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ड्रोन के बॉर्डर पर बढ़ते प्रयोग एक संभावित खतरा बयां कर रहे हैं। ड्रोन से निपटना अभी हाल फिलहाल में सेना के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि ये ड्रोन जमीन से पास में उड़ते हैं तो किसी प्रकार की मिसाइल का प्रयोग नहीं कर सकते इन्हें गोली मार कर ही गिराया जा सकता है जो कि इतना आसान भी नहीं है। गुरुवार को jammu पुलिस को जानकारी मिली कि बॉर्डर के पास कानाचक के पास ड्रोन दिखा है तो तत्काल jammu के पुलिस महानिदेशक एडीजीपी मुकेश सिंह ने अपनी पुलिस टीम (QRT) को लेकर वहां पहुंचे और उन्होंने फायरिंग की और ड्रोन को नीचे गिरा दिया।
यह कोई मामूली ड्रोन नहीं था इस ड्रोन की लंबाई करीब 6 फुट और वजन 17 किलो था प्राप्त जानकारी के अनुसार यह ड्रोन चीन में बनाया गया था। और इसके कई पार्ट पाकिस्तान में और कुछ पार्ट ताइवान में बनाए गए हैं यह ड्रोन हेक्साकॉप्टर है। ड्रोन के 6 पंखे हैं और फ्लाइट कंट्रोल लगा हुआ है ड्रोन में जीपीएस लगा हुआ है । 1 साल पहले जो ड्रोन कठुआ में गिरा था उसका सीरियल नंबर और इस ड्रोन के सीरियल नंबर में सिर्फ 1 डिजिट का फर्क है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि बॉर्डर पर गत दिनों से ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा है और आतंकवादी तथा खालिस्तानी पंजाब और jammu-कश्मीर में अपने साथियों को आवश्यक सामग्री हथियार, विस्फोटक आदि पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। शक जताया जा रहा है कि 15 अगस्त तक आतंकवादियों की कोई घिनौनी साजिश रची जा रही है। इसलिए वह हथियारों विस्फोटक पदार्थों को इधर से उधर कर रहे हैं। भारत सरकार को अपने सेना को और आधुनिक हथियारों से लैस करना चाहिए। जिससे कि वह ड्रोन को आसानी से गिरा सकें। ड्रोन भी कई प्रकार के होते हैं कुछ ड्रोन तो खुद से गोली चला लेते हैं और ड्रोन को कंट्रोल करने वाला बहुत दूर होता है इसलिए ड्रोन के संभावित खतरों को भांपते हुए भारत सरकार को एडवांस तकनीक की व्यवस्था करनी चाहिए।