मुर्दे को छूकर नहाते हैं, जानवरों को मार कर खाते हैं.
मुर्दे को कब्रिस्तान में दफनाते या श्मशान घाट पर जलाते हैं,
तो क्यों हम कुछ जानवरों को मारकर अपने घर में जलाते (पकाते) हैं.
और अपने पेट में दफनाते (खाते) हैं.
मनुष्य के हमेशा से ही जानवर सबसे अच्छे दोस्त साबित होते रहे हैं। मनुष्य ने अपनी सभ्यता के साथ ही साथ जानवरों के साथ बेहतरीन दोस्ती बना कर रखी। तथा उसी का नतीजा है कि आज जानवर हमारी कई जरूरतों को भी पूरा करते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि इन सबके बदले में हमने जानवरों को क्या दिया है? उन्हें घर से बेघर कर दिया, हमने उन्हें ही अपना भोजन बना लिया और तो और जो कभी हमारे परम मित्र हुआ करते थे। उन्हें हमने अपना परम शत्रु बना लिया हैं। इंसान ने आज अपने भोजन व शौक के लिए ऐसे कई जानवरों को लुप्त होने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। जो कि इस धरती पर कभी बड़ी संख्या में थे। उदाहरण के तौर पर व्हेल और शार्क की प्लेट में रखने वाली कुछ शौकीनों के कारण से जल की इन प्राणियों की संख्या आज नगण्य हो चुकी है। हालांकि ऐसा ही कुछ हाल नील गायों का भी है।
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फिलहाल आपको बता दें कि हर साल दुनिया भर में 4 अक्टूबर को ही विश्व पशु दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य पूरी दुनिया में जानवरों की स्थिति में सुधार लाने तथा उसे बेहतर बनाना है। इस दिवस के रूप में पशु कल्याण आंदोलन को एकजुट करना है। इसका उद्देश्य यह भी है कि जानवरों के लिए एक बेहतर स्थान बनाया जा सके।
स्त्री रोग विशेषज्ञ एनरिक जिमरमन नी विश्व पशु दिवस की शुरुआत की थी। उन्होंने जर्मनी में स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस 24 मार्च 1925 को बर्लिन में आयोजित किया था। इससे पहले कार्यक्रम में पांच हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। यह कार्यक्रम 4 अक्टूबर के लिए मूल रूप से निर्धारित किया गया था। जोकि Assisi के संत फ्रांसिस के पर्व के साथ संगठित करने के लिए ही था। चूंकि स्थल भोजन उपलब्ध नहीं था। इस कार्यक्रम को 1929 में पहली बार 24 मार्च की जगह 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा। विश्व पशु दिवस के मौके पर पशु कल्याण संगठन, युवा और बच्चों के क्लब, सामुदायिक, व्यवसाय और व्यक्ति अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। वॉच फाउंडेशन की बहादुरी को प्रोत्साहित करता है तथा इस दिन को दुनिया भर में याद दिलाने के लिए मदद कर रहा है।
इस दिन जानवरों पर व्यक्तियों, अन्य मानवीय व्यवहारों व व्यवसायों के प्रभाव के बारे में जागरूकता पैदा करना है। हालांकि ‘प्रेमी पशु दिवस’ के नाम से भी इसे जाना जाता है। क्योंकि ये जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले व्यक्तियों व संगठनों की भागीदारी के माध्यम से जानवरों की देखभाल, प्यार, स्नेह तथा संरक्षण को प्रोत्साहित करता है।
विश्व पशु दिवस का मुख्य उद्देश्य जानवरों की रक्षा करना व जागरूकता फैलाना है। पशुओं की स्थिति को और बेहतर करने के लिए तथा उनकी कल्याण मानकों में सुधार करने के लिए सभी लोग जानवरों को पहचाने तथा उनकी भावनाओं का सम्मान करें। जानवरों के जीवन में सुधार करने की जिम्मेदारी हम मनुष्य की ही होती है। अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य लोगों को जानवरों के प्रति दया भाव रखना है।