चौथे चरण में भी नहीं बढ़ा मतदान का आंकड़ा..लोगों ने नहीं दिखाई रुचि

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उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लगातार जारी है परंतु मतदान का आँकड़ा यह बता रहा है कि मतदाता चुनाव में कोई विशेष रुचि नहीं दिखा रहे हैं,वजह क्या है यह तो नहीं पता परंतु यह लोकतंत्र के लिये शुभ सन्देश नहीं है,आज हम आपको चौथे चरण के चुनाव में पड़े मतों का विवरण देने वाले हैं।

2017 से कम रहा मतदान का आँकड़ा…

गौर तलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं,इस चरण में 9 जिले की 59 सीटों पर चुनाव होना था जो अब सम्पन्न हो चुका है,चुनाव सम्पन्न होने के बाद जो आँकड़े सामने आ रहे हैं वह बता रहे हैं कि मतदान 2017 की अपेक्षा कम हुआ है,2017 में मतदान का आँकड़ा 62.55 प्रतिशत था जबकि 2022 में यह 61.65% पर ही सिमट गया।

क्या रहा लखनऊ,हरदोई और खीरी का आँकड़ा

अब अलग अलग जिलों की रिपोर्ट पर थोड़ा सा नजर डालते हैं,लखनऊ की बात करें तो यहाँ 2017 के चुनाव में 58.45% मतदान हुआ था जबकि 2022 में यह आँकड़ा 60.05% रहा,हरदोई का आँकड़ा 2017 में 59.55% था जो कि 2022 में 58.99% रहा वहीं खीरी में 2017 में 68.47% मत पड़े थे जो इस बार 2022 मे 67.15% ही रहा।

सीतापुर,उन्नाव और रायबरेली में भी लहराता रहा ग्राफ

सीतापुर जनपद में वर्ष 2017 में मतदान का आँकड़ा 68.59% दर्ज किया गया था जो कि 2022 में 62.66% पर सिमट गया,वहीं उन्नाव में 2017 में 60.23% मत पड़े थे जो 2022 में 57.73% पर ही रुक गये इसके अतिरिक्त रायबरेली का वर्ष 2017 में मतदान का आंकड़ा 60.76% जबकि 2022 में यह आँकड़ा 61.90 % तक पहुंचा…।

पीलीभीत,बाँदा और फतेहपुर बढ़ता दिखा ग्राफ़

ओवरआल आँकड़ा तो 2017 से कम है परंतु जिले वार कुछ सीटों पर चुनाव का आँकड़ा कुछ बढ़ता हुआ दर्ज हुआ..पीलीभीत में वर्ष 2017 में 67.05% आँकड़ा रहा जो कि 67.16% ,बांदा में वर्ष 2017 में 59.65% मतदान का आँकड़ा रहा जबकि 2022 में यह आंकड़ा 60.80% दर्ज हुआ,फतेहपुर में वर्ष 2017 में 59.58% प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2022 में यह आँकड़ा 60.07 % दर्ज किया गया।

यह चौथे चरण के मतदान की रिपोर्ट जो कि 2017 की अपेक्षा मतदान में गिरावट की ओर संकेत कर रही है।

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