Amit Malviya: बुलडोजर से घरों को गिराए जाने के विवाद के बाद से भाजपा ने रविवार को कांग्रेस पर हमला बोला है। पार्टी ने यह आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ पहली बार बुलडोजर के उपयोग का आदेश इंदिरा गांधी की ओर से दिया गया था। भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल की इंचार्ज अमित मालवीय ने ट्वीट में अप्रैल 1976 में इमरजेंसी के दौरान तुर्कमान गेट पर हुई घटना का जिक्र करते हुए यह कहा है कि हर प्रशंसकों पर बुलडोजर के उपयोग का पहला मामला था।
इस पोस्ट में
Amit Malviya ने ट्वीट में यह कहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी में मनीष तिवारी से लेकर राहुल गांधी तक सभी भूलने की बीमारी से पीड़ित हैं या फिर उन्हें जानकारी ही नहीं है अपने इतिहास के बारे में ?? नजरियों तथा युवतियों को भूल जाए। भारत में इंदिरा गांधी की थी जिन्होंने पहली बार अल्पसंख्यकों के खिलाफ भी तुर्कमान गेट पर बुलडोजर चलाने का आदेश दिया था।
अगले ट्वीट में मालवीय ने यह कहा है कि अप्रैल 1976 को इमरजेंसी के दौरान ही इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने मुस्लिम पुरुषों तथा महिलाओं की जबरदस्ती नसबंदी करवाने की कोशिश की थी। उनकी ओर से विरोध हुआ तब भी तुर्कमान गेट पर बुलडोजर भेज दिए गए। इसमें 20 लोगों की मौत भी हुई थी। भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल के प्रमुख ने यह कहा कि कांग्रेस का नाजियों के प्रति प्यार इंदिरा गांधी तक ही सीमित हो जाना चाहिए।
दरअसल Amit Malviya ने अपने एक लेख में यह लिखा था कि दिल्ली तथा देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों तथा आजीविका को नष्ट करने के लिए बुलडोजर हाल ही में “पसंद की गदा” के रूप में बहुत ही चर्चा में रहा है। वास्तव में Supreme Court को “बुलडोजर” के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा जिससे अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए एक नियमित अभियान के रूप में सख्ती से तैनात किया जा रहा था। हालांकि दिखावा इतना कमजोर है कि अगर इसके निहितार्थ बहुत ज्यादा नहीं होते तो ये लगभग उत्साह पूर्ण होता।
मनीष ने अभी लिखा था कि यह स्पष्ट है कि बुलडोजर सिंड्रोम हमारे सिस्टम की संस्थागत हार्ड ड्राइव में घुस गया है। अब समय आ गया है कि उन भारतीय तथा विदेशी कंपनियों के खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाए। जिनके बुलडोजर तथा जेसीबी जैसे अन्य भारी उपकरणों का उपयोग नफरत तथा कट्टरता को बढ़ावा देने की बिक्री तथा दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य के लिए देश के कानून की घोर अवमानना एवं उल्लंघन में किया जाता है।
इससे पहले भी मनीष तिवारी ने एक आर्टिकल के जरिए ही देश में हो रहे बुलडोजर का उपयोग पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली तथा देश के अलग-अलग हिस्सों में सांप्रदायिक संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में बुलडोजर पसंद की गदा बन गई हैं। यह बुलडोजर लोगों के घरों तथा उनके रोजी-रोटी पर भी चलाया जा रहा है। उन्होंने देश में बुलडोजर के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट का भी जिक्र किया था था यह कहा कि न्यायालय को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा था। मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि बुलडोजर सिंड्रोम हमारे सिस्टम के संस्थागत हार्ड ड्राइव में घुस गया है। हालांकि इनकी इस आर्टिकल पर Amit Malviya ने जवाब दिया है।
दरोगा बनना ही जिंदगी समझ ली थी मैं तो, घर से लड़ी थी, शादी नही करूंगी जब तक दरोगा नही बनूंगी
बढ़ते कोरोना मामलों के चलते एशियन गेम्स टाले गए, T20 क्रिकेट भी था शामिल
बता दें कि मनीष तिवारी ने रविवार को अपने आर्टिकल के जरिए यह कहा था कि हर दौर में अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाने के लिए इस बुलडोजर का उपयोग हुआ है। उन्होंने बताया कि बहुत पहले ही नाजियों ने इस बुलडोजर को यहूदियों के खिलाफ उपयोग किया था। इसके बाद से यही बुलडोजर को भी लिस्ट रानियों के लिए भी इस्तेमाल किया गया था। हालांकि इसी बुलडोजर को अब देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ प्रयोग किया जा रहा है। मनीष तिवारी ने ये कहा था कि अब यह समय आ गया है कि जब उन देसी तथा विदेशी कंपनियों के खिलाफ खड़ा होने का जिनका बुलडोजर तथा जेसीबी अल्पसंख्यकों के खिलाफ उपयोग किया जा रहा है।