History of Goa
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History of Goa भारत देश को 15 अगस्त 1947 में अंग्रेजों से पूर्ण स्वाधीनता या पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी। लेकिन भारत का एक राज्य जो भारत की स्वतंत्रता के 13 साल तक पुर्तगालियों के अधीन रहा और 14 साल में पुर्तगालियों से आजादी मिली। इस राज्य का नाम पुर्तगालियों ने गोवा रखा। इस शहर पर पुर्तगालियों ने कब्जा किया इनके कब्जे में आने से पहले पुर्तगाल बहुमनी साम्राज्य से लेकर विजानगर साम्राज्य का भाग रहा लेकिन सन 1510 तक पुर्तगालियों ने भारत के काफी भूभाग पर कब्जा कर लिया था। 19वीं सदी के बाद पुर्तगालियों की कॉलोनियां दादर नगर हवेली और दमन दीव तक ही सीमित रह गई थी । लेकिन धीरे-धीरे वह पूर्णता में पुर्तगाल साम्राज्य की राजधानी बन गया।
19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत की सशक्त सेना ने 450 साल से शासन कर रहे पुर्तगालियों से गोवा को आजाद कराया था। और एक समय था जब गोवा उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच गया था। सन 1947 में ब्रिटिश शासन के द्वारा आजादी मिलने पर भी गोवा पुर्तगालियों के कब्जे में रहा अधिकारियों ने गोवा और बाकी इलाकों को छोड़कर जाने से मना कर दिया। सन 1946 में राम मनोहर लोहिया गोवा गए थे और गोवा में एक आंदोलन हुआ। जिसको गोवा सत्याग्रह या सविनय अवज्ञा आंदोलन का नाम दिया गया। आजादी के बाद सरदार पटेल सभी रियासतों को मिलाकर भारत को एक संघ राज्य रूप देना चाहते थे। लेकिन वह नहीं कर पा रहे थे क्योंकि 1510 ईसवी से गोवा और दमन दीव में पुर्तगालियों का शासन था। भारत में पुर्तगालियों के साथ कई शांति वार्ताएं की पर पुर्तगाली नहीं माने। सारी कोशिश नाकाम होने के बाद भारत ने सैन्य कार्यवाही का सहारा लेना उत्तम समझा ।
भारत इस मुद्दे को संयुक्त राज्य लेकर गया लेकिन वह भी कुछ कहने के लिए हिचक रहा था। क्योंकि पुर्तगाल नाटो का सदस्य था । 18 दिसंबर 1961 को भारत ने 36 घंटे का सैन्य ऑपरेशन चलाया । इस ऑपरेशन के विजय नाम से जाना जाने लगा इस ऑपरेशन में जल, थल और वायु सेना ने मिलजुल कर कार्रवाई को अंजाम दिया । 19 दिसंबर 1961 को सेना के सहयोग से पुर्तगालियों से मुक्त करा लिया गया । गोवा की आजादी छोटी-छोटी क्रांतियां भी हैं जो 19 वी सदी में की गई। गोवा की हिंदू निवासी पुर्तगालियों से परेशान हो गए थे । पुर्तगालियों ने कोई ऐसा नियम बनाया जो हिंदुओं को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे थे।
14 क्रांतियों के फलस्वरूप कोई भी विद्रोह ऐसा नहीं था जिसे सफल कहा जा सके। गोवा पश्चिमी भारत का एक छोटा सा राज्य क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से बहुत छोटा राज्य है लेकिन व्यापारिक दृष्टि से राज्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर ले लेता है। मछली पालन यहां का प्रमुख उद्योग है लेकिन यहां की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार पर्यटन है । हम कह सकते हैं कि पर्यटन गोवा की रीढ़ की हड्डी है। गोवा की राजभाषा कोंकणी है और कई स्थानों पर मराठी भी बोली जाती है । इस प्रकार वह बहुत सुंदर स्थान है । यहां सुंदर सुंदर बीच है । समुद्र का किनारा है।