Inspirational Story: बढ़ती जरूरतों के इस दौर में लोगों के अंदर कम हो रही इमानदारी के बीच ही एक अफ्रीकी देश का यह लड़का ईमानदारी की अब मिसाल बन चुका है। आर्थिक तंगी से जूझने के बावजूद भी इस लड़के ने सड़क के किनारे मिले करीब 38 लाख रुपए उसके मालिक को सौंप दिए। इस लड़के ने भले ही उन पैसों में से ₹1 नहीं लिया। लेकिन किस्मत ने उसे उसकी ईमानदारी का ऐसा इनाम दिया कि आज वो पूरी दुनिया की मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 19 वर्ष का इमैनुएल टुलो पश्चिम अफ्रीकी देश लाइबेरिया का रहने वाला है। मोटर बाइक टैक्सी ड्राइवर का काम करने वाले टुलों की कमाई इतनी कम है कि वो रोजाना होने वाले खर्चों तक को भी पूरा नहीं कर पाता। ऐसे में 1 दिन उसे सड़क किनारे एक बैग के रूप में ऐसा खजाना मिला। जिससे उसकी पूरी जिंदगी की तकलीफ दूर हो सकती थी। हालांकि उसे सड़क किनारे एक बैग मिला जो करीब 38 लाख रुपए की लाइबेरियन व अमेरिकी नोटों से भरा हुआ था।
वो चाहता तो इन पैसों से अपनी जिंदगी बदल सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह पैसे अपनी चाची को देते हुए यह कहा कि सरकारी रेडियो पर अगर इन पैसों के लिए कोई अपील करता है तो वह उसे दे देगा। हालांकि उसकी इस ईमानदारी का लोगों ने भी खूब मजाक उड़ाया। कुछ नहीं तो उसे यह कहा कि वह गरीबी में ही मरेगा। लेकिन लोगों की बातों की परवाह न करते हुए टुलो अपनी सच्चाई एवं ईमानदारी पर कायम रहा। यह तो उसे भी नहीं पता था कि उसे उसकी ईमानदारी के लिए ऐसा इनाम मिलने वाला है जिससे कि वो दुनिया भर में चर्चित हो जाएगा।
बता दे कि टुलों की इस ईमानदारी की खबर देश के राष्ट्रपति जॉर्ज विया तक पहुंच गई। जिसके बाद से उन्होंने उसे 8 लाख रुपए का इनाम देने के साथ ही साथ देश के सबसे प्रतिष्ठित स्कूल में दाखिला भी दिलवाया। अब टुलो अपने से 6 वर्ष छोटे बच्चों के साथ पढ़ाई कर रहा है। इसके साथ ही साथ इस ईमानदार लड़के को ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए एक अमेरिकी कॉलेज ने भी फुल स्कॉलरशिप का ऑफर दिया है।
टुलो को राष्ट्रपति द्वारा मिली करीब आठ लाख रुपए के साथ ही साथ एक लोकल मीडिया के मालिक की तरफ से वह कर्ज भी मिला जो व्यूअर्स एवं लिसनर्स ने उसके लिए भेजा था। इतना ही नहीं बल्कि टुलो को उस शक्स की ओर से भी एक लाख से अधिक रुपए का इनाम मिला जिसके पैसे उसने लौटाए थे। वहीं पर अमेरिका के एक कॉलेज ने भी सेकेंडरी एजुकेशन समाप्त होने के बाद भी उसे फुल स्कॉलरशिप देने की पेशकश की है।
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इमैनुएल टुलो उन बहुत से लाइबेरियन बच्चों में से एक है। जिन्हें गरीबी की वजह से स्कूल छोड़ कर नौकरी करनी पड़ती है। इमैनुएल ने भी 9 वर्ष की उम्र में अपने पिता की मौत के बाद से पढ़ाई छोड़ दी थी। उसके बाद से वो अपनी चाची के साथ रहता था। परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने मोटर बाइक टैक्सी चलाने का काम शुरू किया था।
हालांकि अब अपनी ईमानदारी की वजह से इमैनुएल फिर से पढ़ाई कर पा रहा है। उसे सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई को पूरा करने में 6 वर्ष लगेंगे और 25 साल की उम्र में वह ग्रेजुएट हो जाएगा। मैनुअल यूनिवर्सिटी में अकाउंटिंग की पढ़ाई करना चाहता है। जिससे कि वो देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में योगदान दे सकें।