India First RRTS Train: भारत ने न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया मेक इन इंडिया कार्यक्रम एक से बढ़कर एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। पूरी तरह से मेक इन इंडिया के पहल से बन रही दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल का काम तेजी से चल रहा है। यह अत्याधुनिक सेमी हाई स्पीड आरआरटीएस (RRTS) यानी रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम ट्रेन 100 प्रतिशत भारत में गुजरात के शामली में स्थित अल्स्टॉम के कारखाने में निर्मित हुई है। उम्मीद है कि इसका पहला चरण 2023 तक शुरू हो जाएगा।
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ऐसे में भारत के पहले आरआरटीएस (RRTS) का पहला कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है और अत्याधुनिक कोच के डिलीवरी 7 मई यानी शनिवार को भारत सरकार के हाउसिंग और अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री (HOUSING AND URBAN AFFAIRS MINISTRY) के सेक्रेटरी(SECRETARY) यानी सचिव के उपस्थिति में आयोजित समारोह में की गई।
इस हैंडिंग ओवर समारोह में अल्स्टॉम ने आरआरटीएस ट्रेन सेट की चाभियां एनसीआरटीसी (NCRTC) यानी नेशनल कैपिटल रीजनल ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन(national capital region transport corporation) लिमिटेड को सौंप दी वही कार्यक्रम में वर्चुअल प्रेजेंस के दौरान यूनियन मिनिस्टर फॉर हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि RRTS ट्रेनसेट रोलआउट को देखना गर्व का क्षण है और यह पीएम के आत्मनिर्भर भारत पहल का सही प्रदर्शन है।
वही जानकारी के अनुसार इस ट्रेनसेट की डिलीवरी 14 मई तक गाजियाबाद में की जाएगी।
एनसीआरटीसी(ncrtc) के एमडी विनय कुमार सिंह ने बताया की तैयारी हमने पूरी कर ली है जल्द ही ये कोच ट्रेन के रूप में लोगों के सामने होंगे। हमारा काम तेज गति से चल रहा है। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द रैपिड रेल की सवारी आम लोग कर पाए और वह भी बेहतर सुविधा के साथ।
बता दे अल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद इसे बड़े ट्रेलरो पर दुहाई डिपो(Duhai depot) में लाया जाएगा जिसे गाजियाबाद में दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ और आरआरटीएस कॉरिडोर परिचालन के लिए तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है। इस डिपो में इस ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है।
भारत की इस पहली आरआरटीएस ट्रेनों के इंटीरियर के साथ इसके कंप्यूटर केंद्रित विशेषताओं का हाल ही में 16 मार्च 2022 दुहाई डिपो गाजियाबाद में अनावरण किया गया था।
180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन स्पीड, 160 किलोमीटर प्रति घंटे की ऑपरेशनल स्पीड और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की एवरेज स्पीड के साथ यह आरआरटीएस ट्रेन भारत में अब तक की सबसे तेज ट्रेन होगी। इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एग्रोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2 * 2 ट्रांसपर्श कुशन सिटिंग(cushion sitting), खड़े होने के लिए चौड़े स्थान(broad space), लगेज रैक(luggage rack),
दरोगा बनना ही जिंदगी समझ ली थी मैं तो, घर से लड़ी थी, शादी नही करूंगी जब तक दरोगा नही बनूंगी
सीसीटीवी कैमरे(cctv cameras), लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग(laptop and mobile charger) सुविधा, डायनेमिक रूट मैप(dynamic root map), ऑटोकंट्रोल एंबिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटीलेशन(heating ventilation), एयर कंडीशनिंग सिस्टम(air condition system) और अन्य सुविधाएं होंगी। वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग का एक कोच होगा।
आरआरटीएस कॉरिडोर का निमार्ण कार्य तीव्र गति से चल रहा है। ट्रेनों के आने के बाद इस साल के अंत तक प्रायोरिटी सेक्शन पर शुरुआती ट्रायल रन शुरू होने की उम्मीद है। वही साहिबाबाद में दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन को 2023 तक और पूरे कॉरिडोर को 2025 तक चालू करने का लक्ष्य भी है।