Edible Cup
Edible Cup; अगर आप से कहा जाए कि आप चाय के पीने के बाद चाय के प्याले या चाय के कप को खा जाइए तो शायद आपको विश्वास नहीं होगा और आप ही सुनकर हैरान रह जाएंगे। लेकिन गोरखपुर में इस समय चाय के साथ चाय के कप को खाने का चलन एक दुकान ने चला दिया है। जी हां दोस्तों आपको सुनकर हैरानी होगी लेकिन गोरखपुर में चाय का प्याला गेहूं और मक्के से बना हुआ है।
और लोग इसमें चाय पीने के बाद इस चाय के प्याले को बड़े चाव से खा रहे हैं। आजकल दुकान पर ग्राहक इस विशेष प्याले में चाय की डिमांड कर रहे हैं क्योंकि वे चाय पीने के बाद इसको फेंकने की जरूरत नहीं है बल्कि इसे आप खा सकते हैं क्योंकि यह गेहूं और मक्के के आटे से बना हुआ है।
तो अगर आपका अपने दोस्तों और यारों के साथ चाय पीने का मूड हो तो आप ऐसी दुकान पर जाइएगा जहां चाय के साथ खाने के लिए कुछ फ्री मिल रहा हो क्योंकि आजकल दुकानों पर एक ऐसा कप का प्याला आया है जो चाय के साथ टोस्ट का काम कर रहा है। चाय पीने के बाद आप उस प्याले को आराम से खा सकते हैं।
यह सुनने में बड़ा अजीब लगता है कि चाय का प्याला भी खाया जा सकता है लेकिन यह बात हंड्रेड परसेंट सही है। आजकल दुकानों पर एक ऐसा चाय का कप उपलब्ध है जो गेहूं और मक्के के आटे से बना हुआ है और जिसे लोग चाय पीने के बाद बड़े चाव से खा रहे हैं। इस समय हर चाय की दुकान पर लोग इसी कप की मांग कर रहे हैं। ताकि वह चाय के साथ चाय के कप के रूप में नमकीन का भी मजा ले सकें।
इस कप की खाने की तो खासियत है ही साथ ही इस कप के प्रयोग से मिट्टी और कागज के बने चाय से के कप से फैले प्रदूषण और गंदगी से भी छुटकारा मिला है। दूसरी तरफ लोगों को इसका स्वाद पसंद आ रहा है जिसकी वजह से इस कप की डिमांड बढ़ रही है और लोगों की डिमांड को देखते हुए इस कप में वनीला इलायची और चॉकलेट समेत कई फ्लेवर के रूप में बनाए जा रहे हैं।
इस कप के बनावट की खासियत यह है कि यह आइसक्रीम के कोन के शेप में है, लेकिन इसके उपर की परत उससे मोटी और मजबूत है। जिसमें चाय रखने के 20-25 मिनट तक वह गलता नहीं है। सामान्य कप की चाय दुकानों पर ₹10 में उपलब्ध है लेकिन इस विशेष खाने वाले कप के चाय में आपको ₹20 खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन समझने वाली बात यह है कि ₹20 में आप चाय के साथ कप के रूप में नमकीन खाने का भी मजा ले सकते हैं।
यह चाय के कप का प्याला युवाओं और नौकरी करने वाले लोगों की पहली पसंद बनती जा रही है। पंत पार्क से बाहर स्थित टीचर्स के नाम से स्टार्ट अप चलाने वाली अवनी त्रिपाठी बताती हैं कि उनके चाय की दुकान पर रोजाना 250 से 300 तक कप की चाय की बिक्री होती है।
उप जिसमें 50 से अधिक कप की डिमांड एडिबल ग्लास से की जाती है। इस चाय के कप में स्वाद तो है ही दूसरी तरफ फायदा यह है कि इस चाय के कप के प्रयोग से इसे फेंकने की झंझट नहीं होती है। जिसके वजह से दुकान के इर्द-गिर्द कचरा और गंदगी फैलने की संभावना भी घट जाती है।
नॉर्मल कप प्रयोग करने के बाद उनको रखने की समस्या आती है। दुकान के आसपास गंदगी भी फैलती है। दूसरी बात अगर हम मिट्टी के कुल्हड़ की बात करें इसको बनाने में मिट्टी का प्रयोग ज्यादा होता है जिसकी वजह से पृथ्वी की उर्वरक शक्ति प्रभावित होती है।
जब एक बुजुर्ग को Bank वालों ने मृत बोल कर उसको पैसा नही निकालने दिया, तो उसने क्या किया
कोर्ट केस के तीन दिन बाद Sapna Choudhary ने दुश्मनों को दिया जवाब, कहा- मैं नहीं हूं परेशान
यह खयाल सिद्धार्थ नगर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली अवनी को आया था। जो कि बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है उन्होंने इंटरनेट की मदद से इस कप का आविष्कार किया और धीरे-धीरे उसे प्रयोग में लाया। अवनी के द्वारा इजाद किया गया यह कप काफी डिमांड में है।