voda idea news: voda idea में अब सरकार के पास होगी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी, जानिए क्या है पूरा मामला

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voda idea news: वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने यह कहा कि भारत सरकार कंपनी में 36 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहित करेगी। कंपनी की लाएबिलिटी को बोर्ड ने इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार इस फैसले के बाद से अब वोडाफोन आइडिया में सबसे बड़ी हिस्सेदारी सरकार के पास होगी। उसके बाद से वोडाफोन ग्रुप पीएलसी voda idea news की हिस्सेदारी प्रतिशत और आदित्य बिरला ग्रुप की हिस्सेदारी 17.8 प्रतिशत होगी।


सरकार ने बीते दिनों टेलीकॉम सेक्टर को राहत देते हुए कई अहम फैसले भी लिए थे। सरकार ने स्पेक्ट्रम चार्जेज तथा एजीआर बकाए के भुगतान के लिए 4 वर्षों का मोरटोरियम दिया। चूंकि इस दौरान इंट्रेस्ट का कैलकुलेशन जारी रहेगा। आती है कि कंपनी अगर चाहती है कि इंट्रेस्ट का हिस्सा क्वालिटी में कन्वर्ट कर दिया जाए तो सरकार ने इसकी मंजूरी दी थी। सरकार इसी फैसले के अंतर्गत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बोर्ड ने ड्यू को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है।

इंट्रेस्ट की प्रजेंट वैल्यू लगभग 16 हजार करोड़

आपको बता दें कि यह माना जा रहा है कि इंट्रेस्ट कि नेट प्रेजेंट वैल्यू (Net Present Value, NPV) लगभग 16000 करोड़ रुपए होगी। ये अनुमान कंपनी की ओर से लगाया गया है। जबकि डीओटी यानी कि डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से इसे अभी मंजूरी मिलनी बाकी है। रिपोर्ट के अनुसार सरकार को 10 रुपए प्रति शेयर की हिसाब से इक्विटी ट्रांसफर किया जाएगा।

एसएचए के अंतर्गत सरकार तथा प्रमोटर करेंगे काम

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इक्विटी कन्वर्जन के बाद से ही सरकार के पास सबसे ज्यादा हिस्सेदारी होगी। ऐसे में यह कंपनी क्या सरकारी हो जाएगी तथा इसका कामकाज कौन देखेगा यह सबसे बड़ा सवाल है? voda idea news की ओर से यह कहा गया है कि सरकार तथा प्रमोटर के बीच गवर्नेंस का काम शेयर होल्डर अग्रीमेंट के अंतर्गत होगा। प्रमोटर्स राइट के लिए शेयर होल्डिंग लिमिट को 21 प्रतिशत से घटाकर 13 प्रतिशत किया जाएगा। इसके लिए भी कंपनी के आर्टिकल आफ एसोसिएशन में बदलाव किया जाएगा।

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यह विकल्प टेलीकॉम राहत पैकेज में दिया गया था.

अक्टूबर 2021 में सरकार ने टेलीकॉम राहत पैकेज का ऐलान किया था। voda idea news ने एक स्पेक्ट्रम चार्जेज तथा एजीआर बकाए को 4 वर्षों तक भुगतान नहीं करने का विकल्प दिया था। इन 4 वर्षों में मोरटोरियम के दौरान टेलीकॉम कंपनियों को इंट्रेस्ट का भुगतान करना होगा। बाद में डीओटी ने टेलीकम कंपनियों को 90 दिनों तक का समय दिया तथा यह कहा कि वह अगर इस इंट्रेस्ट को इक्विटी में बदलना चाहते हैं तो फैसले ले सकते हैं। हालांकि voda idea news ने इस अमाउंट को इक्विटी में बदलने का फैसला किया।

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