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Renewable Energy Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है अक्षय ऊर्जा दिवस, क्या है इसका मुख्य उद्देश्य और महत्व?

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Akshay Urja Diwas: देखा जाए तो एक तरफ जहां दुनिया के सभी देश धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चिंतित हैं। वही किसी तरह ऐसी ऊर्जा या किसी तकनीकी खोज की जाए। जिससे मानव जाति को भी लाभ हो और धरती का तापमान भी सामान्य बना रहे। तथा जहां तक संभव हो सके ग्रीन हाउस के गैसों का उत्सर्जन कम हो। यह बहुत ही गंभीर समस्या का विषय है।

क्यों मनाया जाता है अक्षय ऊर्जा दिवस?

हालांकि हर वर्ष भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस या अक्षय ऊर्जा दिवस 20 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन देश में अक्षय ऊर्जा संसाधनों के अहमियत को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है।एक बात तो लगभग तय है कि जिस तरह से हमारी पारंपरिक ऊर्जा स्रोत का हर तरफ से इस्तेमाल हो रहा है। उसे आने वाले समय में हमारे परंपरागत ऊर्जा स्रोत खत्म हो जाएंगे और तब हम क्या करेंगे?
ऐसी अवस्था को ध्यान में रखते हुए गैर पारंपरिक ऊर्जा की खोज बेहद ही अनिवार्य हो गया है। सौर ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, ज्वार भाटा, पवन ऊर्जा आदि से प्राप्त उर्जा इस तरह की ऊर्जा के मुख्य उदाहरण है इसलिए अच्छे नवीनकरणीय ऊर्जा स्रोत का विकास व प्रयोग आवश्यक है।

अक्षय ऊर्जा दिवस का इतिहास Akshay Urja Diwas

भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस की शुरुआत सन् 2004 में अक्षय ऊर्जा विकास कार्यक्रमों का समर्थन करने व ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों की जगह इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किया गया था। भारतीय अक्षय ऊर्जा दिवस से संबंधितनई दिल्ली में प्रथम कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तभी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2004 में इसी दिन एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। और 12,000 स्कूली विद्यार्थियों ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक मानव श्रृंखला बनाई। 20 अगस्त को ऐसे ही नहीं चुना गया बल्कि इस दिन को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती के तौर पर चुना गया था।

अक्षय ऊर्जा दिवस का महत्व Akshay Urja Diwas

अगर हम अक्षय ऊर्जा दिवस की बात करें। तो आज ऊर्जा हमारे आधुनिक जीवनशैली का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। अगर देखा जाए तो एक तरह से आज हमारी जीवन शैली पूरी तरह से इसी पर निर्भर है। उर्जा के बिना आप किसी भी तरह से आधुनिक चीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते। तथा निश्चित रूप से ये हमारे आधुनिक सभ्यता के अस्तित्व पर बहुत बड़ा प्रश्न? चिन्ह बन चुका है।अक्षय ऊर्जा ही अक्षय विकास का एक प्रमुख स्तंभ है। इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा का एक ऐसा विकल्प है जो असीम है, अनंत है, क्योंकि प्रकृति ने मानव जाति की रचना की है तो उसे बहुत सारी प्राकृतिक साधन और संसाधन भी दिया है।

अक्षय ऊर्जा का मुख्य उद्देश्य  Akshay Urja Diwas

अक्षय ऊर्जा दिवस का सबसे मुख्य उद्देश्य यही है किइस अभियान की मदद से हमारे समाज में यह संदेश जाए कि हमें परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के साथ गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बारे में भी सोचना है। तथा उन सभी स्रोतों का इस्तेमाल करना है। जो हमें प्राकृतिक से मिलती हैं। मतलब एक तो हमारे पर्यावरण को उनसे कोई नुकसान नहीं है। और दूसरी हमारी परंपरागत ऊर्जा के स्रोतों को उनके इस्तेमाल से भविष्य में लंबे समय तक इस्तेमाल कर सकेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत एकमात्र ऐसा देश है। जहां पर अच्छा ऊर्जा के विकास के लिए एक अलग से मंत्रालय गठित किया गया है। वर्तमान भारत की नवीन कार्य ऊर्जा क्षमता करीब 60 की गीगा वाट है।इसके अलावा सन 2022 तकिया लक्ष्य है कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 225 गीगावॉट यानी कि 2,25,000 मेगावाट ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल कर लेना है।

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