Hyundai मोटर कंपनी की तरफ से अब जल्द ही भारत में एक बहुत ही सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी लॉन्च की जाएगी। दक्षिण कोरिया की कंपनी ने एक छोटी इलेक्ट्रिक कार को बना कर तैयार किया है। हुंडई इस साल यानी की 2022 में ही देश के भीतर एक प्रीमियम मॉडल लाने पर पूर्ण रूप से जोर दे रहा है। हुंडई इंडिया की ओर से सेल्स, मार्केटिंग और सर्विस डायरेक्टर तरुण गर्ग के अनुसार कहा गया है कि कई डिपार्टमेंट चार्जिंग इकोसिस्टम, मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली जैसे मसलों पर काम चल रहे हैं.
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गौर देने वाली बात यह है कि कंपनी में इलेक्ट्रिक कार की लागत को कण्ट्रोल करने और कम रखने के लिए लोकल तरीके से सोर्सिंग और उत्पादन का इस्तेमाल कर रही है। कंपनी के मुताबिक इसके लिए ज्यादा से ज्यादा लोकल उत्पाद तैयार किये जाएंगे, वहीँ दूसरी तरफ कंपनी ने अब तक ये नहीं बताया है कि नई कार कब और कहां लॉन्च की जाएगी।
Hyundai कंपनी की तरफ से भारत में छोटी इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करना कंपनी के लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी साबित हो सकती है। साल 2028 तक कंपनी अपने 4 मॉडल निकालने का दावा कर रही है। इस काम के लिए कंपनी ने भारत में 4044 करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है। इसका सिर्फ एक ही मकसद है, वह यह है की देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा मिल सके।
भारत देश में फिलहाल कुल मिलाकर कार की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों का शेयर 1% से भी कम दर्ज हुआ है, यहाँ पर सरकार 2030 तक सिर्फ 30% की हिस्सेदारी का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है, इतना ही नहीं सरकार का टारगेट भारत में प्रदूषण और ईंधन की खपत ज़्यादा से ज़्यादा कम करना है. गर्ग ने बताया की हुंडई कंपनी इस साल अपने Ioniq 5 इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर वाले प्रीमियम मॉडल लॉन्च करेगी और आहिस्ता आहिस्ता प्राइस को नीचे ले जाने की भी कोशिश की जाएगी.
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तरुण गर्ग का कहना है की बड़े पैमाने पर ईवीएस को तैयार करने के लिए एक व्यापक चार्जिंग नेटवर्क की आवश्यकता है और साथ ही बैटरी की कम कीमतों की भी जरूरत पड़ सकती है। कंपनी ने जब पेट्रोल-डीजल कारों का व्यापार शुरू किया था तो इसकी शुरुआत कम कीमत से ही की थी। वहीँ दूसरी तरफ इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कंपनी टॉप-डाउन अप्रोच करने का प्रयास लगातार कर रही है।तरुण गर्ग का कहना है कि सरकार पेट्रोल और डीजल को छोड़ कर एथेनॉल की कंपनियों पर ज़्यादा दिलचस्पी दिखा रही है।क्योंकि भविष्य में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में एथेनॉल की खपत बहुत अधिक मात्रा में उपयोग होने वाली वस्तुओं में से एक है।