आज के समय में दिल्ली के मशहूर चांदनी चौक के पश्चिमी हिस्से में बनी खारी बावली एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्केट मानी जाती है। लेकिन बड़े अफसोस की बात है की इतना मशहूर होने के बावजूद भी पर्यटक इसे नजरअंदाज भी कर देते हैं। सिर्फ पर्यटक ही नहीं बल्कि दिल्ली की जनता भी खारी बावली के बारे में नहीं जानती। 400 साल पहले खारी बावरी बावडियों का समूह था। जिनका पानी के स्वाद में नमकीनी होने की वजह से कभी उनका उपयोग नहीं किया गया। इसीलिए तो समय के साथ-साथ वह बावडिया नष्ट होती गई। तथा उसमें से एक बावड़ी के मालवी पर ही गदोदिया मार्केट बन गई जो कि आज के समय में एशिया की सबसे बड़ी मसाला मार्केट है।
इस पोस्ट में
अगर हम इतिहासकारों की मानें तो खारी बावली का निर्माण तो शेर शाह सूरी के बेटे इस्लाम शाह के शासन में हुआ था। लेकिन इस्लाम शाह की हत्या के बाद से आदिल शाह ने1551 में बावली का निर्माण पूर्ण करवाया था। उस जमाने में तो दिल्ली का नाम शेरगढ़ ही था। तथा नहीं दिल्ली में चांदनी चौक था और नहीं कहीं जामा मस्जिद। बाकी यह सब इमारतें दिल्ली में मुगल वंश के आने के बाद से ही बनी थी। खारी बावली में पानी खारा होने की वजह से इसे निरुपयोगी घोषित कर दिया गया था। तथा कुछ सदियों के बाद से ही यानी कि 18 मी सदी में यहां मसालों का बाजार बन गया। जो कि आज तक पीढ़ी दर पीढ़ी से चलता आ रहा है।
दिल्ली की खारी बावली एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाजार है। जहां पर कई तरह के मसालों की खरीदारी कर सकते हैं। तथा इसके साथ ही साथ यहां पर कुछ आकर्षक तस्वीरें भी आप क्लिक कर सकते हैं। आपको बता दे कि फतेहपुर मस्जिद का एक स्पष्ट दृश्य भी इस बाजार से मिलता है। चांदनी चौक तथा लाल किला तक किल्लीन भी आपको यहां से नजर आ जाएगी। यहां पर कई सारे ऐसे दृश्य हैं। जिनको आप तस्वीरों में कैद भी कर सकते हैं। विदेशी पर्यटकों के बीच भी यह स्थान प्रसिद्ध है। जो भारत इस जगह की कच्ची सुंदरता को देखने के लिए आते हैं।
आप अगर खारी बावली में खरीदारी करने के लिए जा रहे हैं। तो ऐसे में तो यहां पर कई सारी दुकाने मौजूद है। जहां से आप अलग-अलग तरह के मसाले, सूखे मेवे, चाय तथा जडी-बूटियों आदि चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। यहां की “मेहर चंद एंड संस” प्रसिद्ध दुकानों के नाम में शामिल है। जिसकी स्थापना 1917 में हुई है। इन दुकानों से आप विभिन्न प्रकार के मसाले, सूखे मेवे, चाय और जड़ी बूटियां आदि की खरीदारी कर सकते हैं।
आप अगर खारी बावली जाने कि तैयारी कर रहे हैं। तो मैं आपको बता दूं कि यह बाजार रविवार के दिन को छोड़कर सभी दिन बाजार खुला रहता है। सुबह 10 बजे से रात 8 बजे के बीच यह बाजार खुला रहता है। मैं आपसे यही कहना चाहूंगी कि आप नवंबर से फरवरी की ठंडे महीनों के बीच कभी भी या दिन में भी इस विचार का दौरा कर सकते हैं। लेकिन अगर आप गर्मियों के मौसम में भी इस बाजार में जाना चाहते हैं। तो शाम के समय इस बाजार में जाएं। क्योंकि मार्च से लेकर जून तक के महीनों के दौरान यहां का मौसम बहुत ही गर्म हो सकता है। और तो और आपका पैदल चलना भी यहां मुश्किल हो सकता है।