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सत्ता जब-जब सच का सामना करने से डरी है तब तब उसने कलम को तोड़ने की कोशिश करी है। लेकिन यह कलम कोई साधारण कलम नहीं है यह गरीबों और दवे – कुचलो की आवाज है सत्यता का प्रतीक है। इस कलम ने कई तख्तों को पलटा है । सत्ता को उनका असली चेहरा दिखाया है। सत्ता ने कई षड्यंत्र करके सत्य को दबाया है लेकिन तख्त जमीन फाड़ के बाहर आया है। यूपी में योगी सरकार ने उनसे सवाल करने वालों का मुंह बंद कराने के लिए आयकर विभाग से न्यूज़ चैनलों पर छापे करवाएं लेकिन जो व्यक्ति जानता है कि वह पत्रकार है इतना ही नहीं सच्चा पत्रकार है उसे कभी ना कभी परीक्षा तो देनी ही होगी। यह सच्चे पत्रकार ,जो अपनी पत्रकारिता को तथ्यों के आधार पर करते हैं वह ऐसा नहीं है की कर ना देते हो। योगी सरकार ने पत्रकारों को परेशान करने के लिए आयकर विभाग की टीम भारत समाचार और दैनिक भास्कर के ऑफिस भेजी लेकिन वहां पर कड़ी जांच करने के बाद आयकर विभाग की टीम को उल्टे पांव लौटना पड़ा क्योंकि उनको ऐसी कोई कमी नहीं दिखी जिस पर वह पत्रकारों को परेशान कर सकें।
दैनिक भास्कर और भारत समाचार ने डटकर अपनी बात को सरकार और जनता के सामने रखा। और पूरी सच्चाई के साथ योगी सरकार को चुनौती दी कि आप जो कर सकते हैं कर लीजिए और जो मेरा काम है मैं पूरी इमानदारी से करूंगा। इन महान न्यूज़ चैनलों ने सिर्फ अपने पाठको की इच्छा का ध्यान रखा। सरकार की इच्छा का नहीं। दैनिक भास्कर और भारत समाचार ने अपने पाठको ,अपने दर्शको के सम्मान का मान रखा। इसलिए हमें गर्व है कि हम दैनिक भास्कर और भारत समाचार के दर्शक और पाठक है।
सिर्फ दैनिक भास्कर और भारत समाचार पर हमला नहीं है यह जनता की आवाज पर हमला है। सिर्फ दैनिक भास्कर और भारत समाचार को दबाना नहीं है जनता की आवाज को दबाना है। इन्हें डर लग रहा है कि इनकी पत्रकारिता से हमारी पोल पट्टी खुल रही है इससे 2022 का के चुनाव में शिकस्त ना खानी पड़ जाए। इसलिए आवाज को दबाने के लिए आयकर विभाग नाम के नचैया को इन न्यूज़ चैनलों के दफ्तरों में सरकार द्वारा नचाया जा रहा है। पत्रकारों के घर पर आयकर विभाग द्वारा छापेमारी कराई जा रही है। ए भगवा पहनने वाले कथित योगी यह तो जानते ही होंगे कि सच को दबाया नहीं जा सकता है।
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