इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 14 फरवरी से ऑनलाइन परीक्षा को लेकर लगातार आंदोलन जारी है जिसमें बृहस्पतिवार को रजिस्ट्रार ने सूचना जारी की की इलाहाबाद विश्वविद्यालय व संगठक कॉलेज के जो छात्र ऑनलाइन परीक्षा के पक्ष में है वह अपना आवेदन 10 मार्च तक जमा कर सकते हैं जिसके बाद छात्रों की भीड़ ही उम्र पड़ी जिसमें इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैंपस में अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार 5000 से अधिक फॉर्म जमा हो चुके हैं।
चीफ प्रॉक्टर कार्यालय में फॉर्म जमा करने के लिए प्रशासन को कई अतिरिक्त काउंटर खोलने पड़े इसके बावजूद छात्रों की लंबी कतारें लगी रहीं ज्यादातर छात्र ऑनलाइन परीक्षा के इच्छुक हैं जबकि प्रशासन ने ऑफलाइन परीक्षा की घोषणा की थी जिसके बाद से छात्र नेता व छात्र लगातार अनशनरत है।
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आपको बता दें कि छात्रों का कहना है कि क्लासे ऑनलाइन जो मैप पर चली है जिसमें अधिकतम 100 छात्र ऐड हो सकते हैं जबकि एक क्लास में 200 से ढाई सौ छात्र एनरोल्ड हैं ऐसे में अधिकतर छात्रों की पढ़ाई पूरी नहीं हो सकी है जब कक्षाएं ऑनलाइन संचालित हुई हैं तो परीक्षाएं भी ऑनलाइन देंगे।
आपको बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय कैंपस में ही नहीं बल्कि संगठक कॉलेजों में भी छात्र बड़ी संख्या में उमड़ पड़े जिन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के पसीने छूट गए सूचना के मुताबिक सी एम पी में 3000 आईएसडीसी में 2016 व एडीसी में 500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए अभी यह प्रक्रिया 10 मार्च तक चलने वाली है जिससे फॉर्म की संख्या बढ़ना तय है।
आपको बता दें कि नेतृत्व करता हूं मैं से एक अभिषेक द्विवेदी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है बता दें या ऑनलाइन या असाइनमेंट बेसिक जाम के लिए लगातार संघर्ष संघर्षरत थे तो वही आज अन्य छात्र नेताओं ने इन्हें छुड़ाने के लिए 12:00 बजे ट्विटर अभियान चलाने वाले हैं।
हाथ लगाता बड़ी संख्या में फॉर्म को इलाहाबाद विश्वविद्यालय व संगठन कॉलेजों में जमा कर रहे हैं जिसकी अंतिम तिथि 10 मार्च निर्धारित की गई है तो ऐसी स्थिति में 10 मार्च के बाद विश्वविद्यालय एग्जाम के मोड को लेकर फैसला करेगा कि परीक्षाएं ऑनलाइन होंगे या ऑफलाइन
आपको बता दें इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अंकित द्विवेदी ने ट्रैक्टर को पत्र लिखकर कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र यहां पढ़ने वाले छात्रों के सीनियर एवं अभिभावक भी हैं अपने अनुज को हम संवाद के माध्यम से समझाने का प्रयास करें इसमें मुकदमे का कोई स्थान नहीं होना चाहिए छात्रों का भविष्य बर्बाद ना हो इसके लिए मुकदमे वापस होने चाहिए।