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World Osteoporosisa Day 2021: ओस्टियोपोरोसिस क्या होता है, क्यों मनाया जाता है यह दिवस?

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मुझे कैसे ऑस्टियोपोरोसिस यह सुनकर हर इंसान चौंकता है? स्वास्थ्य के बारे में पूरी सावधानी रखने वाली महिलाएं भी सोच में पड़ गई होंगी कि मुझे कैसे हो सकता है? लेकिन ओस्टियोपोरोसिस यानी कि अस्तिभंगुरता एक छुपा हुआ चोर है। जो दबे पांव ही आता है तथा पूरे शरीर को खोखला कर देता है।

क्या है ओस्टियोपोरोसिस?

बचपन से लेकर 20 साल की उम्र तक नई हड्डी बनी की प्रोसेस बहुत ज्यादा होती है। पुरानी हड्डी गली की कम होती है। जैसे की हड्डियों का घनत्व ज्यादा होता है तथा वह मजबूत होती हैं। 30 साल की उम्र तक आते-आते ही हड्डियों का गलना बढ़ने लगता है। नहीं बनने की रफ्तार भी धीमी होने लगती है। ये बढ़ती उम्र की ही नियमित प्रक्रिया है। ओस्टियोपोरोसिस शब्द ग्रीक व लैटिन भाषा है। ओस्टियों का मतलब हड्डी और पोरोसिस का मतलब छिद्रों से भरा हुआ होता है। एक जीवित अंग हड्डी है। जो पूरा जीवन पुरानी हड्डी गलती जाती है तथा नहीं बनती जाती हैं। जब कई वजहों से गलन की रफ्तार अधिक हो जाती है तो ओस्टियोपोरोसिस या फिर अस्थिभंगुरता हो जाती है। इस बीमारी में हड्डी का घनत्व यानी लंबाई, मोटाई, चौड़ाई कम हो जाता है। कैल्शियम की कमी की वजह से ही हड्डियां कमजोर और खोखली हो जाती हैं। जिसकी वजह से शरीर आगे की ओर झुकता है। तथा मामूली चोट लगने से ही हड्डियों के फैक्चर होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। हालांकि पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों में ये समस्या 4 गुना बढ़ जाती है। 50 साल के बाद कूल्हे और रीढ़ की हड्डी के फैक्चर होने की गुंजाइश 54 फ़ीसदी बढ़ जाती है। तथा 20 फीसदी मृत्यु दर बढ़ जाती है।

हर दो में से एक स्त्री ओस्टियोपोरोसिस से पीड़ित है

ओस्टियोपोरोसिस की शुरुआत में छोटे-छोटे फैक्चर होने से रीड की हड्डी के मनके जुड़कर ऊंचाई ही कम होने लगती है। कभी-कभी शरीर आगे की ओर झुकता है तथा कूबड़ निकलने लगता है। चलने की गति भी में हो जाती है। हालांकि बैलेंस बिगड़ने से गिरने का खतरा भी बढ़ जाता है। हिंदुस्तान में हर 2 में से एक स्त्री जो 45 साल पार हैं। वो ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं।

किस दिन मनाया जाता है यह दिवस

विश्व ओस्टियोपोरोसिस दिवस प्रत्येक वर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाता है। ये हड्डी का ही एक ऐसा रोग है। जिससे खच्चर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। समय के साथ ही हड्डियों का कमजोर होने या फिर ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा नहीं जा सकता। लेकिन फिर भी इन की प्रक्रिया को धीमा जरूर किया जा सकता है। तथा जो लोग भी इस प्रक्रिया को जानते हैं। उन लोगों में भी यह रोग बुढ़ापे में नहीं छुपाता पाता।

ओस्टियोपोरोसिस होने के मुख्य कारण होते हैं

सबसे ज्यादा ऑस्टियोपोरोसिस से वह लोग परेशान होते हैं। जिनकी फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम होती है। के अलावा जेनेटिक फैक्टर, विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन की भी शरीर में कमी इस रोग से व्यक्ति को जकड़ लेता है। इसके अलावा जो ज्यादा ड्रिंक्स के सेवन के साथ स्मोकिंग, थायराइड, डायबिटीज जैसी बीमारियों के साथ महिलाओं में जल्दी पीरियड्स खत्म होना या फिर मीनोपॉज की स्थिति में भी व्यक्ति को ओस्टियोपोरोसिस की भी शिकायत हो सकती है।

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