Mayawati Held A Review Meeting On The Defeat: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को यह कहा कि वह राष्ट्रपति का पद स्वीकार नहीं कर सकती हैं, क्योंकि उन्हें यह पता है कि ऐसा करने से अंत में उनकी पार्टी बसपा खत्म हो जाएगी। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने आरएसएस के जरिए उनके बारे में दुष्प्रचार कराया की यदि उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार नहीं बनी तो मायावती को राष्ट्रपति बना देंगे। लेकिन ऐसा तो मैं कभी सपने में भी नहीं सोच सकती। कांशीराम ने भी यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था। फिर मैं तो उनकी ही पद चिन्हों पर चलने वाली उनकी शिष्या हूं।
तो भला यह पद मैं कैसे स्वीकार कर सकती हूं। बसपा की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को इस मामले में एक गंभीर समीक्षा की बैठक की जिसमें कई अहम फैसले लिए गए।
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व्यवस्था को खत्म कर दिया है। हालांकि अब प्रत्येक तीन मंडल पर एक जोन होगा। प्रदेश के 3 नए प्रभारी नई व्यवस्था में बनाए गए हैं। ये जिम्मेदारी मुनकाद अली, डॉ विजय प्रताप एवं राजकुमार गौतम को सौंपी गई है। जबकि प्रदेश प्रभारी मायावती को सीधे रिपोर्ट करेंगे।
दरअसल बैठक में प्रदेश के सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के साथ सेक्टर प्रभारी, विधानसभा अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष के साथ भाईचारा कमेटी के सदस्यों को बुलाया गया था। मायावती ने बैठक में विचार वमर्श करने के बाद से सेक्टर प्रभारी तथा भाईचारा कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। हालांकि शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की बसपा में आज वापसी हो गई है। मैं आती नहीं उनकी वापसी की जानकारी पार्टी के पदाधिकारियों को दे दी।
Mayawati Held A Review Meeting On The Defeat साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गुड्डू जमाली आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले भी मैं आती नहीं भारतीय जनता पार्टी की जीत पर यह कहा था कि इस बार का चुनाव परिणाम आने के लिए सबक है। चुनाव में हमको हार से घबराना नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार भी हुआ था। समाजवादी पार्टी ने तो हमें भारतीय जनता पार्टी की बी टीम भी बताया था।
Mayawati Held A Review Meeting On The Defeat मायावती ने यह कहा है कि यह तो सत्य है। अगर मुस्लिम दलित वोट मिल जाता तो भारतीय जनता पार्टी हमसे हार जाती। मायावती ने यह भी कहा कि कल यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता को उससे झगड़ा करवा निराश होकर टूटना नहीं है। उसके सही वजहों को समझकर तथा सबक सीख कर हमें पार्टी को आगे बढ़ाना है एवं आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक है। इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार प्रसार हुआ है सभी इससे सजग रहेंगे।
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Mayawati Held A Review Meeting On The Defeat बसपा ने अपने विधानसभा मंडल दल के नेता रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की घर वापसी भी करा ली है। विधानसभा चुनाव से ऐन पहले ही जमाली ने यह कहा था कि वह पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा तथा ईमानदारी से काम करते हैं। इसके बावजूद इसके ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बसपा सुप्रीमो उनसे संतुष्ट नहीं है। ये उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी तथा मुबारकपुर सीट से एआईएमआईएम के प्रत्याशी के रूप में चुनाव ही लड़ा था। वो एआईएमआईएम के वह इकलौते प्रत्याशी थे जिनकी जमानत बची।
Mayawati Held A Review Meeting On The Defeat अभी बसपा ने उन्हें आजमगढ़ लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बना दिया है। ये सीट समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के छोड़ने से खाली हुई है तथा 6 माह के अंदर यहां चुनाव होना है।