Government of India Privatization फिर कर रही है 3 कम्पनियों को बेंचने की तैयारी….

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Indian Government

Indian Government : निजीकरण का मुद्दा भारत के ज्वलंत मुद्दों में से एक है हालांकि भारत मे एक बड़ा वर्ग इस नीति का लगातार विरोध करता आ रहा है परंतु सभी प्रकार के विरोधों को नजरअंदाज करते हुये सरकार लगातार सरकारी सम्पतियों को बेंचती जा रही है इसी क्रम में पुनः यह खबर मिल रही है कि सरकार इस वर्ष भी 3 कम्पनियों को बेंचने की तैयारी कर रही है।

Government of India Privatization : कौन कौन सी कम्पनियाँ बिक सकती हैं

सूत्र बता रहे हैं की Government of India Privatization लगातार विनिवेश के लक्ष्य में विफल हो रही है और वह सरकारी सम्पत्ति को लगातार बेंचने का कार्य जारी किये हुये है,इसी बीच सूत्रों से खबर मिल रही है की इस वर्ष भी Government of India Privatization तीन बड़ी कम्पनियों को बेंचने की तैयारी कर रही है इन कम्पनियों में भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन,शिपिंग कॉर्पोरेशन और बी ई एम प्रमुख हैं जिनकी बिक्री की जा सकती है।

रणनीतिक बिक्री के जरिये पूरा होगा विनिवेश का लक्ष्य

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निवेश एवं लोक सम्पत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय का कहना है कि वह सी पी एस ई में अल्पांश हिस्सा बेंचकर ,सी पी एस ई को सूचीबद्ध करके रणनीतिक तौर पर बिक्री जारी रखेंगे,और इस प्रकार वह विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करेंगे।हालांकि यह कितना न्यायसंगत है इस लर अर्थशास्त्रियों को अपना मत रखने की जरूरत है।

पवन हंस की बिक्री की प्रक्रिया पहले से है जारी

इन सबके अतिरिक्त पवन हंस कम्पनी की बिक्री की प्रक्रिया पहले से ही जारी है और तुहिन कांत पांडेय का कहना है कि वह जल्द ही बोलियाँ खोलकर मंजूरी हासिल करेंगे और जल्द ही पवन हंस की बिक्री की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जायेगी।

आपको बता दे कि सरकार ने 1.75लाख करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्य रखा था,सरकार का कहना है कि वह पैसे जुटाने के लिये तीन आईपीओ भी लगायेगी।

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Government of India Privatization इससे पहले भी हो चुकी हैं कई बिक्री…

Government of India Privatization यह पहली बार नही है जब सरकार किसी सरकारी सम्पत्ति को बेंचने जा रही है इससे पहले भी इस दिशा में सरकार लगातार सक्रिय रही है और कई सेवायें और कम्पनियाँ निजी हाथों में दी जा चुकी हैं,जिनमे से एयर पोर्ट और रेल सेवा भी शामिल हैं।

महंगाई की आशंका,लोग कर रहे हैं विरोध….

भारत मे रहने वाले अधिकांश लोग मध्यमवर्गीय हैं जिनके पास इतनी सम्पत्ति नहीं है कि वह महंगी सेवाओं का लाभ ले सकें इसीलिये निजीकरण की नीति का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है,क्योंकि इससे महंगाई बढ़ने की आशंका है और इसके प्रत्यक्ष परिणाम देखे भी गये हैं।

बहरहाल सरकार लगातार निजीकरण की तरफ कदम बढ़ा रही है और इस वर्ष भी वह 3 कम्पनियों को बेंचने की तैयारी में है।

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