Categories: News

राष्ट्रपति Droupadi Murmu और सिक्किम के मुख्यमंत्री की पत्नी कृष्णा राय ने किया नृत्य मंडली के साथ डांस

Published by

Droupadi Murmu: Sikkim में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक स्थानीय नृत्य मंडली के सदस्यों के साथ डांस किया। उनके साथ सिक्किम के सीएम की पत्नी कृष्णा राय भी मौजूद थीं। उन्होंने गंगटोक में ही एक स्थानीय नृत्य मंडली के सदस्यों के कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। इसी दौरान उन्होंने नृत्य किया।

Droupadi Murmu

राष्ट्रपति द्रोपति ने कहा

बता दें कि इससे पहले अपनी दो दिवसीय मिजोरम यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह कहा कि आदिवासी बहुल राज्य इस इलाके में पड़ोसियों के साथ जुड़ने के देश के प्रयास में योगदान देता है तथा उससे लाभान्वित भी होता है।

आगे कहा…

उन्होंने यह भी कहा कि मिजोरम पूर्व आधुनिक काल की अपनी श्रेष्ठ शासन पद्धतियों से सीख ले सकता है। लोगों की बेहतरी के लिये मौजूदा प्रणाली में उन्हें अपना भी सकता है। मिजोरम विधानसभा बीते कुछ सालों में लोगों की समस्या का समाधान खोजने में भी एक प्रभावी साधन के रूप में विकसित हुई है।

मुर्मू ने यह कहा कि पहाड़ी राज्य की भौगोलिक स्थिति से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भी राज्य ने सभी मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। सन् 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के बाद से मिजोरम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

Droupadi Murmu

भारत का ‘”अष्टरत्न” बताया पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों को

राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने यह कहा कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्रतिबद्ध है। उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के सारे राज्यों को भारत का “अष्टरत्न” बताया। सिक्किम के पूर्व और दक्षिणी जिलों में राज्य तथा केंद्र प्रायोजित अलग-अलग योजनाओं का ऑनलाइन शिलान्यास एवं उद्घाटन करते हुए मुर्मू ने ये कहा कि भारत सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों के बीच संपर्क बढ़ाने, शिक्षा तथा कृषि क्षेत्रों को बेहतर बनाने के लिए ही बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाएं भी शुरू की हैं।

Droupadi Murmu

छोटी सी बच्ची फोफी बेचकर घर चलाने पर क्यों मजबूर है मेरा गांव Ep-13

India Vs Pakistan की होगी फाइनल में भिड़ंत? T20 वर्ल्डकप के ये समीकरण कर रहे इशारा

Droupadi Murmu कौन है?

दरअसल आजाद भारत के 75 वर्ष के इतिहास में बीते डेढ़ दशक को महिलाओं के लिए खास तौर से विशिष्ट माना जा सकता है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने वाली महिलाएं इस दौरान देश के शीर्ष संवैधानिक पद तक पहुंचने में भी कामयाब रहीं तथा 2007 में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल करने के बाद से अब द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना देश की लोकतांत्रिक परंपरा की ही एक सुंदर मिसाल है।

क्या कभी किसी ने यह सोचा था कि दिल्ली से दो हजार किमी के फासले पर स्थित ओडिशा के मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के एक छोटे से गांव उपरबेड़ा के बहुत ही साधारण स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाली द्रौपदी मुर्मू एक दिन असाधारण उपलब्धि हासिल करके देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान होंगी, तथा देश ही नहीं बल्कि दुनिया की बेहतरीन इमारतों में शुमार किया जाने वाला राष्ट्रपति भवन उनका सरकारी आवास भी होगा।

यहां ये उल्लेख करना प्रासंगिक ही होगा कि द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति है। महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही साथ वो देश की कुल आबादी के साढ़े आठ प्रतिशत से कुछ अधिक आदिवासी समुदाय का प्रतिनिधित्व करती हैं। लेकिन अगर जनजाति की बात करें तो वो संथाल जनजाति से ताल्लुक रखती हैं। भील तथा गोंड के बाद से संथाल जनजाति की आबादी आदिवासियों में सबसे अधिक है।

Droupadi Murmu का पारिवारिक जीवन

अगर पारिवारिक जीवन की बात करें तो Droupadi Murmu का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में ही हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु है। उनके दादा तथा उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे। मुर्मू मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के गांव उपरबेड़ा में ही स्थित एक स्कूल से पढ़ी हैं। ये गांव दिल्ली से करीब 2000 किलोमीटर तथा ओडिशा के भुवनेश्वर से 313 किलोमीटर दूर है।

उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया था। अपने पति एवं दो बेटों के निधन के बाद से द्रौपदी मुर्मू ने अपने घर में स्कूल खोल दिया। जहां पर वो बच्चों को पढ़ाती थीं। उस बोर्डिंग स्कूल में आभी भी बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।

Recent Posts