Rajan Tiwari: पुलिस विभाग के एडीजी अखिल कुमार ने पूर्व विधायक राजन तिवारी का नाम प्रशासन को भेजा था और Rajan Tiwari के केस और संपत्ति की पुलिस ने पड़ताल भी शुरू कर दी थी, अभी तक की पुलिस जांच में राजन के नाम की कितनी संपत्ति है, इसकी जानकारी नहीं जुटा पाई है।
उत्तर प्रदेश के टॉप माफिया की सूची में गोरखपुर के बाहुबली और कभी माफिया श्री प्रकाश शुक्ला का साथी रहा पूर्व विधायक राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। बात करें उसके गिरफ्तारी की तो गोरखपुर की कैंट पुलिस और एसओजी की टीम मंगलवार रात से ही बिहार में डेरा डाले थी। टीम में शामिल कैंट थाने के चौकी इंचार्ज अमित चौधरी, और एसओजी प्रभारी मनीष यादव ने बिहार पुलिस की मदद से राजन तिवारी को गिरफ्तार किया । पुलिस राजन तिवारी को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हो गई है, देर शाम तक राजन को गोरखपुर COURT में पेश किया जाएगा। राजन तिवारी नेपाल भागने की फिराक में था।
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अपराधी Rajan Tiwari जो कि बिहार मोतिहारी जिले के गोविंद गांव से विधायक भी रह चुका था। उत्तर प्रदेश में राजन के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज है। सिर्फ गोरखपुर में उस पर 36 से ज्यादा केस दर्ज हैं। वह कैंट थाने में दर्ज गैंगेस्टर के मुकदमे में वह शामिल था। राजन के ऊपर गोरखपुर पुलिस की तरफ से 20 हजार का इनाम भी था। पुलिस की तीन टीमें श्यामदेव बिंद की अंडर में लगातार एक महीने से दबिश दे रही थी।
बिहार के मोतिहारी पुलिस को इस बात की सूचना मिली कि राजन तिवारी नेपाल जाने की फिराक में है ।और वहां मोतिहारी में ही छिपा हुआ है, इस बात की सूचना उत्तर प्रदेश पुलिस को दी गई इसके बाद दोनों राज्य की पुलिस ने साथ में मिलकर कार्यवाही की और अपराधी राजन तिवारी को रक्सौल के हरैया ओपी थाना क्षेत्र से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने राजन तिवारी के गिरफ्तारी की बात की पुष्टि की है।
Rajan Tiwari उत्तर प्रदेश के टॉप 61 माफिया डॉन की लिस्ट में शामिल है गोरखपुर कैंट थाने में राजन के खिलाफ हत्या के दो मामले भी दर्ज है जो कि 1996 में दर्ज किए गए थे। इस मामले में भूतपूर्व गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला भी राजन का साथी था।
Rajan Tiwari के ऊपर उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 40 मुकदमे दर्ज हैं,बात करें अगर 2019 के लोकसभा चुनाव की तो चुनाव से पहले Rajan Tiwari ने लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी। सदस्यता के लेने के ऊपर काफी विवाद भी हुआ था लेकिन बाद में वह पार्टी से साइडलाइन कर दिया गया पूर्व विधायक राजन तिवारी 17 साल से COURT से जारी NBW के बाद भी गायब था।
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योगी सरकार के आने के बाद जब योगी का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ तभी से सभी जिलों से पुलिस ने माफियाओं की सूची बनानी शुरू कर दी थी। और लक्ष्य यह था कि 100 दिन के भीतर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही करनी है।बात करें अगर प्रदेश की तो पूरे प्रदेश में माफियाओं की सूची तैयार हुई थी,जिसमें गोरखपुर डिस्ट्रिक से बिहार के पूर्व विधायक राजन तिवारी का नाम भी शामिल था।
कोर्ट में जांच शुरू हुई तो मामला कुछ और ही निकला और गैंगस्टर के केस की जानकारी सामने आई जिसमें श्री प्रकाश को गैंग लीडर तथा राजन तिवारी को सक्रिय सदस्य बताया गया था । 2005 से राजन तिवारी के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए जा चुके थे,और पुलिस ने इस मामले में कोई जांच पड़ताल नहीं की थी। उनके खिलाफ मुकदमा पर कोई कार्यवाही भी नहीं हुई थी यह खबर जैसे पुलिस विभाग में आई हड़कंप मच गया। और राजन के खिलाफ पुलिस की एक टीम गठित की गई और उसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई।