जनसंख्या वृद्धि को अवसर नहीं बनाया गया तो यह 100% भयावह आपदा है।

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जनसंख्या वृद्धि को तब समस्या कह सकते हैं जब यह जनसंख्या कार्यशील ना हो और केवल पृथ्वी पर संसाधनों का उपयोग करती हो। वर्तमान में चीन दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत जनसंख्या की दृष्टि से वर्तमान में दूसरे स्थान पर आता है। भारत की जनसंख्या लगभग 138 करोड़ है। भारत का क्षेत्रफल 32 लाख 87 हजार 263 वर्ग किलोमीटर है। भारत में विश्व की 17.64 % जनसंख्या निवास करती है जबकि भारत विश्व का 2.4% क्षेत्रफल ही  रखता है।

जनसंख्या वृद्धि से बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है जैसे कि: गरीबी- जनसंख्या अधिक होने के कारण किसी देश में संसाधनों की कमी पड़ जाना जाहिर सी बात है। अधिक जनसंख्या से गरीबी और भुखमरी जिससे बच्चे कुपोषित होते हैं जो एक गरीब देश का परिचायक है। जैसे किसी टेबल पर 4 लोगों का खाना रखा हो लेकिन खाने के लिए 8 लोग आ जाएं तो हुआ है खाना 8 लोगों में देना पड़ेगा जिससे खाना की मात्रा कम कम देनी होगी और इससे 8 लोगों का सही से पेट नहीं भरेगा और वह है आधे भूखे ही रह जाएंगे।

प्रकृति के टेबल पर केवल कुछ लोगों का खाना रखा है लेकिन अधिक संख्या में लोग आएंगे तो सबको भूखे ही सोना पड़ेगा। जनसंख्या के कारण बेरोजगारी की समस्या भी पनपती है जिससे देश के युवा बेरोजगारी से तंग आकर अपनी जान भी दे देते हैं जो देश के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है। युवा वर्ग में बेरोजगारी के कारण हताशा और निराशा भर जाते हैं।

जनसंख्या वृद्धि के कारण किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधनों पर बहुत दबाव पड़ता है। जिससे जलवायु परिवर्तन जैसे भयावह आपदाएं उत्पन्न होते हैं। पेड़ पौधों का अधिक शोषण किया जाता है। जनसंख्या वृद्धि के कारण पेड़ पौधों और जंगली जानवर भी प्रभावित होते हैं।

जनसंख्या वृद्धि के कारण कई कई किलोमीटर तक पीने लायक पानी की किल्लत होती है।तथा अधिक जनसंख्या होने की वजह से जलस्तर नीचे चला गया है और पानी की कमी हो रही है।कहीं-कहीं तो पाने के पानी की इतनी किल्लत हो जाती है कि लोग आपस में झगड़ा कर एक दूसरे को मौत के घाट उतार देते हैं यह है भविष्य की भयावह आपदा है।

रिपोर्ट प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में छपे एक ताजा रिपोर्ट कहती है कि अभी दुनिया की आबादी 7.8 अरब है जो कि 2100 में करीब 8.8 अरब हो जाएगी लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में रिपोर्ट में अनुमान लगाया था कि साल 2100 तक दुनिया की आबादी 10.9 करोड़ हो जाएगी।रिपोर्ट के अनुसार इस सदी के अंत तक सबसे ज्यादा जनसंख्या क्रम में भारत, नाइजीरिया ,चीन ,अमेरिका और पाकिस्तान होगा नाइजीरिया दूसरे नंबर पर इसलिए होगा क्योंकि वहां की जनसंख्या वृद्धि दर में कोई कमी नहीं होने जा रही है।

जनसंख्या वृद्धि के कारण पृथ्वी पर व्याप्त संसाधनों का अविवेकपूर्ण विदोहन हो रहा है। जिससे पृथ्वी के संसाधन धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। इससे पृथ्वी पर रहने वाले जीव धारियों पर गहरा संकट मडरा रहा है और पर्यावरण की क्षति हो रही है और पृथ्वी का तापमान इसके कारण बढ़ता जा रहा है।

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए लोगों को शिक्षित होना और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होना जरूरी है। साक्षरता दर और प्रजनन दर में सह संबंध पाया जाता है। जहां लोग शिक्षित होंगे वहां बच्चे कम पैदा होते हैं। और जहां अशिक्षित लोग हैं वहां लोग अधिक बच्चे पैदा करते हैं।

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