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ट्रेंड में चला पेशाब से बनी Beer, जानिए ऐसी क्या मजबूरी आन पड़ी.

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Beer: जरा सोचिए, अगर आपको पता चले कि आप जो बियर पी रहे हैं, वह यूरिन से बनी होती है। तो आप की प्रक्रिया क्या होगी?? लेकिन यहां मामला कुछ उलट है। इस देश में यूरिन से बनी बियर की बहुत डिमांड है तथा इसे इकोफ्रेंडली बियर के तौर पर बेचा जा रहा है।

Beer सीवेज वाॅटर से बनाई जा रही है

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पानी की कमी से जूझ रहे सिंगापुर में उस सीवेज वाॅटर से वियर बनाई जा रही है। जिसमें पेशाब व मल बहता है। न्यूब्रू नामक इसी बियर को नीवॉटर से बनाया जाता है। इसे सुरक्षित पेयजल अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का पालन करता है।

रीसाइकल किया जाता है सीवेज वाॅटर को

इस सीवेज वाटर को रिसाइकल करके बनाया जाता है। इसमें प्रीमियम जर्मन जौ माल्ट, सुगंधी सिट्रा तथा केलिप्सो हाॅप्स तथा नार्वे शिव फार्म हाउस ईस्ट की मांग वाले क्वेइक का भी उपयोग होता है। पिछले 8 अप्रैल को राष्ट्रीय जल एजेंसी पीयूबी तथा स्थानीय शिल्प बीयर ब्रूवरी ब्रेवर्क्ज की ओर से लांच किया गया था।

पानी की कमी है सिंगापुर में

बता दें कि इस Beer को सबसे हरी बीयर कहा जाता है। पानी के दोबारा उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यूब्रू सिंगापुर में बिक रही है। सिंगापुर में पानी की कमी है। ये चारों तरफ समुद्र से घिरा है। यहां पर पीने का पानी मलेशिया से खरीदा जाता है।

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लोगों को जागरूक करने की जरूरत

सिंगापुर में जल संकट से निपटने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए यह तरीका निकाला गया है। यहां इससे पहले क्राफ्ट बियर कंपनी ने वर्ष 2017 में स्टोन फुल सर्कल पेय लाॅन्च किया था। आपको बता दें कि क्रस्ट ग्रुप तथा सुपर लोग ग्रुप ने भी साफ सीवेज रीसाइकल्ड वाटर का उपयोग कर क्राफ्ट बीयर लांच की थी।

सुरक्षा के लिहाज से सारे मापदंडों का पालन किया गया

इसमें खास बात यह है कि इसे बनाने में सुरक्षा की लिहाजा से सारे मापदंडों का पालन किया गया है। यानी कि ऐसा नहीं है कि यह गंदे पानी से बने हैं। तो इसे पीने वाले बीमार हो जाएंगे। ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि बीयर को एकदम सही तरीके से तैयार किया गया है।

इस Beer को हरी बीयर भी कहा जाता है। पानी के दोबारा उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यूब्रू सिंगापुर में बनाई जा रही है। सीवेज वाटर को रिसाइकल करके इसे बनाया गया है। बीयर में प्रीमियम जर्मन जाॅ माल्ट, सुगंधित सिट्रा तथाा हॉप्स एवं नार्वे से फार्म हाउश यीस्ट की मांग वाले क्वेइक का भी उपयोग होता है। टेस्ट में यह भी आम बीयर जैसी है।

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इस तरह का है टेस्ट

Beer को 95 फ़ीसदी निवाॅटर तथा मनुष्य के पेशाब को मिलाकर तैयार किया जा रहा है। हालांकि रिसाइकल होने के बाद से जो गंदा पानी बचता है उसे ही निवाॅटर कहा जाता है। इसको ऐसे समझे की इतना ज्यादा मात्रा में पानी गंदा होने के बाद भी ये बीयर अंतरराष्ट्रीय मानदंडों को फॉलो करता है। अगर बिकी टेस्ट की बात करें तो कंपनी के मुताबिक इसका टेस्ट हल्का भुना हुआ तथा शहर की तरह ही होता है।

Beer भारत में कैसे बनता है?

बीयर को विटामिन तथा मिनरल्स का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसको बनाने के लिए गेहूं, जौ, चावल तथा मक्का आदि का उपयोग किया जाता है। हालांकि इस में शराब की तुलना में काफी कम मात्रा में अल्कोहल का उपयोग किया जाता है तथा इस कारण से इसे पूरी दुनिया में पसंदीदा पेय की श्रेणी में रखा जाता है।



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