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गुरुग्राम से बिहार तक साइकिल पर पीछे बैठा कर अपने पिता को लाने वाली ज्योति के सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।

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7 दिन में 1200 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली ज्योति अपने बीमार पिता को पीछे बैठा कर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक ले आई,

*बीमार पिता को साइकिल के पीछे बैठा कर गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा के सिरहूल्ल्ली गाव तक लाने वाली ज्योति को डाक विभाग में माई स्टैंप डाक टिकट दिया।

*दरभंगा डाक विभाग ने 5100 रुपए का चेक और वस्त्र भी ज्योति को भेंट किया,

दरभंगा,

बिहार के दरभंगा जिले की रहने वाली 15 साल की ज्योति के हौसले व जज्बे की पूरे देश में बात हो रही है। हर कोई ज्योति की तारीफ करने में लगा हुआ है। ज्योति को लोग अलग-अलग तरीके से सम्मान कर रहे हैं। इसी क्रम में डाक विभाग ने ज्योति के सम्मान में डाक टिकट जारी किया । दरअसल ज्योति कुमारी कुछ दिन पहले अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक ले आई थी। इस क्रम में ज्योति ने 1200 किलोमीटर की दूरी तय की 7 दिनों में। जब इस बात की जानकारी लोगों तक पहुंची तो लोग ज्योति का सम्मान करने और मदद करने के लिए आगे आने लगे।

पोस्ट ऑफिस में खोला गया ज्योति का खाता,

इस कड़ी में दरभंगा पोस्टल विभाग के अधीक्षक उमेश चंद्र प्रसाद ने खुद ज्योति के गांव पहुंचकर उन्हें माई स्टैंप डाक टिकट देकर सम्मानित किया। साथ ही 5100 रुपए और वस्त्र भी दिए। उमेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि ज्योति का खाता पोस्ट ऑफिस में खुला है।इस मौके पर डाक विभाग के अधिकारियों भी मौजूद थे।

डीएम ने ज्योति का कक्षा 9 में एडमिशन कराया और एक नई साइकिल भी भेंट दी,

इससे पहले गुरुग्राम के दरभंगा स्थित गांव पहुंचने के बाद दरभंगा के जिला अधिकारी ने ज्योति से मुलाकात की और उसकी तारीफ भी की डीएम ने ज्योति को नई साइकिल दी और कक्षा 9 में दाखिला भी कराया। दरभंगा के सबसे प्रतिष्ठित CBSE affiliated डॉन बॉस्को में 9 से 12 तक की निशुल्क शिक्षा और किताबों की व्यवस्था कराई।

LJP नेकी ज्योति की पढ़ाई का खर्चा उठाने की पेशकश,

इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी ने ज्योति कुमारी की शिक्षा का खर्चा उठाने की पेशकश की। एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने रविवार को कहा वह ज्योति कुमारी और उसके परिवार वालों से बात कर रहे हैं। और उनसे आग्रह कर रहे हैं कि ज्योति अपने पसंद के विषय के साथ देश में जहां चाहे वहां पढ़ाई करें उनकी पढ़ाई का वह खर्च उठाने को तैयार है।

Brijendra Kumar

Founder and Chief Editor

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