

भीमराव अंबेडकर जी ने कहा था कि शिक्षा उस शेरनी का दूध है जिसे पीकर कोई इंसान कहीं भी दहाड़ सकता है। कुछ अफसर ऐसे होते हैं जो ईमानदार और सच्चा होने का दिखावा करते हैं और नेताओं के हाथों की कठपुतली बने रहते हैं लेकिन कुछ अफसर वाकई ईमानदार और सच्चे होते हैं जो अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाते हैं।
इस पोस्ट में
कुछ ऐसा ही देखा गया आईएएस अनुनय झां और मथुरा के मेयर और बीजेपी नेता मुकेश आर्यबंधु की मीटिंग में। खबर यह है कि आई ए एस अनुनय झॉं और मथुरा के मेयर और बीजेपी नेता मुकेश आर्यबंधु मीटिंग कर रहे थे। तभी बीजेपी नेता मुकेश आर्यबंधु ने कुछ ऐसा कह दिया जो न सच्चे ईमानदार आईएएस अफसर से कहनी चाहिए और ना ही कोई ईमानदार सच्चा IAS बात को सुन सकता है।
बीजेपी नेता मुकेश आर्यबंधु ने आईएएस अफसर की औकात ध्यान दिलाई । फिर क्या था आईएएस अफसर अनुनय ने मुकेश आर्यबंधु के हाथों से माइक छीन कर उन्हें आईएएस अफसर का सम्मान करने और एक आईएएस अफसर की औकात ध्यान ना दिलाने की बात कह डाली।
माहौल खराब होते देख और अपनी मिट्टी पलीत होते देख बीजेपी नेता ने आईएएस अफसर अनुनय झॉं से माफी मांगी और अपनी बात को खत्म किया।
सवाल यह है कि अब नेताओं के पीछे पढ़े-लिखे अफसरों को घूमना पड़ता है भले ही नेता अनपढ़ हो ।आईएएस अफसर ने बीजेपी नेताओं को उनकी बात का, उनकी भाषा में जवाब देकर अपने पद का मान रखा।
लेकिन जब एक आईएएस अफसर और देश के नेता देश के विकास को ना सोच कर मीटिंग में औकात औकात की चर्चा करेंगे तो देश को किस रास्ते पर ले जाया जा रहा है इसका तो अनुमान आप लगा ही सकते हैं।