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Archana Devi: मुफलिसी में बीता बचपन, नहीं थे बैट खरीदने के पैसे,अब अंडर –19 विश्वकप खेलती नजर आएंगी उन्नाव की बेटी अर्चना

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Archana Devi: साहिर लुधियानिवी का एक बहुचर्चित शेर है– ” हजार बर्क गिरें,लाख आंधियां उठें,वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं….” । कुछ ऐसा ही टैलेंट के बारे में भी कहा जा सकता है वो चाहे दुनिया के किसी भी कोने में छिपा हो एक न एक सबकी नजरों में आ ही जाता है । यही बात यूपी के उन्नाव के एक छोटे से गांव की रहने वाली अर्चना देवी पर भी लागू होती है जिनके टैलेंट ने तमाम दुश्वारियां झेलते हुए आज अपनी पहचान बनाई ।

Archana Devi भारत की अंडर –19 महिला क्रिकेट टीम की तरफ से दक्षिण अफ्रीका में हैं जहां वह शनिवार से शुरू हो रहे U –19 विश्वकप में भारत की तरफ से खेलती नजर आएंगी ।

बेहद गरीबी में बीता बचपन

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उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बांगरमऊ स्थित रतईपुरवा गांव के रहने वाले शिवराम निषाद और शिवदेवी के घर जन्मी अर्चना का बचपन गरीबी में बीता । 2007 में पिता शिवराम की पसलियों के कैंसर के चलते मृत्यु हो जाने से पिता का साया अर्चना के ऊपर से बचपन में ही छिन गया । उस वक्त अर्चना महज 4 वर्ष की थीं । वहीं पति को मौत के बाद घर संभालने और 2 बच्चों के लालन पालन की जिम्मेदारी मां शिवदेवी पर आ गई।

अर्चना की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में हुई । वहीं छठवीं कक्षा में आने पर मां ने किसी तरह अर्चना का दाखिला कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में करवा दिया । यही वो निर्णय था जिससे अर्चना को नई पहचान मिली ।

शिक्षिका पूनम गुप्ता ने पहचानी प्रतिभा

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कहते हैं टैलेंट को बस एक मौके की तलाश होती है। कुछ ऐसा ही Archana Devi के साथ भी हुआ जब विद्यालय की दौड़ प्रतियोगिता में अर्चना ने हिस्सा लिया और दूसरे स्थान पर रहीं । यहीं शिक्षिका पूनम गुप्ता की नजर अर्चना पर पड़ी और वह अर्चना को लेकर कानपुर आ गईं। अर्चना के पास बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे ऐसे में पूनम गुप्ता ने उनकी हरसंभव मदद की । यहां उन्होंने कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय कपूर,लखनऊ के बिजनेसमैन सुकांत बनर्जी और कोच कपिल देव पांडे से अर्चना की मुलाकात करवाई । इसके बाद अर्चना कानपुर में ही हास्टल में रहकर कोच कपिल देव पांडे की देखरेख में अभ्यास करने लगीं ।

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2017 में हो गई भाई की मृत्यु पर नहीं टूटा हौसला

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बेहद संघर्ष करते हुए अर्चना एक तरफ क्रिकेट की बारीकियां सीख रहीं थीं तो दूसरी तरफ गरीबी और अभावों से भी लड़ रहीं थीं । बचपन में पिता की मृत्यु हो जाने के बाद अर्चना को तब और सदमा लगा जब 2017 में उनके छोटे भाई की सांप काटने से मृत्यु हो गई । इतने बड़े आघात से जूझते हुए भी अर्चना ने मेहनत करनी नहीं छोड़ी और प्रैक्टिस करती रहीं । अर्चना बताती हैं कि घर का खर्च खेती से चलता है जो सिर्फ गृहस्थी चलाने के ही काम आता है ।

ऐसे में अर्चना बताती हैं कि उनकी क्रिकेट कोचिंग का पूरा खर्च सुकांत सर,पूनम मैम ने उठाया । कपिल सर ने अपने ग्राउंड में फ्री कोचिंग दी। अर्चना बताती हैं कि उनके साथ कभी कभी कुलदीप भैया(यादव) भी प्रैक्टिस करने आते हैं । वह उनकी गाइडेंस करते रहते हैं। वह कहते हैं कि जब भी बैट्समैन अक्रामक दिखे तब अपनी गेंदों में वैरिएशन लाओ ।

अंडर –19 टीम में हुआ चयन,विश्वकप खेलती नजर आएंगी अर्चना

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बल्लेबाजी के अलावा ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करने वाली 18 वर्षीय अर्चना देवी इस वक्त साउथ अफ्रीका दौरे पर हैं जहां वह 14 जनवरी से शुरू होने वाले पहले अंडर 19 T 20i विश्वकप में भारत का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी । बता दें कि इससे पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भी अर्चना का प्रदर्शन अच्छा रहा था । वहीं विश्वकप टीम में चुने जाने पर अर्चना के घर सहित गांव में भी उत्साह की लहर है । बता दें कि U 19 महिला T 20i वर्ल्ड कप 14 जनवरी से 29 जनवरी तक दक्षिण अफ्रीका में खेला जाएगा ।

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