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IAS Ashok Khemka का जन्म बेंगलुरु में और उनका लालन-पालन कोलकाता में हुआ था । उन्होंने 1988 में प्रौद्योगिकी खड़कपुर के भारतीय संस्थान से स्नातक मुंबई से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की है और एमबीए भी की है। वह पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहे हैं। अशोक खेमका जब से आईएएस अफसर बने हैं उन्होंने अपना काम बड़ी लगन और ईमानदारी से किया है उनकी यही ईमानदारी उनके लिए संघर्षों जिल्लत दुख का कारण बन गई। देखने में, रहन-सहन उनका बेहद ही साधारण है लेकिन वह एक असाधारण व्यक्ति हैं । वह देश के नागरिकों ,आईएएस अफसरों और राजनेताओं के लिए एक सीख देते हैं। अशोक खेमका देश प्रेम और कर्तव्यनिष्ठत्ता की सीख देते हैं कि कैसे ईमानदारी और लगन से काम करना चाहिए। अशोक खेमका ने एनडीटीवी न्यूज़ चैनल अपने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि मुझे किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है बस मैं अपनी ड्यूटी कर रहा हूं। जो पार्टियां ईमानदारी का बिगुल फूंकती आती है, उन्हें एक आईएएस अफसर नहीं झेला जाता।
IAS Ashok Khemka हरियाणा में आईएएस अफसर है। इनका 30 सालों में 54 बार ट्रांसफर हुआ है क्योंकि इनकी सीनियर अफसर तथा सरकार ने इन्हें इनकी ईमानदारी के कारण एक ही जगह टिकने ही नहीं दिया। सन 1991 बैच के अशोक खेमका को करीब 2 साल से कैबिनेट मंत्री अनिल विज के साथ लगाया गया है । इससे पहले 2019 मार्च के महीने में अशोक खेमका का ट्रांसफर हुआ था और अब हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अशोक खेमका का ट्रांसफर आर्डर जारी किया है। अशोक खेमका को हरियाणा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के रूप में रखा गया है। मत्स्य विभाग के देखरेख की जिम्मेदारी इन्हीं की है। अमित झां को इस पद से हटाया गया और इनके स्थान पर अशोक खेमका को विज्ञान और तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। 27 नवंबर 2019 को पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की जिम्मेदारी सौंपने जाने के पहले विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की जिम्मेदारी अशोक खेमका ही संभाल रहे थे।
अरुण कुमार गुप्ता को अभिलेख पुरातत्व एवं संग्रहालय के प्रधान सचिव कार्यभार दिया गया है वहीं पर अरुण कुमार गुप्ता स्थानीय शहरी निकाय कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग समाज रहे हैं। 53वें ट्रांसफर के बाद अशोक खेमका ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखा और उनसे अपने पत्र में कहा कि जो बेईमान और दबाव में रहने वाले अधिकारी है, वह तो फलते फूलते हैं जबकि ईमानदार अफसर को मामूली भूमिकाएं दे दी जाती है। अशोक खेमका ने सीएम खट्टर से नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की अनुमति देने के लिए कहा । IAS Ashok Khemka ने अपने पत्र में कहा कि दब्बू और भ्रष्टाचारी अधिकारी सेवा के चलते खूब फलते फूलते हैं और रिटायरमेंट के बाद उन्हें पुरस्कार के साथ सम्मानित किया जाता है और जबकि ईमानदार अफसर को छोटे एवं मामूली काम दे दिए जाते हैं जो निचली रैंक के लिए उपयुक्त होते हैं और उन्हें सीनियर ऑफिसर द्वारा अपमानित कर तबादला दे दिया जाता है।
IAS Ashok Khemka ने कहा है कि भ्रष्टाचारियों को कटघरे में तब तक खड़ा नहीं किया जाता जब तक के शासकों के हितों पर प्रहार ना करें। उन्होंने कहा है कि शासन सेवा नहीं कारोबार बनता जा रहा है। केवल मुद्दा मुझ जैसे बेवकूफ की जनता के विश्वास के बारे में सोचते हैं और भरोसेमंद के रूप में काम करते हैं। उम्मीद के विपरीत उम्मीद करता हूं। आप मेरे पत्र को कूड़ेदान में नहीं फेकेंगे । उन्होंने सीएम खट्टर को याद दिलाया था कि बीजेपी 2014 के चुनाव के समय पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भूमि के सौदों में कथित अनियमितताओं को बड़ा मुद्दा बनाया था लेकिन उसे सरकारें भूल गई हैं। कांग्रेस की हुड्डा सरकार में अशोक खेमका का दर्जनों बार ट्रांसफर हुआ था। अशोक खेमका जिस भी विभाग में जाते हैं वे घोटालों के मामले उजागर करते हैं। वे सब की पोल खोल देते हैं। उन्होंने समाज कल्याण विभाग में फर्जीवाड़े की आशंका जताई थी। इस पर 300000 से भी ज्यादा बुजुर्गों की पेंशन रोक दी थी।
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इससे पहले बीज विकास निगम के घोटाले की पोल खोली थी । इन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और रियल एस्टेट कंपनी के बीच भूमि सौदे पर राज्य सरकार कार्रवाई करने पर अशोक खेमका को मौत की धमकी भी दी गई। उन्होंने विभाग में अपने 80 दिन के समय में खेमका ने नवनिर्मित रियल स्टेट कंपनियों के लिए कई सौ करोड़ रुपयों की मूल पंचायत भूमि के हस्तांतरण को शामिल भूमि लेनदेन में गंभीर अनियमितताओं का राज खोला था।
IAS Ashok Khemka को भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्म युद्ध लड़ने के लिए इन्हें 2011 में एसआर जिंदल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उच्च पदों पर भ्रष्टाचार को निडर होकर प्रयास करने पर उन्हें श्री संजीव चतुर्वेदी के साथ ₹1000000 का नगद पुरस्कार मिला । अशोक खेमका ने इतने कम समय में अपने ईमानदारी के चलते इतने तबादलों को लेकर परिवार के साथ कई परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन अपने कार्य के प्रति ईमानदार एवं सजग रहे।