China ने छोड़ा मझधार में तो भारत के पास आया नेपाल, जाने क्या है पूरा मामला

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नेपाल ने भारत से डील फाइनल की

China से 2 पावर प्रोजेक्ट्स में झटका मिलने के बाद नेपाल ने भारत से अब डील फाइनल की है. भारत की सरकारी कम्पनी एनएचपीसी इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी. यह दोनों ही प्रोजेक्ट्स नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में विकसित किए जा रहे हैं जिनमें लगभग 2.4 बिलियन खर्चा आने का भी अनुमान है.

China से झटका लगने के बाद नेपाल को भारत ने दिया सहारा

China से जब नेपाल को 2 बड़े पावर प्रोजेक्ट्स में झटका मिला तो अब जाकर नेपाल ने उन प्रोजेक्ट्स को लेकर के भारत के साथ डील पक्की कर ली है. दरअसल, नेपाल के पश्चिमी क्षेत्र में बन रहे 2 पावर प्रोजेक्ट्स को शुरू में China कंपनियां बना रही थीं. मगर बाद में किसी वजह से China की कंपनियों ने इससे अपने हाथ पीछे खींच लिए. जिसके बाद से ही अब दोनों प्रोजेक्ट्स को लेकर के नेपाल और भारत के बीच बात आगे बढ़ गई है.

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नेपाल के इन दोनों हायड्रो प्रोजेक्ट्स को बनाने के लिए भारत की सरकारी कम्पनी नेशनल हायड्रो पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड( NHPC) और नेपाल इनवेस्टमेंट बोर्ड ने एग्रीमेंट भी साइन कर लिया है. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के पड़ोसी देश ने भारत के साथ पावर सेक्टर में पार्टनरशिप को बढ़ाने के फैसले के बाद इस एग्रीमेंट को साइन किया गया है.

नेपाल इन्वेस्टमेंट बोर्ड के चीफ सुशील भट्टा ने एनएचपीसी को लेकर बताया कि NHPC का इस तरह के प्रोजेक्ट्स को विकसित करने में बहुत ही अच्छा रिकॉर्ड रहा है. उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में एनएचपीसी के साथ ही और भी प्रोजेक्ट्स पर एक साथ काम करने की आशा है. वहीं एनएचपीसी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अभय कुमार सिंह ने बताया है कि जब हम किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एकजुट होते हैं तो उसे पूरा जरूर करते हैं.

दोनों पावर प्रोजेक्ट्स का खर्चा लगभग 2.4 बिलियन डॉलर

नेपाल के दोनों 750MW वेस्ट सेती और 450MW एसआर6 प्रोजेक्ट्स को बनाने में करीब कुल खर्च 2.4 बिलियन डॉलर बताया जा रहा है. पहले इन दोनों ही प्रोजेक्टों के लिए 2 चीनी कंपनियों से डील भी हुई थी और दोनों ओर से एमओयू भी साइन कर लिया गया था. मगर कुछ ही समय बाद अलग-अलग कारणों की वजह से दोनों ही चीनी कंपनियों ने यह डील तोड़ दी थी.

इन प्रोजेक्ट्स को अब एनएचपीसी नेपाल के लिए विकसित करेगी. इसके लिए पहले एनएचपीसी दोनों प्रोजेक्ट्स को लेकर के स्टडी भी करेगी जिसमें करीब 2 वर्ष का समय लग जाएगा. इसके बाद से कंस्ट्रक्शन का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.

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भारतीय कंपनियां नेपाल के कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहीं है

नेपाल में एक 900mw के पावर प्रोजेक्ट पर पहले से ही भारत की SJVN लिमिटेड काम कर रही है, और इसके साथ ही यह कम्पनी एक दूसरे 679 mw के प्रोजेक्ट पर भी पिछले ही साल से काम कर रही है. वहीं नेपाल के ही अच्छम, सुर्खेत और दाइलेख जिलों के बीच बन रहे अपर करनाली हायड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट पर भी भारतीय कम्पनी जीएमआर का भी काम जारी है.

भारत और नेपाल मिलकर धमाल मचाएंगे पावर सेक्टर में

पावर सेक्टर में भारत और नेपाल एक साथ मिलकर आगे भविष्य को देखते हुए काम कर रहे हैं. नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी पहले इस बात को कह चुके हैं. यह भी माना जा रहा है कि दोनों देशों को पावर सेक्टर में एक साथ आगे बढ़ने का फायदा भी भविष्य में देखने को जरूर मिलेगा.

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

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