Karnataka के मंड्या जिले में रहने वाले नवीन एचवी, कृषि परिवार से ही हैं। उन्होंने उन परेशानियों को बहुत करीब से देखा है। जिसका सामना अक्सर एक किसान करता है। इसके अलावा भी नवीन को फसल उगाने से लेकर विक्रेता तथा उसके बाद से ग्राहकों तक पहुंचने में लगने वाली प्रक्रिया की भी काफी अच्छी जानकारी है। नवीन अच्छी तरीके से जानते थे कि खेतों में उगने वाली सब्जियों को ग्राहकों तक पहुंचाने में वक्त लगता है तथा तब तक विक्रेताओं के लिए सब्जियों को ताजा रखने एक कठिन काम है।
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इसीलिए नवीन तथा उनके कॉलेज के दोस्तों ने इस समस्या का समाधान निकालने का सोचा। नवीन एवं उनके साथी शुभम सेन, सुप्रीत एस तथा विवेक चंद्रशेखर, मैसूर के विद्यावर्धका कॉलेज आफ इंजीनियरिंग में एक साथ पढ़ते हैं। इन दोस्तों ने मिलकर अभी हाल ही में एक कम लागत वाला सोलर कूलिंग कार्ट बनाया है। इस सोलर कार्ड में सब्जियों को लंबे वक्त तक ताजा रखा जा सकता है तथा यह विशेष रूप से सड़क किनारे सब्जी बेचने वाले विक्रेताओं के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है।
इंजीनियरिंग के छात्रों ने सबसे पहले ये मशीन, रेफ्रिजरेटिंग, इंडियन सोसायटी ऑफ हीटिंग और एयर कंडीशनिंग द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लेने के दौरान बनाई थी।
बता दें कि सब्जी विक्रेताओं के हर दिन की समस्याओं को समझने के लिए टीम ने फील्ड रिसर्च की। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छठे सेमेस्टर के छात्र नवीन यह कहते हैं कि किसान आम तौर पर अपने प्रोडक्ट को एक खुली जगह पर रखते हैं। इसीलिए स्वच्छता का मुद्दा भी हमेशा रहता है। इन विक्रेताओं के लिए सब्जी स्टोर करके रखना सबसे बड़ी चुनौती है। मैंने और मेरे दोस्तों ने प्रोफेसर हो तथा विशेषज्ञों से भी सुझाव लिए एवं इस समस्या का हल निकालने के लिए कई इंडस्ट्रीज का दौरा भी किया।
नवीन और उनकी टीम ने एक कार्ट बनाया है। जिसने एक एयर कूलर चैंबर लगा है। ये चैंबर बिजली के लिए सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करता है। नवीन ने बताया कि मौजूदा मॉडल को घर पर दिन में एक बार चार्ज करने की जरूरत होती है एवं उसके बाद से यह सोलर एनर्जी पर चलता है। हालांकि जब बैटरी खत्म हो जाती है तो यह सोलर एनर्जी बिजली उत्पन्न करता है। जो बैटरी को फिर से रिचार्ज करती हैं। ये सोलर इनवर्टर के काम करने जैसा ही है।
Karnataka, उन्होंने आगे बताया कि उच्च क्षमता वाले सौर पैनलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन हमने इसे लागत प्रभावी बनाने के लिए इसको 150 वाट तक सीमित रखा है।
नवीन यह कहते हैं कि आमतौर पर सब्जियों को ताजा रखने के लिए 5 से 10 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होती है। उन्होंने का अर्थ की उपयोगिता को इस प्रकार से बढ़ाने की कोशिश की है कि यह न केवल सब्जियों या फिर फलों को बल्कि डेयरी प्रोडक्ट को भी लंबे वक्त तक ताजा रख सके। हालांकि इसके लिए उन्होंने गाड़ी में तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच सेट किया है।
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नवीन यह कहते हैं कि इस इन्वेंशन की सबसे बड़ी खासियत कम लागत है। प्रत्येक कार्ट की कीमत करीब 52000 रुपए है। इसी प्रोजेक्ट में टीम का मार्गदर्शन करने वाले मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एमपी राज कहते हैं कि वर्तमान में कूलिंग चेंबर वाली मौजूदा कार्ड की कीमत एक लाख रुपए से अधिक है। लेकिन हमारे मॉडल की कीमत लगभग आधी है।
Karnataka, हालांकि कार्ट बनाने में आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए। टीम के एक अन्य सदस्य सुप्रीत एस कहते हैं कि हमने अपने पांचवें सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान ही बहुत कम समय में प्रोजेक्ट पूरा किया। चूंकि परीक्षाओं के साथ ही यह प्रोजेक्ट करना चुनौतीपूर्ण था। लेकिन हमने इन सभी अनुभवों से बहुत कुछ सीखा। इसके साथ ही प्रोजेक्ट हमारी अपेक्षा से बेहतर निकला।