Harmony Day 2021: जाने क्यों मनाया जाता है सद्भावना दिवस और क्या है इसका महत्व

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सद्भावना दिवस भारत में हर साल 20 अगस्त को सबसे युवा प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती पर मनाया जाता है। इस दिन सभी धर्मों के लोगों के बीच शांति, संप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।

राष्ट्रीय सद्भावना का अर्थ Sadbhavna Divas

राष्ट्रीय सद्भावना या एकता का अर्थ एक राष्ट्र के निवासी की भावनात्मक या आंतरिक एकता से हैं। जिसमें में वो अपनी विशिष्ट जाति, धर्म, संस्कृत, वर्ग, प्रांत वसंप्रदाय के संकीर्ण हितों को भूलकर संपूर्ण राष्ट्र की एक सामान्य संस्कृति, सामान्य भौगोलिक, राजनीतिक परिस्थिति, सामान्य जीवन शैली और सामान्य भौगोलिक को अपनाते हैं। तथा संपूर्ण राष्ट्र की प्रगति उत्कृष्ट आकांक्षा करते हैं। इसमें वह सभी बातें निहित हैं। जिनके माध्यम से संपूर्ण राष्ट्र एक रूप हो जाए,समस्त राष्ट्र जनहित में पूरी तरह संगठित हो तथा राष्ट्रीय स्तर पर भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ हो।

क्यों मनाया जाता है सद्भावना दिवस Sadbhavna Divas

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राजीव गांधी के मृत्यु के एक साल बाद 1992 में राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना भी की थी। यह दिन हर साल स्वर्गीय राजीव गांधी की याद में मनाया जाता है। जो 40 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। भारत के लिए उनके विजन को श्रद्धांजलि देने के बदले इस अवसर पर समाज की बेहतरी के लिए योगदान दिया जाता है। उनका सपना हमेशा से एक विकसित राष्ट्र का था। जिसके लिए उन्होंने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, पंचायती राज और लाइसेंस राज को कम करने सहित कई काम किए। उनके सपनों को याद करने के लिए, देश को विकास की ओर ले जाने की उनके आर्थिक और सामाजिक कार्यों के लिए सद्भावना दिवस को मनाया जाने लगा।

सद्भावना दिवस के अवसर पर प्रतिज्ञा ली जाती हैं Sadbhavna Divas

भारत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की इस साल 77वीं जयंती मनाने जा रहा है। इस दिन यह प्रतिज्ञा ले जती है कि “मैं यह पूरी गंभीर प्रतिज्ञा लेता हूं कि मैं जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र को बिना ध्यान दिए। भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकात्मता और सद्भावना के लिए कार्य करूंगा, और मैं कसम खाता हूं बिना हिंसा के संवैधानिक साधनों और बातचीत के द्वारा एक दसरे के बीच की दूरियों को अवश्य समाप्त करूंगा।”
हालांकि इस दिन कांग्रेस पार्टी के समर्थकों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। कई जगहों पर तो सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।राजीव गांधी की दूर दृष्टि को ध्यान में रखते हुए इस दिन कई तरह की प्रतियोगिताएं भी कराई जाती हैं। राजीव गांधी संध्या को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा शांति, सामुदायिक सहार को बढ़ावा देने के लिए सद्भावना दिवस पर “Rajiv Gandhi Sadbhavana Puraskar” दिया जाता है। इसी दिन के बड़े हस्तियों को जैसे लता मंगेशकर, दिलीप कुमार, सुनील दत्त, मदर टेरेसा अवार्ड से नवाजा गया है। पूरे भारत में राजीव गांधी को चाहने वाले लोग सद्भावना दिवस को उत्साह के साथ मनाते हैं।

क्या है राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार?

भारत में राजीव गांधी की हत्या के एक साल बाद 1992 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसी राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की शुरुआत की। यह राष्ट्रीय सद्भाव, एकीकरण और शांति को बढ़ावा देने के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को पहचानने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। इसमें प्रस्तावित पत्र के अलावा, पुरस्कार में 10 लाख रुपए नगद दिए जाते हैं। अब तक बहुत सारे लोगों को राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार दिया जा चुका है। जैसे कि एसएन सुब्बाराव, सुभद्रा जोशी, उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायण को भी दिया गया है।

राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना दिवस का क्या है महत्व?

राजीव गांधी की याद में हर वर्ष ‘सद्भावना दिवस’मनाया जाता है।राजीव गांधी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा था। उनके द्वारा देश के लिए किए गए कई आर्थिक और सामाजिक कार्यों के द्वारा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उनके भाषणों के उत्साह योग और प्रेरणादाई शब्द हमेशा याद किए जाते हैं। उनका कहा गया एक-एक शब्द उत्तेजनादयी होता है। जो भारत का नेतृत्व करने के लिए देश के युवाओं को आज भी प्रेरित करता है।

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