ना पूछो जमाने से,
क्या कहानी है हमारी,
हमारी पहचान तो बस इतनी है कि
हम हैं हिंदुस्तानी…..
सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….
सरदार वल्लभभाई पटेल-
” यहां हर एक नागरिक की मुख्य जिम्मेदारी है कि वो यह अनुभव करें कि उसका देश स्वतंत्र है, और अपनी स्वतंत्रता का रक्षा करना उसका मूल कर्तव्य है।सभी को अपनी जाति व धर्म भूलकर सिर्फ यह याद रखना चाहिए कि वह भारतीय है और उसे इस देश में कुछ जिम्मेदारियों के साथ हर अधिकार है।“
15 अगस्त, 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day) इस दिन का बेसब्री से इंतजार भारत में हर किसी को होता है। यह दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। सभी देशवासियों के लिए यह गौरव का क्षण होता है। लोग जिसे राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर मनाते हैं। 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आजादी मिली थी। यह दिन भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी जैसे सैकड़ों महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, तपस्या और बलिदान की याद दिलाता है। प्रतिवर्ष आजादी की सालगिरह पर स्कूल, कॉलेज, दफ्तरों आदमी कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जान देश भक्ति के गीत बजाए जाते हैं और लोग भाषण देते हैं। लेकिन इस साल कोरोना की वजह से अधिकांश जगहों पर यह कार्यक्रम ऑनलाइन होगा।
क्यों मनाया जाता है 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस
15 अगस्त 1947 यही वह दिन है जिस दिन हमें आजादी मिली थी। आज आधी आधी रात के समय मिली थी। इसीलिए 15 अगस्त को हम आजादी कई दिन मनाते हैं।
पहले साल 1930 से लेकर 1947 तक 26 जनवरी के दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस के रुप में मनाया जाता था। इसका फैसला साल 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन में हुआ था, जो लाहौर में हुआ था। इस अधिवेशन में भारत ने पूर्व स्वराज की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद सविनय अवज्ञा आंदोलन के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारतीय नागरिकों से निवेदन किया गया था। इसके साथ ही के साथ भारत की पूर्ण स्वतंत्रता तक आदेशों का पालन समय से करने के लिए कहा गया था। भारत में उस समय लार्ड माउंटबेटन का शासन था।माउंटबेटन ने ही निजी तौर पर भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त का दिन तय करके रखा था। यह भी बताया जाता है कि इस दिन को अपने कार्यकाल के लिए बहुत भाग्यशाली मानते थे।
जाने 15 अगस्त की कुछ रोचक बातें
देश में 15 अगस्त की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है।
-भारत के स्वाधीनता आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था। हालांकि जब देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, तो वे इस जश्न में शामिल नहीं हुए थे।
-जब भारत देश आजाद हुआ था। उस समय भारत के पास अपना राष्ट्रगान नहीं था। चूंकि रविंद्र नाथ टैगोर ने 1911 में ही जन-गण-मन लिख दिया था। लेकिन इसे 1950 में राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था।
-14-15 अगस्त की रात में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लॉर्ड माउंटबेटन ने प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। जिसके बाद से नेहरू जी ने ऐतिहासिक भाषण दिया था।
-प्रत्येक स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं। लेकिन 15 अगस्त 1947 को ऐसा हुआ ही नहीं था। लोकसभा सचिवालय की एक शोध पत्र के मुताबिक नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
-15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था। इसका फैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ जो कि भारत और पाकिस्तान की सीमाओं को निर्धारित करती थी।
-15 अगस्त 1519 को पनाम से बनाया गया था।
-15 अगस्त 2872 को ब्रिटिश राज्य से भारत को आजादी दिलाने में शामिल होने वाले महर्षि अरविंदो घोष का जन्म हुआ था।
-15 अगस्त भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है। दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त 1995 को आजाद हुआ था। ब्रिटेन से बहरीन को 15 अगस्त 1971 को आजादी मिली थी। फ्रांस ने कांगो को 15 अगस्त 1960 को स्वतंत्र घोषित किया था।
क्या है महत्व स्वतंत्रता दिवस का
स्वतंत्रता दिवस का केवल एक ही दिन विशेष नहीं है। बल्कि देश की उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी सम्मान को प्रदर्शित करने का जरिया भी है। जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया था। यह दिन राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा और एकजुटता का दिन भी है। इसके साथ ही साथ ये आंसर युवा पीढ़ी को राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है।राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को समझने और देशभक्ति का महत्व समझने के लिए यह स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। भारत को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं।इस देश को आजाद कराने में कितनी ही वीरों ने अपना खून बहाया है। आजाद होकर खुशी मनाने का तो है। लेकिन उसके साथ ही उन वीर सपूतों के बलिदानों को याद करने का भी दिन है। अंग्रेजों ने बहुत लंबे समय तक हमारे देश पर राज किया था। लेकिन 15 अगस्त 1947 हम उनकी गुलामी से आजाद हुए थे।