Monkeypox Symptoms: अभी कोविड पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुआ है कि एक नये संक्रमण की आशंका से पूरी दुनिया घिर गई है. यह संक्रमण है मंकी पॉक्स का,मंकी पॉक्स इतना खतरनाक वायरस है. कि इसकी चपेट में आने वाला व्यक्ति अधिकतक 21 दिन ही इससे लड़ सकता है. उसके बाद उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है,ऐसी घातक बीमारी का दस्तक, खतरे की घन्टी से कम नहीं हो सकता.
अतः सभी को सचेत हो जाने की ज़रूरत है।
मंकी पॉक्स
आपको बता दें कि बीते बुधवार को एक अमेरिकी कनाडा की यात्रा से वापस अमेरिका आया तो उसमें मंकी पॉक्स वायरस की पुष्टि की गई और इसी के साथ लोगों में एक बार फिर से डर का माहौल आ गया। बताया जा रहा है कि यह अमेरिका में इस साल का पहला केस है ,इसके अतिरिक्त दुनिया के अन्य कई देशों जैसे ब्रिटेन,स्पेन,पुर्तगाल और कनाडा आदि में भी इस दुर्लभ बीमारी के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
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आप मे से बहुत सारे लोग अभी मंकी पॉक्स (Monkeypox Symptoms) के बारे में जानते ही नहीं होंगे अतः उन लोगों को इसके बारे में जरूर समझ लेना चाहिये क्योंकि बिना जाने समझे हम अपना बचाव नहीं कर पायेंगे, आपको बता दें कि मंकी पॉक्स चेचक परिवार का ही एक वायरस है और इसका पहला केस 1958 में एक बंदर में पाया गया था
उसके बाद से यह लगातार अलग अलग देशों में फैल रहा है,एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह बीमारी बहुत ही दुर्लभ है अतः इसके बचाव के व्यापक इंतजाम कराना बहुत जरूरी है।
विशेषज्ञों ने यह अलर्ट जारी किया है कि इस बीमारी की चपेट में आने से गे पुरुषों में संक्रमण की संभावना बहुत ज्यादा है,अतः गे पुरुषों को आगाह किया जाता है कि वह कोई भी लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर को दिखायें और अपनी गे एक्टिविटी पर नियंत्रण रखें, चूंकि भारत मे गे पुरुषों की संख्या काफ़ी ज्यादा है
अतः भारत के सन्दर्भ में उस अलर्ट का काफी महत्व है क्योंकि अगर यह चीजें भारत आईं तो इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं क्योंकि अभी भी भारत ,कोविड के संकट से पूरी तरह उभर नहीं पाया है और अर्थव्यवस्था भी अब तक बिगड़ी स्थिति में है।
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प्रिवेंशन इज बेटर देन ट्रीटमेंट..यह सिर्फ कहावत नहीं है बल्कि यह एक हक़ीक़त है,जिसे लॉक डाउन ने सत्यापित भी कर दिया है तो ऐसी स्थिति में यह बहुत जरूरी है कि मंकी पॉक्स के लक्षणों को जानकर उससे बचने के उपाय किये जायें.
आपको बता दें कि इस दुर्लभ बीमारी के शुरुआती लक्षण फ्लू बीमारी की तरह ही होते हैं और बुखार, सिरदर्द , मांसपेशियों में दर्द ,थकान आदि की समस्या शुरू हो जाती है,,कुछ समय बाद चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकलकर पूरे शरीर मे फैल जाते हैं और अंत मे पपड़ी पड़ जाती है.
इस पूरे समय मे मरीज को बहुत ही ज्यादा समस्या उठानी पड़ती है अतः यह आवश्यक है कि हम सभी व्यापक बचाव के उपाय करें और स्वयं को इस बीमारी की चपेट में आने से बचायें।
हालांकि यह कहा जा रहा है कि इस पर चेचक वाली वैक्सीन प्रभावी है अतः इसे नियंत्रित किया जा सकता है परंतु इसका मतलब यह नहीं है कि हम पूरी तरह आश्वस्त होकर इस बीमारी को दावत दे दें,सुरक्षित रहने के लिये हमें सतर्क रहना होगा। इस बीमारी के बारे में आप क्या सोचते हैं. हमे जरूर बतायें।