Uttarakhand Congress News: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी को मजबूत करने के लिए कई रणनीति बनाई गई लेकिन उनमें से एक है प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष के चेहरे पर बदलाव करना। हाईकमान द्वारा लिए गए फैसले से पार्टी में बदलाव तो नहीं दिखा, लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की घोषणा के बाद से ही एक बार फिर नाराजगियों का दौर शुरू हो गया है।
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नेता प्रतिपक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और उप नेता सदन तीनों ही पद कुमाऊँ की झोली में गए हैं, ऐसे में गढ़वाल के और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की नाराजगी साफ दिखाने को मिल रही है। वहीं लगातार जीत दर्ज करने के बावजूद भी नेता प्रतिपक्ष ना बनाए जाने पर प्रीतम सिंह भी नाराज नजर आए तो सबसे ज्यादा बगावती सुर यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर सुनाई दे रहें हैं।
कांग्रेस की उठापटक का आलम यह है कि 10 विधायक यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपने पर नाराज हैं जो कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। खिलाफत की गूंज यशपाल आर्य के कांग्रेस से भाजपा में जाने और फिर वापसी करने को लेकर उठे हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस में लगातर उठ रहे गुटबाजी और बगावती सुर ने हाईकमान के लिए टेंशन बढ़ा दी है।दरअसल सूत्रों के मुताबिक, नाराज विधायकों में से कई विधायक ऐसे हैं जो बीजेपी से संपर्क बनाए हुए है और इन विधायकों को बीजेपी अपनी पार्टी में ज्वाइन करा सकती है।
प्रदेश में साल 2016 की तरह ही विधायकाें द्वारा दलबदल होने के संकेत मिल रहे हैं। माना जा रहा है कि आठ विधायक जो की कांग्रेस के हैं, वह बीजेपी के संपर्क में हैं। इनमें 3 गढ़वाल और 5 विधायक कुमाऊं के बताए जा रहे हैं।भले ही देवभूमि में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन यहां का सियासी पारे ने देवभूमि की गर्मी को बढ़ा दिया है। कांग्रेस में चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान बगावती सुर लगातार सुनाई दिए थे लेकिन अब जब कि चुनाव परिणाम घोषित हो चुके हैं जिसमें मिली करारी शिकस्त के बावजूद भी कांग्रेस पार्टी में कोई भी सुधार नहीं देखने को मिल रहा है
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Uttarakhand Congress News कांग्रेस में लगातार किसी न किसी वजह के चलते बगावती सुर उठते रहे हैं। तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष और उपनेता के ऐलान ने कई लोगों के चेहरे का रंग फीका कर दिया है।कांग्रेस हाईकमान ने गुटबाजी को खत्म करने और संगठन को मजबूत करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर चेहरों में बदलाव करते हुए जिम्मेदारियां सौंपी है ।
वहीँ कांग्रेस के हाईकमान द्वारा लिए गए कुमाऊं और गड़वाल के समीकरण पर प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपनी ही पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए हाईकमान पर निशाना दाग दिया, और कहा की गढ़वाल कुमाऊँ जैसी कोई बात नहीं है। मगर शरीर का एक हिस्सा मजबूत किया जाए और दूसरे हिस्से को कमज़ोर रहने दे तो आदमी ज्यादा देर नही खड़ा रह सकता है औऱ इसके ही गणेश गोदियाल ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस हाईकमान जरूर इस पर सोचेगा।
Uttarakhand Congress News बता दें, नामों के ऐलान होने के बाद पूर्व अध्यक्ष से लेकर नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके और लगातार पांच बार से विधायक चुने जा रहे प्रीतम सिंह भी नाराज बताए जा रहे हैं, नामो की घोषणा के बाद से जिस तरह का माहौल कांग्रेस में नजर आ रहा है उससे कयासों का बाजार और भी गर्म हो गया,सियासी हलकों में कई बातें तैर रही है।पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कि नाराजगी नजर आई तो वही यशपाल आर्य से नाराज बगावत सुरों ने कांग्रेस आलाकमान की टेंशन बढ़ा दी