Crime News: दुनिया में जब भी अगर पहली बार प्यार का नाम आता है, तो वह होती है मां लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि कोई इतना भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता है कि अपने ही मां का कत्ल कर दे इस तरह की घटना सुनकर के बहुत ही अजीब सा लग रहा है, लेकिन यह सच है। बहुत ही डरावना सच है।
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जिंदगी रिश्तों से ही बंधा हुआ है, जो अगर उलझ जाए तो बड़ी मुश्किल से सुलझ पाता है, और यही वो वक्त भी होता है, जब इंसान को सब्र और हिम्मत से काम लेने की सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है। लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं। और वह अपने बिगड़े हुए हालत से लड़ नहीं पाते हैं और शायद इसीलिए वह गलत रास्ता अपना लेते हैं। उनका गुस्सा ही उन्हें घेरकर कमजोर बना देता है। जिसका नतीजा बहुत खतरनाक हो जाता है।
ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के क्षितिज के साथ। जिसने पहले घर में ही अपनी बीमार मां का कत्ल कर दिया 4 दिन उसकी लाश के साथ रहा और फिर खुद अपनी जान भी ले ली खुदकुशी कर ली।
मगर मरने से पहले क्षितिज ने एक 77 पेज का सुसाइड नोट भी लिखकर मौका-ए-वारदात पर छोड़ा दिया था, जिसमें उसने अपनी जिंदगी की तमाम परेशानियों और मां की लाश बिताए हुए 4 दिनों का हर लम्हा उसमें लिखा था। डिप्रेशन, आर्थिक तंगी, गरीबी और अकेलेपन से जूझ रहे क्षितिज ने जो दास्तान 250 पेज के रजिस्टर में आखरी 77 पन्नों में पेंसिल से लिखकर बयां किया हुआ है। उसे पढ़कर किसी का दिल भी पसीज जाएगा। हम उसी सुसाइड नोट की कुछ बातें यहां आपको बताने वाले हैं।
क्षितिज ने अपने सुसाइड में यह लिखा है, कि वह दो साल से मर जाना चाहता था, वो मरने से पहले अपनी मां को उसके दुख से आजाद भी करना चहता था, हर इतवार को उसकी मां सत्संग में जाया करती थी, इस बार भी मां जब सत्संग से आईं, थोड़ी कहासुनी हुई और थोड़ी हंसी भी हुई मां की आंखों में जाला आ गया, लगता है मोतियाबिंद हो गया हो अब तो वह मर ही जाना चाहता है,गुरुवार है आज का दिन बाइक की केबल का इस्तेमाल किया उसने और अपनी मां का गला दबा दिया। ताकि मां को मरने में दर्द ज्यादा ना हो।
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Crime News, आगे उस व्यक्ति ने लिखा कि जैसे, ही उसने वायर कसा, मां 4 से 5 सेकंड में निढाल होकर वहीं पर गिर गई। उसे पता था दिमाग में ऑक्सीजन नहीं पहुंचने से किसी कि भी मौत हो सकती है, मां के गिरते ही उसने उसका सिर अपनी गोद में रखा आठ से दस मिनट तक गला दबा कर भी रखा। वो मुंह दबाकर रो भी रहा था। गुरुवार दिन भर और पूरी रात वह रोता ही रहा है। उसे पापा की बहुत ज्यादा याद आ रही है, मरने के बाद भी मां की आंखें खुली हुई थी उसने बंद करने की बहुत कोशिश की, लेकिन नहीं हुई आंखें बंद।
Crime News, मां और पिता का जिक्र करते हुए एक जगह क्षितिज यह भी लिखता है, कि उसकी मां कई बार उसे टोकती भी थीं, वह हाई बीपी से परेशान भी रहती थी, उसके पापा बहुत बहादुर हुआ करते थे, उसकी मां बताया करती थी उसको कि जब वह बहुत छोटा था, पापा उसे गोद में लेकर अस्पताल जाते थे, वहां बंदर उसे गोद से खींच कर ले जाना चाह रहे थे, लेकिन उसके पिता ने उसे कस कर पकड़े रखा और उन बंदरों को भगा दिया था।
क्षितिज अपनी मां के बारे में यह भी बताते हैं कि उसकी अच्छी परवरिश के लिए मां ने सिलाई भी किया करती थी, कुछ छोटे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाना शुरू कर दी थी, वो दसवीं में था तो उसके पिता की मौत हो गई थी, उसने अपने माता-पिता के यहां 14 साल बाद जन्मा हुआ था। वो उनका इकलौता बेटा था दिल्ली यूनिवर्सिटी के एसओएल में एडमिशन भी करवाया था।
लेकिन किस्मत साथ नहीं दी दो दो बार फेल हो गया, और फिर डिप्रेशन में रहने लगा,वह 5 रात तक सोया नहीं उसे नींद आती ही नहीं थी। कई बार वह बेहोश सा पड़ा भी रहता था बीमारियां उसके अंदर भरती ही जा रही थी और वह डिप्रेशन का शिकार हुए जा रहा था।