Yogi Adityanath Government 2.0: देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में चुनाव पूरे हो चुके हैं। परिणाम आ चुके हैं। योगी सरकार पार्ट-2 की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसी सिलसिले में लगातार बैठकों का दौर जारी है। एक तरफ उत्तर प्रदेश में जहां योगी आदित्यनाथ प्रदेश संगठन के साथ बैठक कर रहें है। और सरकार बनाने का खाका तैयार कर रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ़ दिल्ली में भी शीर्ष नेतृत्व लगातार हालात पर नज़र बनाए हुआ है। अगर पिछले दिनों के घटनाक्रम के बारें में बात करें। तो योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में अपनी हाजरी लगाई और पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की।
Yogi Adityanath Government 2.0 बताया जा रहा है, कि इन बैठकों में उत्तर प्रदेश में सरकार के पुनर्गठन पर चर्चा हुई। फिलहाल भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए अपने दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। पार्टी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्ति की है। बताया जा रहा है, कि भाजपा योगी पार्ट -2 के शपथ ग्रहण को भव्य बनाना चाहती है। चर्चाएं ऐसी है, कि योगी के शपथ ग्रहण में पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्य्मंत्री और तमाम बड़े नेता आएंगे।
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Yogi Adityanath Government 2.0 इस बार का योगी मंत्रिमंडल सबको चौंकाने वाला हो सकता है। बताया जा रहा है, की इस बार के मंत्रिमंडल में कई पुराने चेहरों को हटा कर नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। इस बार के मंत्रिमंडल में कुल 50 -60 मंत्री शपथ लेंगे ,जिसमे 25-30 कैबिनेट मंत्री ,10-12 स्वतंत्र प्रभार और बाकी राज्य मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। लेकिन सबसे दिलचस्प खबर जो सामने निकल कर आ रही है। वो ये कि इस बार योगी सरकार में 3-4 डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं, और इनमें जो प्रमुख नाम सामने आ रहें है।
वो बेबी रानी मौर्य, स्वतंत्र देव सिंह, एके शर्मा, संजीव बलियान का है। वहीं अगर मंत्रीपद की बात करें तो इनमें भी काफी नाम सामने निकल कर आ रहें है। और इनमें से जो सबसे बड़े नाम हैं, वो अपर्णा यादव, अदिति सिंह, पंकज सिंह, असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, आशुतोष टंडन का है।
कहा जाता है, की केंद्र की सत्ता की चाबी उत्तर प्रदेश से हो कर हीं गुजरती है। ऐसे में पार्टी अभी से हीं 2024 के समीकरण को साधना चाहती है। पार्टी की कोशिश है, की हर जाति के लोगो को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए। जिसका फायदा पार्टी को 2024 के लोक सभा चुनाव में सीधे तौर पर मिल सके। अगर इस बार के चुनावी नतीजों को देखें, तो भाजपा को सारी जातियों का वोट मिला है, खासकर जाटों का जिन्हेें इस बार के चुनाव में भाजपा से नाराज बताया जा रहा था।
इसके बावजूद जाटों ने खुल कर भाजपा को वोट दिया है। इसलिए पार्टी सबको साथ लेकर चलना चाहती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है। आखिर हारे हुए मंत्रियों का क्या होगा। क्योंकि इस बार के चुनाव में भाजपा के 10 मंत्री चुनाव हारें है। वहीं दूसरी तरफ़ भाजपा ने स्पष्ट रूप से ये संदेश दे दिया है। कि इस बार भाजपा हारे हुए विधायकों को एमएलसी का टिकट नहीं देगी।
एक तरफ जहां बीजेपी ने साफ तौर पर हारे हुए विधायकों को टिकट नहीं देने का मन बना लिया है। वहीं दूसरी तरफ इस फैसलों के बाद बीजेपी नेताओं की नींद उड़ चुकी है।और इसमें सबसे बड़ा नाम है, केशव प्रसाद मौर्य। जी हां केशव प्रसाद मौर्य की बात करें तो उत्तर प्रदेश में उनकी एक अलग पहचान है, वो पिछड़े के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। कहा जाता है, की 2014 के लोक सभा चुनाव में केशव प्रसाद का बहुत ही अहम भूमिका थी। और उस वक्त केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे।
Yogi Adityanath Government 2.0 बाद मे वे योगी सरकार में 5 साल डिप्टी सीएम के पद पर रहें। लेकिन इस वह अपनी सिराथू सीट से चुनाव हार गए। केशव प्रसाद मौर्य को पल्लवी पटेल ने शिकस्त दी। लेकिन क्या अब बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य को साइड लाइन कर देगी? जानकारों का मानना है। कि केशव प्रसाद मौर्य को साइड लाइन करना बीजेपी लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ों के बड़े नेता हैं। और ऊपर से 2024 लोक सभा चुनाव में बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती।
Yogi Adityanath Government 2.0 हालंकि चर्चा ऐसे भी है। कि केशव प्रसाद मौर्य डिप्टी सीएम बने रहेंगे या उन्हें संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद दिया जायेगा या हो सकता है, उनको फिर से उत्तर प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाए । जो भी हो उनको साइड लाइन नहीं किया जायेगा क्योंकि बीजेपी भी उनको हल्के में नहीं ले रही है।
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भाजपा अपने 75 प्लस के फार्मूले को अपनाते हुए बुजुर्ग और पुराने नेताओं की छुट्टी कर सकती है। तो वही नए चेहरों को मौका मिल सकता है। पार्टी इस बार युवाओं और बुद्धिजीवियों पर दांव लगाना चाहती है। राजनीतिक गलियारों में कई नामों को लेकर चर्चा चल रहा है। जिनमें बड़े अधिकारी रहे और भाजपा ज्वाइन करने वाले एके शर्मा, असीम अरुण और राजेश्वर सिंह जैसे नामों की चर्चा है। वही महिलाओं में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव कांग्रेस से भाजपा में आई अदिति सिंह बंटी से रामगोविंद चौधरी को चुनाव हराने वाली केतकी सिंह बेबी रानी मौर्य आदि नामों की चर्चाएं हैं।