Maharashtra Crisis: Aaditya Thackeray ने दी बागी विधायकों को चुनौती, इस्तीफा दे और चुनाव लड़ें

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Aaditya Thackeray: Political Crisis in Maharashtra: महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज अगर बाला साहब ठाकरे या आनंद दिघे हयात होते तो बागी विधायकों को अपनी भाषा में सही तौर पर समझाते।

असली ताकत तो शिवसैनिक है

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Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र में इन दिनों जारी सियासी घमासान के बीच शिवसेना (Shiv Sena) की युवा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) युवा सेना के पदाधिकारियों संबोधित किया था।

Aaditya Thackeray ने शिवसेना के बागी विधायकों को चुनौती देते हुए कहा, “मेरी इन सढी विधायकों को खुली चुनौती है कि वे इस्तीफा दे और चुनाव लड़ कर दिखाएं। मैं इन बागी विधायकों को चुनाव में हराए बिना रुकूंगा नहीं।”

आदित्य ठाकरे ने कहा, ‘असली ताकत तो शिवसैनिक (Shivsainik) है, परसों तक जो मेरी गाड़ी में बैठे थे वो भी अब चले गए है यह जो हालात हमारे ऊपर बने है , ऐसे समय में फायदा लिया गया है जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बीमार हैं।’

हम शरीफ क्या हुए सारी दुनिया बदमाश हो गई

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Aaditya Thackeray ने आगे कहा, ‘ अगर आप खुद को अगर सच्चे शिवसैनिक कहते हैं तो सामने आकर कहें हमारी क्या गलती हुई है। आज अगर बाला साहब या आनंद दिघे हयात होते और उनके सामने उन्होंने बगावत की होती तो वह उन्हें अपनी भाषा में समझाते। मुझे दिलवाले पिक्चर का एक डायलॉग याद आया है- ” हम शरीफ क्या हुए सारी दुनिया बदमाश हो गई।

“मैं तो रास्ते पर उतर ही रहा हूं लेकिन आप भी घर घर जाकर सभी की सच्चाई लोगों तक पहुंचाइए। आज काफी हिम्मत करने के बाद यह सारी नई पीढ़ी यहां आई है। मैं आप सभी लोगों के साथ हूं। जितना प्यार और विश्वास आप लोगों पर हमने किया था उतना तो किसी पर नहीं किया। महाराष्ट्र में जो डिपार्टमेंट पिछले 50 सालों में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं छोड़ा था वह डिपार्टमेंट इन्हें दे दिया गया था।

दम था तो मुंबई में विद्रोह करते

Aaditya Thackeray ने कहा, उनमें बोलने की हिम्मत नहीं है, सूरत म जाकर बगावत की थी। उस दिन बहुत ही बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं थे कि सुपर पावर क्या पाकिस्तान क्या। अगर इतनी हिम्मत थी तो मुंबई में रहकर बात करते। जिस राज्य में बिकट परिस्थिति है उस राज्य में जाकर आप मौज मस्ती कर रहे हो। आपके खाने का बिल 8 लाख और क्या- क्या है यह तो हमने पूछा भी नहीं। वहीं अब तो सीआरपीएफ की सिक्योरिटी दी गई है। सीआरपीएफ की सिक्योरिटी हमारे कश्मीरी पंडितों को दी गई होती जिसकी हमने पिछले महीने ही मांग की थी।।

15-16 नेता किडनैप

जब मच्छर हमारे घरों में आते हैं तो हमें पता ही नहीं चलता कहां से आ रहे हैं। फिर हम गुड नाइट लगा देते हैं। अगर यह शेर होते तो भागते नहीं। मैं आज भी उन्हें चैलेंज दे रहा हूं। मैं जानता हूं कि इन सभी बागियों में से 15 से 16 लोग ऐसे हैं जो वहां तकलीफ में है। उन्हें किडनैप किया गया है। कल के एक वीडियो हमने देखा कि दोनों नेताओं को गला पकड़ पकड़ते हुए घसीट कर ले जा रहे हैं। सभी बाथरूम में पुलिस और सीआरपीएफ वाले मौजूद हैं। उन्हें लगा कि जैसी इज्जत हम यहां करते थे वैसे ही इज्जत उन्हें वहां भी मिलेगी लेकिन जो लोग वहां गए वहां जाकर अब वह कैदी बन चुके हैं।

आपदा क्षेत्र में मौज कर रहे विधायक

आदित्य ने आगे कहा कि, “मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि प्रकाश सुर्वे जैसा आदमी भी चला गया। जिन जलोगों को मैंने फंड दिया है, मैंने कोई उन पर एहसान नहीं किया है। आज पैसों के लिए आप वहां चले गए हैं। कल को आप अपने परिवार वालों को क्या मुंह दिखाएंगे। पैसा तो आता जाता रहता है लेकिन नाम सही रहना चाहिए।

असम में बाढ़ (Assam Flood) के कारण 50 लाख लोगों को वहां से स्थानांतरित किया गया है और उसी राज्य में जाकर फाइव स्टार होटल में विधायक मौज कर रहे हैं। क्या यह असम के मुख्यमंत्री (Assam CM) की जिम्मेदारी नहीं है कि उनके राज्य में इतनी बड़ी आपदा आई है और वह विधायकों को मौज-मस्ती करा है।

महाराष्ट्र के सीएम का काम बढ़िया – Aaditya Thackeray

शाहरुख खान का फिल्मी डायलॉग ‘हम शरीफ क्या हुए दुनिया बदमाश हो गई’ बोलकर आदित्य ठाकरे चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, उन्होंने यह डायलॉग अपनी ही पार्टी के करीब 39 बागी विधायकों को केंद्र में रख कर बोला है। आदित्य ठाकरे ने आगे यह भी कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का काम बढ़िया है।

17 साल उम्र में पहली किताब लिखी थी Aaditya Thackeray ने

राजनीति में आने से पहले आदित्य ठाकरे का रुझान साहित्य और संगीत की तरफ था। महज 17 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली कविता की किताब लिखी थी। वहीं एक प्राइवेट एलबम के लिए भी उन्होंने 7 गाने भी लिखे थे। राजनीति में आने से पहले ही आदित्य ठाकरे नए मुंबई में नाइट कल्चर के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन दिया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में देर रात मॉल और दुकानें खोलने की इजाजत दी थी।

चुनाव लड़ने वाले पहले ‘ठाकरे’ सदस्य हैं आदित्य

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आदित्य ठाकरे की राजनीतिक विरासत उनके दादा बाल ठाकरे से जुड़ी हुई है। आदित्य इस परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं। हालांकि उनसे पहले ठाकरे परिवार के किसी भी सदस्य ने चुनावी राजनीति नहीं की है। बाल ठाकरे और उद्वव ठाकरे हमेशा से किंग मेकर की भूमिका में रहे। सीएम बनने वाले उद्धव ने भी कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था। किंतु, आदित्य ठाकरे ने मुंबई के वर्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर बहुत ही बड़ी जीत हासिल की थी।

राजनीति में रहकर भी सौम्य हैं आदित्य

राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद भी आदित्य ठाकरे अपने दिवंगत दादा बाला साहब ठाकरे और चाचा राज ठाकरे की जैसे आक्रामक नहीं बने हैं। आदित्य ज्यादातर अपने कामकाज और विभाग के कार्यों में ही व्यस्त रहते हैं। साथ ही राजनीतिक मामलों पर भी वह अक्सर ही चुप रहते हैं।‌ऐसा कई बार होता है कि भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं ने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा है लेकिन आदित्य ने उनको पलटवार नहीं किया है।

सुशांत सिंह के केस में भी आदित्य पर लगा था आरोप

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सुशांत सिंह राजपूत केस में भी आदित्य ठाकरे पर आरोप लगा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया कि सुशांत की गर्लफ्रेंड के फोन से आदित्य ठाकरे को कई बार कॉल किया गया था। किंतु, जांच में ऐसा कुछ भी साबित नहीं हुआ था।

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मुंबई आकर बहुमत साबित करें

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वहीं, कल रविवार को सुबह शरद पवार के घर पर एमवीए के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें शिवसेना के अनिल देसाई के साथ ही, कांग्रेस के बाला साहेब थोरात और अशोक च्वहाण भी शामिल हुए थे। मुंबई में इस बैठक के बाद शरद पवार दिल्ली चले गए थे। दिल्ली एयरपोर्ट पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमें पूरा विश्वास है।

एमवीए गठबंधन को NCP और कांग्रेस का अंत तक समर्थन रहेगा।’ एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बागी शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जब उनके पास पर्याप्त विधायकों की संख्या है, तो वे गुवाहटी में क्यों बैठे हुए है? यहां मुंबई आकर संख्या बल दिखाएं।’

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