China ने चली ऐसी चाल कि ब्रिटेन हुआ पस्त, डिफेंस सिस्टम में लगा दी सेंध

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China: भारत के पड़ोसी मुल्क चीन ने ब्रिटिश डिफेंस में बड़ी सेंध लगाई है । सूत्रों के मुताबिक चीन ने ब्रिटिश रॉयल एयरफोर्स को समझने और उसका मुकाबला करने के लिए ब्रिटेन के 30 से अधिक पूर्व फाइटर जेट पायलट और हेलीकॉप्टर पायलटों को अपनी सेना में शामिल किया है । एक अधिकारी के मुताबिक ब्रिटेन के इन सैन्यकर्मियों को अपने बेड़े में शामिल करने का उद्देश्य चीन की सेना को प्रशिक्षित करना है ।

चीन इन ब्रिटिश सैन्यकर्मियों के द्वारा अपने सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षित करवाएगा । चीन का ये कदम भविष्य की रणनीतिक चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है । बता दें कि रॉयल एयरफोर्स के 30 से अधिक पायलट्स को चीन ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) के साथ एक प्रशिक्षण शिविर में रखा है जहां से इन्हें ट्रेन करके पीएलए के सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने में उपयोग किया जाएगा ।

China ने ब्रिटिश पायलट्स को खरीदा है भारी भरकम रकम में

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चीन द्वारा उठाये गए इस कदम का खुलासा ब्रिटेन के एक अधिकारी ने किया है । मंगलवार को अधिकारी ने बताया कि चीन ने ब्रिटेन की युद्ध तकनीक को समझने के लिए 30 से अधिक रॉयल एयरफोर्स जवानों को भारी भरकम रकम खर्च करके अपने साथ जोड़ा है । अधिकारी के मुताबिक चीन ने इन फाइटर जेट पायलट और हेलीकॉप्टर पायलटों को £240000 सालाना ( करीब 2 करोड़ रुपये) की सैलरी में अपने साथ जोड़ा है ।

ये सभी पायलट इस वक्त चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के प्रशिक्षण शिविर में हैं । बता दें कि चीन का उद्देश्य इन ब्रिटिश पायलटों के माध्यम से पश्चिमी देशों के फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर आदि को मात देने का तरीका सीखना है ।

ऐसे किया भर्ती

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चीन ने अपने बेड़े को मजबूत करने को पश्चिमी मुल्कों की युद्ध तकनीक को भेदने के उद्देश्य से जिन पायलटों को भर्ती किया है उन्हें एक दक्षिण अफ्रीकी कम्पनी के माध्यम से शामिल किया है । जानकारी के मुताबिक चीन ने ब्रिटिश पायलटों को भर्ती करने के लिए एक दक्षिण अफ्रीकी कम्पनी को थर्ड पार्टी के रूप में इस्तेमाल करते हुए किया है ।

बता दें कि ये 30 से ज्यादा पूर्व सैन्यकर्मी दक्षिण अफ्रीकी कम्पनी फ्लाइंग अकेडमी ऑफ साउथ अफ्रीका के साथ सीधे संपर्क में थे । चीन ने इस कम्पनी के माध्यम से इन सैन्यकर्मियों तक पहुंच बनाई और फिर उन्हें एक भारी भरकम राशि देकर अपने साथ जोड़ लिया । हालांकि कम्पनी ने अभी तक इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है ।

भविष्य की रक्षा चुनौतियों के मद्देनजर लिया फैसला

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China द्वारा ब्रिटिश एयरफोर्स के पूर्व सैनिकों को अपने साथ जोड़ने को एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है । ब्रिटिश न्यूज़ चैनल स्काई न्यूज़ के अनुसार चीन के इस कदम को ब्रिटेन के पूर्व रॉयल एयरफोर्स अधिकारी ने “खतरनाक” बताया है । एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चीन ने ब्रिटिश सैनिकों को अपने साथ इसलिए जोड़ा है ताकि चीनी सेना पश्चिमी देशों की युद्ध तकनीक से वाकिफ हो सके और उन्हें हराने की काबिलियत सीख जाए ।

वहीं ब्रिटेन के अधिकारियों ने ये भी बताया कि चीन ने उन पूर्व पायलटों को भी भर्ती करने का प्रयास किया है जिन्होंने सबसे खतरनाक माने जा रहे अमेरिकी लड़ाकू विमान F-35 का प्रशिक्षण लिया है । बता दें कि पांचवी पीढ़ी के इस लड़ाकू विमान F-35 की कीमत करीब £ 100 मिलियन है । इस विमान को अमेरिका और ब्रिटेन ने मिलकर तैयार किया है ।

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