सा इसका शिकार बना और करीब 20 से 50 लाख लोगों की जान गई इस बीमारी से 50 करोड़ लोग प्रभावित हुए मरने वालों का आंकड़ा 10 से 20 फीसदी के बीच रहा, इस बीमारी से पहले सप्ताह में ही 2.5 करोड़ लोग मर गए इस एक्यूलेजा कि अगर बात यही थी कि या अधिक स्वस्थ युवाओं की जान लेता था और जो बस जाते थे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटा देता था, इन्फ्लुएंजा से उम्र दराज लोग अधिक प्रभावित होते हैं |

5 हैजा साल 1910 से 1911 मौत का आंकड़ा 10 लाख से अधिक कारण हैजा कॉलरा,

इसकी शुरुआत भारत से हुई और इसकी 10 लाख से अधिक लोगों की जान ली इसकी चपेट में मध्यपूर्व उत्तरी अफ्रीका पूर्वी यूरोप और रूस भी आए, अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग इस रोग के प्रति जल्दी सचेत हुआ और साल 1923 तक सिर्फ 11 अमेरिकी ने अपनी जान गवाई |

6 फ्लू 1889 से 1890 मौत का आंकड़ा 1000000

इसे शुरुआत में एशियाई फ्लू या रूसी फ्लू के नाम से जाना जाता था यह भी ए ग्रेड का इन्फ्लुएंजा था H2N2 से फैलता है हालांकि कई शोध में इसकी वजह ए ग्रेट का H3N8 वायरस को भी माना जाता है इसका पहला मामला साल 1889 के मध्य एशिया के तुर्किस्तान में आया था इसके बाद उत्तर पश्चिमी कनाडा गिन लैंड के बढ़ते शहरीकरण ने इस बीमारी को तेजी से फैल आया इसके बाद इस बीमारी की चपेट में पूरी दुनिया आ गई इस बैक्टीरिया और वायरस से फैलने वाली पहली महामारी माना जाता है 1890 तक इससे 10 लाख लोग मर गए |

7 तीसरी शिर्डी का है जान साल 1852 1860 मौत का आंकड़ा 1000000 कारण हैजा कॉलरा

हैजा की सात श्रेणियों में से इसे सबसे अधिक जानलेवा माना जाता है इस रोग की शुरुआत 19वीं शताब्दी में हुई थी मगर इसका प्रकोप साल 1852 से 1860 के दौरान सबसे अधिक रहा इसकी भी शुरुआत भारत में हुई और फिर ये एशिया यूरोप उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका तक फैला |

इसने 1000000 लोगों की जान ली ब्रिटिश डॉ जॉन सॉन्ग गरीब इलाकों में रहते हुए इसकी पहचान कि उन्होंने पता लगाया कि खराब पानी इसकी सबसे बड़ी वजह है हालांकि 1854 में इस बीमारी ने ग्रेट ब्रिटेन में 23000 लोगों को मौत के घाट उतारा था |

8. द ब्लैक डेथ साल 1346 से 1953 मौत का आंकड़ा 7.5 से 20 करोड़ कारण प्लेग

साल था 1346 से 1353 के दौरान यूरोप में प्लेग महामारी फैली और इसने अफ्रीका और एशिया में भी कहर मचाया बताया जाता है कि इससे कुल 7.5 करोड से 20 करोड़ लोग मारे गए कुछ लोगों का मानना है कि इसकी शुरुआत एशिया में हुई |

प्लेग चूहों से फैलता है और फिर कीटों के जरिए मनुष्य से संक्रमित होता है या जहाजों के जरिए पूरी दुनिया तक पहुंचा |

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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