Bihar Politics: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर

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Bihar Politics: बुधवार का दिन बिहार की राजनीति के लिए एक बड़ा दिन रहा। बिहार की राजनीति में एक साथ कई उलटफेर देखने को मिला। एक तरफ मुकेश साहनी को बड़ा झटका देते हुए, भाजपा ने उनके विधायकों को अपने पाले में कर ली। तो वही जीतन राम मांझी कि पार्टी हम के सुर बदले-बदले से नजर आए। चिराग पासवान भी खुलकर भाजपा के समर्थन में खड़े होते दिखाई दिए।

सहनी के विधायक भाजपा में शामिल

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Bihar Politics भाजपा ने बिहार के पशुपालन मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी को बड़ा झटका देते हुए। उनके तीन विधायकों को अपने पाले में खींच लिया है। वीआईपी के सभी तीन विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। विधायकों ने विधानसभा अध्‍यक्ष से मुलाकात कर बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी। पार्टी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल और स्वर्णा सिंह भाजपा में शामिल हुए।

विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तीनों विधायकों को मान्यता भी दी है। वीआईपी के पास 4 प्रतिनिधि हैं। तीन विधायक और एक एमएलसी जो मुकेश सहनी खुद हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी। रेणु देवी और तारकेश्वर प्रसाद सिंह जी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ली।

यूपी चुनाव से चल रहे थे, नाराज

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Bihar Politics वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई बोचहां विधानसभा सीट उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने यह सीट उपचुनाव के लिए वीआईपी को नहीं दी। क्योंकि भाजपा के मना करने के बाद भी मुकेश सिंह ने उत्तर प्रदेश में 53 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। चुनाव प्रचार के दौरान मुकेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व के खिलाफ जमकर हमला बोला था। भाजपा ने यहां बीवी कुमारी को अपना प्रत्याशी बनाया है।

जा सकता है, मंत्री पद

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Bihar Politics भाजपा को समर्थन के एवज में मुकेश सहनी को मंत्री बनाया गया था। 2020 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा ने उन्हें एमएलसी भी बनाया था। वहीं सूत्रों के मुताबिक, एमएलसी का कार्यकाल 2 माह में समाप्त होने वाला है। और उनके तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद उनका मंत्री पद भी छीना जा सकता है। भाजपा अब उन्हें एमएलसी नहीं बनाएगी। संवैधानिक अनिवार्यता के हिसाब से 6 महीने के भीतर अगर वो (मुकेश साहनी) किसी सदन के सदस्य नहीं बनते हैं।तो उनका मंत्री पद चला जाएगा।

सबसे बड़ी पार्टी बनी भाजपा

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वीआईपी के विधायकों के शामिल होने के साथ ही भाजपा बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई। अब तक आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी थी। 2020 के चुनाव में आरजेडी ने 75 सीटें जीती थी। दरअसल शामिल होने वाले तीनों विधायक भाजपा के ही कैंडिडेट थे। जो वीआईपी के सिंबल पर चुनाव लड़े थे। प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने बताया कि तीनों विधायकों ने बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया है। तीनों की घर वापसी हुई है। और इन विधायकों की शामिल होने से भाजपा को मजबूती मिलेगी। सदन में अब भाजपा सदस्यों की संख्या 77 हो गई है।

जीतन राम मांझी का बदला रुख

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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पहले तो मुकेश साहनी के विधायकों के भाजपा में शामिल होने से नाराज थी। पार्टी ने भाजपा के उम्मीदवार देने पर साहनी के पक्ष में बयान भी दिया था। लेकिन अब उसके सुर भी बदले बदले से नजर आ रहे हैं। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, कि वीआईपी के बोचहां प्रकरण से एनडीए पर कोई असर नहीं होगा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह पूरी तरह भाजपा और वीआईपी के बीच का मुद्दा है। दोनों ही दल एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतार रहे हैं। बिहार में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में मजबूत है।

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चिराग ने दिया, समर्थन

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बिहार की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला जब चिराग पासवान ने भाजपा को बोचहां सीट पर समर्थन देने का ऐलान किया। बोचहां विधानसभा उपचुनाव में चिराग पासवान ने भाजपा उम्मीदवार बेबी कुमारी को समर्थन देने का निर्णय लिया है। चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) बोचहां में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। हालांकि चिराग भाजपा के समर्थन में प्रचार करेंगे या नहीं इस पर संशय बरकरार है।

लंबे अरसे बाद चिराग भाजपा के साथ खुलकर खड़े होते दिखाई दिए हैं। अब तक वे अगले चुनाव के वक्त ही गठबंधन के बारे में सोचेंगे कहते थे। 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद हुए दो उपचुनाव में भी उन्होंने अकेले दम पर ही लड़ा था। लेकिन अब तस्वीर बदली-बदली सी लग रही है। चिराग ने मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद से दिल्ली में मुलाकात के बाद यह फैसला किया है। निषाद ने नई दिल्ली में चिराग पासवान से मुलाकात कर बोचहां में उम्मीदवार न उतारने का आग्रह किया था।


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