Categories: News

dinosaur end: डायनासोर की तरह सामूहिक विलोपन में क्या मनुष्य भी हो जाएंगे विलुप्त

Published by
उल्का पिंड की पृथ्वी में टकराने से होता है विलोपन dinosaur end

dinosaur end: पृथ्वी जब से अस्तित्व में आई है तब से हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की वन्यजीवों तथा विभिन्न प्रकार की पेड़ पौधों पौधे अस्तित्व में आए हैं और उनका अलग-अलग कारणों से बड़ी मात्रा विलोपन भी होता आया है हमारी पृथ्वी पर 6 सामूहिक विलोपन की प्रक्रियाएं हुई है :-

पहली विलोपन  की क्रिया :- पहले विलोपन की क्रिया 444 मिलियन वर्ष पूर्व डुबोनियन युग में घटी थी। इस घटना के होने पर धरती पर से 86 परसेंट जातियों का सफाया हो गया था । सभी जीव मर चुके थे । इस विलोपन की क्रिया के समय बहुत ही गंभीर हिमयुग आया था। जिसने समुद्र के स्तर को निम्न कर दिया था। जिससे जीव-जंतुओं की क्षति हो गई थी।

दूसरे विलोपन की क्रिया :- दूसरे सामूहिक विलोपन की घटना डेवोनियन मैं 383 से 359 मिलियन वर्ष पहले की हुई थी जिसमें 75 परसेंट प्रजातियों को हानि हुई थी और उनका इस घटना के दौरान सफाया हो गया था।

तीसरे विलोपन की क्रिया :- तीसरे सामूहिक विलोपन की क्रिया पर्मियन युग में हुई थी और यह घटना 252 मिलियन वर्ष पहले घट चुकी थी और इस तीसरी सामूहिक विलोपन की क्रिया में 96 परसेंट जातियों का सफाया हो गया था।

हो गए थे सारे डायनासोर विलुप्त dinosaur end

चौथे सामूहिक विलोपन की क्रिया :- चौथे सामूहिक विलोपन की क्रिया ट्रियासिक युग में 201 मिलियन वर्ष पहले हुई थी। इस क्रिया के दौरान 80 परसेंट प्रजातियों का विलोपन हो गया था।

यूनाइटेड नेशन द्वारा बताया गया था कि वर्ष 2021 अब तक के वर्षों में सबसे गर्म वर्ष रहा

छठवें सामूहिक विलोपन की क्रिया 66 मिलियन वर्ष पूर्व गठित हुई थी । इस विलोपन की क्रिया में उल्का पिंडों के पृथ्वी से टकराने और ज्वालामुखी में हो रही गतिविधियों और जलवायु परिवर्तन के होने से 76 प्रतिशत प्रजातियों का सफाया हो गया है। विलोपन का पृथ्वी के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा । धरती के जीव कब तक धरती पर रहेंगे और कब तक इनका भी सफाया हो जाएगा।  वन्य जीव ही नहीं बचेंगे, समुद्र मछलियों से खाली हो जाएगा, पेड़ – पौधों फूल पत्ती और फल देना बंद कर देंगे और धरती पर हरियाली नहीं दिखेगी। धरती पर जलवायु परिवर्तन के चलते धरती या तो खूब ठंडी हो जाएगी या खूब गर्म हो जाएगी। इससे पृथ्वी पर वन्य जीवो और पेड़ पौधों का रहना असंभव हो जाएगा। यूनाइटेड नेशन द्वारा कुछ समय पहले कहा गया है वर्ष 2021  अब तक के वर्षों में सबसे गर्म बर्ष रहा है। इस प्रकार पृथ्वी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कई मिलियन वर्ष पहले जिस प्रकार डायनासोर किसी प्रक्रिया के चलते उनका पूर्ण रूप से विनाश हुआ था। उसी प्रकार आज भी पृथ्वी का भविष्य और अस्तित्व खतरे में है।

कांग्रेस के इस नेता से तो राहुल गांधी को बोलना सीखना चाहिए

दिल का दौरा क्या है ? इसके लक्षण क्या है और बचाव के उपाय क्या है।

समुद्र खाली हो जाएंगे मछलियों से dinosaur end

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी देखी जा रही है जैव विविधता में भारी गिरावट :-

आज के वर्तमान समय में वन्यजीवों और वनस्पतियों का जो वर्तमान समय में विलुप्ती हो रही है उसका प्रमुख कारण मानव की गतिविधियां है। आज का मानव हमारे पर्यावरण तथा वायुमंडल में हस्तक्षेप कर रहा है। जिसके चलते छहवें सामूहिक विलोपन को बढ़ावा मिल रहा है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि सबसे ज्यादा गंभीर पर्यावरण में आपदाएं चुनौतियां स्थाई प्रकृति की हो जाएंगी । जिसमें अक्सर भूकंप आना, ज्वालामुखी का फटना, सुनामी और इसके अलावा अन्य गंभीर आपदाओं का सामना करना पड़ेगा । संभवत यह भी हो सकता है कि कोई शुद्र ग्रह या उल्कापिंड पृथ्वी पर आकर टकरा जाए और डायनासोरों की भांति विभिन्न जीव जंतुओं और प्रजातियों का सफाया कर दे । छठे विलोपन से जुड़ा अध्ययन बायो लॉजिकल रिव्यू जनरल में प्रकाशित हुआ है। वैज्ञानिकों ने लिखा है कि धरती के करीबन 13 फ़ीसदी अकशेरुकी जातियों के जीव पिछले 500 सालों में विनाश हो चुका है । वैज्ञानिकों की चेतावनी है कि यही प्रक्रिया चलती रही तो निश्चित ही जैव विविधता में भयानक स्तर की गिरावट देखने को मिलेगी। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेट लिस्ट ऑफ द सीरीज में 13 फ़ीसदी जीवो का जिक्र है।

भयंकर सुनामी भी हो सकती है छठी विलुप्ती का कारण dinosaur end

अगर नहीं बाज आए तो भविष्य में परिणाम होंगे भयावह

स्टडी में जिक्र है कि धरती पर पाए जाने वाले घोंघे कि 7 फ़ीसदी आबादी वर्ष 1500 से अब तक खत्म हो चुकी है। यह जमीन पर रहने वाले अकशेरुकी प्रजाति के जीव हैं। समुद्र में इसकी संख्या बहुत ज्यादा है । जमीन और समुद्र को मिलाकर देखा जाए तो इस प्रजाति के 7.5 से 13 फ़ीसदी जीव अब तक खत्म हो चुके हैं यानी 20 लाख मॉलस्क के बारे में वैज्ञानिकों को पता है। 6 वें विलोपन के पहले हुए 5 सामूहिक विलोपन का कारण भयंकर खतरनाक ज्वालामुखी विस्फोट और महासागरों में ऑक्सीजन की कमी और क्षरण और उल्का पिंडों का तेज गति से आ कर धरती से टकराना है। इस प्रकार गौर नहीं किया गया या अहम कदम नहीं उठाया गया तो आने वाला भविष्य भयावह होगा।

dinosaur end

Recent Posts