Agneepath Scheme: भारत सरकार द्वारा लाई गई Agneepath Yojana को लेकर देश में तो बवाल मचा ही है। लेकिन अब इस पर विदेश में भी विवाद छिड़ गया है। बता दें कि नेपाल ने भारत से अनुरोध किया है कि अग्निपथ योजना में अंतर्गत भारतीय सेना में गोरखाओ की भर्ती को सस्पेंड कर दिया जाए। वहीं पर भारत ने भी इस पर अपना पक्ष रखा है और यह कहा है कि लंबे वक्त तक सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती होती रही है एवं आगे भी अग्निपथ के अंतर्गत उनकी भर्ती जारी रहने वाली है। हालांकि भारतीय सेना ने नेपाली गोरखाओं की भार्ती भारत, नेपाली एवं ब्रिटेन के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि के अंतर्गत होती हैं।
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14 जून को केंद्र सरकार ने Agneepath Scheme के अंतर्गत सेना में भर्ती का ऐलान किया। अब देश में इसके अंतर्गत सशस्त्र बलों की नियुक्ति की जाएगी। चूंकि इस बात की जानकारी भी मिली है कि नेपाल योजना को लेकर असमंजस की स्थिति में है। हालांकि भारतीय सेना में गोरखा रेजीमेंट की बटालियन है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह कहा कि हम काफी लंबे वक्त से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भर्ती करते रहे हैं। आगे भी हम गोरखा सैनिकों की अग्निपथ योजना के अंतर्गत भर्ती करने को लेकर आशान्वित है।
दूसरी तरफ नेपाली अखबार माई रिपब्लिका में एक रिपोर्ट छापी गई। इसमें यह बताया गया कि बुधवार को नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खडके व नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने एक दूसरे से मुलाकात की। इसी दौरान नेपाली विदेश मंत्री ने भारतीय राजदूत से अनुरोध किया कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत नेपाली युवकों की भर्ती की योजना को स्थगित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि Nepal, भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती को लेकर सकारात्मक रुख रखता है। लेकिन सरकार अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों से बातचीत करने के बाद से इस विषय पर फैसला करेगी।
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हालांकि नेपाल की युवा लंबे वक्त से भारतीय सेना में शामिल होते रहे हैं। 1947 में नेपाल, भारत एवं ब्रिटेन के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। इस समझौते के अंतर्गत ब्रिटिश एवं भारतीय सेनाओं में नेपाली युवकों को भर्ती करने का प्रावधान किया गया। वहीं पर भारत सरकार ने जून में Agneepath Scheme की घोषणा करते हुए यह कहा था कि साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की उम्र के युवाओं को 4 साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा। चूंकि भर्ती किए गए युवाओं में से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। जबकि बाकी को एकमुश्त सेवा निधि पैकेज के साथ रिटायर किया जाएगा।
काठमांडू पोस्ट अखबार के अनुसार इससे पहले जून में मोदी सरकार ने नेपाल सरकार से यह पूछा था कि Agneepath Scheme पर उनकी क्या राय है?? उस समय शेर बहादुर देउबा सरकार ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। इसी बीच अधिकारियों ने बताया कि लुंबिनी प्रांत के बुटवल में 25 अगस्त को होने वाली भारतीय सेना की भर्ती स्थगित पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले पर अभी बातचीत चल रही है।
हालांकि भारतीय पक्ष ने इससे पहले भी जून में नेपाल सरकार को सूचित किया था कि वो 25 अगस्त को बुटवल एवं 1 सितंबर को धरान में गोरखा सैनिकों की भर्ती करना चाहता है। चूंकि नेपाल सरकार ने इस पर कोई भी जवाब नहीं दिया।
Agneepath Scheme, जिससे नेपाली युवकों की भारतीय सेना में भर्ती को लेकर कई प्रश्न खड़े हो गए हैं। बता दें कि नेपाल का एक तबका हमेशा से भारतीय सेना में नेपाली युवाओं की भर्ती का विरोध करता रहा है। वहीं पर दूसरी धड़े का यह कहना है कि अग्निपथ योजना के अंतर्गत नेपाली युवाओं की भर्ती 1947 में नेपाल, भारत एवं ब्रिटेन सरकार के बीच हुई त्रिपक्षीय संधि का उल्लंघन है। नेपाल में अग्निपथ योजना के अंतर्गत 1300 सैनिकों की भर्ती की जानी है। हालांकि इस विवाद से युवाओं की भर्ती नहीं हो पाएगी।